नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर में कावड़ यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. गाजियाबाद में मेरठ रोड स्थित कावड़ मार्ग पर दर्जनों शिविर कांवड़ियों के ठहरने के लिए लगाए गए हैं. हरिद्वार से जल लेकर वापस आते हजारों शिव भक्त कावड़ मार्ग पर दिखाई दे रहे हैं. वहीं, इस दौरान कावड़ मार्ग पर आस्था का एक अद्भुत नजारा देखने को मिला. 7 साल की मासूम बच्ची हरिद्वार से कावड़ लेकर आती हुई दिखाई दी.
सात साल की लक्ष्मी अपनी बुआ और चाचा के साथ हरिद्वार से कावड़ लेकर आ रही है. मासूम के परिवार दिल्ली के नजफगढ़ का रहने वाला है. हरिद्वार से नजफगढ़ की दूरी तकरीबन ढाई सौ किलोमीटर है. 21 जुलाई को लक्ष्मी ने हरिद्वार से जल उठाया था. हर दिन तकरीबन 20 से 25 किलोमीटर पैदल चलती है. खास बात यह है कि बीते 7 दिनों से मासूम लगातार पैदल चल रही है. लेकिन ना उसे थकान महसूस होती है न किसी प्रकार का पैरों में दर्द का एहसास होता है. आसपास से गुजर रहे हैं कावड़ यात्री लक्ष्मी को देखकर चौंक जाते हैं.
लक्ष्मी की बुआ काजल बताती है कि जब हम कावड़ लेने के लिए दिल्ली से निकल रहे थे तब लक्ष्मी ने भी कहा कि वो भी साथ चलेगी. फैसला लक्ष्मी के माता-पिता को करना था. मासूम बच्ची को कई बार समझाया की बहुत लंबा रास्ता है, कई दिनों का वक्त लगेगा, पैदल चलना पड़ेगा. लेकिन उसकी इच्छा थी कि वह कावड़ यात्रा पर जरूर जाएगी. लक्ष्मी के माता-पिता बीमार रहते हैं ऐसे में उसने अपने माता-पिता की सेहत की कामना के लिए कावड़ उठाया है.
काजल ने बताया कि कई बार जब हम देर तक किसी शिविर में रुकते हैं तो लक्ष्मी कहने लगती है कि अब आगे बढ़ते हैं. ऐसा लगता है कि यह तो भोलेनाथ का चमत्कार है कि कई बार हमें थकान महसूस होती है लेकिन इस मासूम बच्ची को थकान का अहसास तक नहीं होता. अब गाजियाबाद पहुंच गए हैं. दिल्ली पहुंचने में बस एक दिन और लगेगा.
लक्ष्मी की उम्र भले ही कम है लेकिन वह बहुत समझदार है. लक्ष्मी ने बताया कि अपनी माता-पिता की सेहत के लिए उसने कावड़ उठाया है. विश्वास है कि जल्द भोलेनाथ माता-पिता को ठीक कर देंगे. इतना ही नहीं हरिद्वार कावड़ यात्रा पर निकलने से पहले लक्ष्मी ने अपना कावड़ भी खुद से सजाया है.
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