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रांची में चोर गिरोह के सात सदस्य गिरफ्तार, नाबालिग को बनाया जाता था मुख्य किरदार - Seven People arrested in Ranchi

SEVEN PEOPLE ARRESTED IN RANCHI. रांची पुलिस ने एक बड़े मोबाइल चोर गिरोह का खुलासा करते हुए दो नाबालिग सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार सभी चोर साहिबगंज के तीन पहाड़ इलाके के रहने वाले हैं.

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चोर गिरोह के सात सदस्य गिरफ्तार (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 19, 2024, 9:15 PM IST

Updated : Jun 19, 2024, 10:08 PM IST

रांची: राजधानी में एक बड़े मोबाइल चोर गिरोह का खुलासा हुआ है. पुलिस ने चोर गिरोह में शामिल दो नाबालिग सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही आरोपियों के पास से 79 चोरी के मोबाइल बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार सभी चोर साहिबगंज के तीन पहाड़ इलाके के रहने वाले हैं.

नाबालिग को बनाया जाता था मुख्य किरदार

राजधानी रांची में साहिबगंज का तीन पहाड़ी गिरोह मोबाइल चोरी के वारदातों को अंजाम दे रहा था. रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि मोबाइल चोर गिरोह के सदस्य चेन सिस्टम बनाकर मोबाइल चोरी करते थे. गिरोह के 5 से 6 सदस्य एक साथ मोबाइल चोरी करने के लिए भीड़भाड़ वाले इलाके में जाते थे. इसके बाद गिरोह का नाबालिग सदस्य मोबाइल गायब करता था और ठीक अपने पीछे खड़े साथी को थमा देता था. फिर मोबाइल एक हाथ से दूसरे हाथ होते हुए चोरों के अड्डे तक पहुंचा दिया जाता था. इस दौरान अगर कोई चोर पकड़ा भी जाता तो उसके पास मोबाइल बरामद नहीं होता था.

मोबाइल चोरी के मामले में जानकारी देते एससपी (ETV BHARAT)

छापेमारी में सभी आरोपियों की हुई गिरफ्तारी

रांची एससपी के अनुसार मंगलवार की शाम रांची के रातू इलाके से एक मोबाइल चोर को चोरी करते हुए ग्रामीणों ने रंगे हाथ पकड़ लिया. इसके बाद चोर को पुलिस के हवाले कर दिया. पकड़े गए चोर से जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह साहिबगंज के तीन पहाड़ी इलाके का रहने वाला है और उसके कई साथी रांची में फिलहाल मौजूद है. गिरफ्तार आरोपी के बयान पर रांची पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चोरों के अड्डे पर रेड किया, जहां से एक नाबालिग सहित 6 लोग पकड़े गए.

बांग्लादेश में बेचते थे चोरी के मोबाइल

पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार चोरों ने खुलासा किया. उनके अनुसार गिरोह में अधिकांश लोग साहिबगंज के रहने वाले हैं और सभी आपस में रिश्तेदार हैं. उनका मुखिया साहिबगंज में रहता है जो उन्हें हर महीने चोरी के एवज में वेतन देता है. वेतन अगर पूरा लेना होता है तो उसके लिए उन्हें एक टारगेट दिया जाता है कि महीने में इतने मोबाइल चोरी करने हैं. इसके बाद चोरी के सारे मोबाइल वे लोग साहिबगंज पहुंचा देते थे जिसके बाद उनका सरगना उसे बांग्लादेश में बेच देता था.

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ये भी पढ़ें: बोकारो के सुंदरम स्टील प्राइवेट लिमिटेड में इनकम टैक्स का छापा

रांची: राजधानी में एक बड़े मोबाइल चोर गिरोह का खुलासा हुआ है. पुलिस ने चोर गिरोह में शामिल दो नाबालिग सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही आरोपियों के पास से 79 चोरी के मोबाइल बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार सभी चोर साहिबगंज के तीन पहाड़ इलाके के रहने वाले हैं.

नाबालिग को बनाया जाता था मुख्य किरदार

राजधानी रांची में साहिबगंज का तीन पहाड़ी गिरोह मोबाइल चोरी के वारदातों को अंजाम दे रहा था. रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि मोबाइल चोर गिरोह के सदस्य चेन सिस्टम बनाकर मोबाइल चोरी करते थे. गिरोह के 5 से 6 सदस्य एक साथ मोबाइल चोरी करने के लिए भीड़भाड़ वाले इलाके में जाते थे. इसके बाद गिरोह का नाबालिग सदस्य मोबाइल गायब करता था और ठीक अपने पीछे खड़े साथी को थमा देता था. फिर मोबाइल एक हाथ से दूसरे हाथ होते हुए चोरों के अड्डे तक पहुंचा दिया जाता था. इस दौरान अगर कोई चोर पकड़ा भी जाता तो उसके पास मोबाइल बरामद नहीं होता था.

मोबाइल चोरी के मामले में जानकारी देते एससपी (ETV BHARAT)

छापेमारी में सभी आरोपियों की हुई गिरफ्तारी

रांची एससपी के अनुसार मंगलवार की शाम रांची के रातू इलाके से एक मोबाइल चोर को चोरी करते हुए ग्रामीणों ने रंगे हाथ पकड़ लिया. इसके बाद चोर को पुलिस के हवाले कर दिया. पकड़े गए चोर से जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह साहिबगंज के तीन पहाड़ी इलाके का रहने वाला है और उसके कई साथी रांची में फिलहाल मौजूद है. गिरफ्तार आरोपी के बयान पर रांची पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चोरों के अड्डे पर रेड किया, जहां से एक नाबालिग सहित 6 लोग पकड़े गए.

बांग्लादेश में बेचते थे चोरी के मोबाइल

पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार चोरों ने खुलासा किया. उनके अनुसार गिरोह में अधिकांश लोग साहिबगंज के रहने वाले हैं और सभी आपस में रिश्तेदार हैं. उनका मुखिया साहिबगंज में रहता है जो उन्हें हर महीने चोरी के एवज में वेतन देता है. वेतन अगर पूरा लेना होता है तो उसके लिए उन्हें एक टारगेट दिया जाता है कि महीने में इतने मोबाइल चोरी करने हैं. इसके बाद चोरी के सारे मोबाइल वे लोग साहिबगंज पहुंचा देते थे जिसके बाद उनका सरगना उसे बांग्लादेश में बेच देता था.

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Last Updated : Jun 19, 2024, 10:08 PM IST
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