पटनाः बिहार के कई जिलों में केले की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है. बिहार कृषि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कृषि विभाग भी लगातार पहल कर रहा है, इस कड़ी में पटना के गांधी मैदान में बागवानी महोत्सव का आयोजन किया गया है, जहां लाया गया 7 फीट का केला घौद आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसके अलावा 5 किलो की मूली, गुलाबी पीले और वाइट कलर की गोभी भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है.
बागवानी महोत्सव में कलस्थानी बड़हरी केलाः सीतामढ़ी के बिशनपुर रति गांव के रहने वाले किसान सुरेंद्र सिंह कुशवाहा कलस्थानी बड़हरी केला लेकर आए हैं. उन्होंने बताया कि बिहार में इस तरह का केला आपको कहीं देखने को नहीं मिलेगा. पिछले तीन वर्षों से वो कलस्थानी बड़हरी केले की खेती कर रहे हैं. उन्होंने तीन बीघा में इसका खेती की है. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि इस केले की खेती एक बीघा में करने पर 70 से 80 हजार रुपए लागत आती है और तीन से चार लाख रुपया कमाई होती है.
"एक केला घौद को 1800 से लेकर 2000 में बेचते हैं. जिसमें 30 से 40 दर्जन केला निकलता है. 9 फीट का भी घौद होता है. बिहार के जो किसान इस केले की खेती कर आमदनी करना चाहते हैं उनको हमारे गांव से आकर बीज लेना होगा. एक बीज 100 रुपये में देते हैं. इस केले का खेती करने के लिए दोमट मिट्टी बेस्ट है, वैसे तो सभी मिट्टी में ये खेती की जा सकता है"- सुरेंद्र सिंह कुशवाहा, किसान
रंग बिरंगी फूलगोभी बनी आकर्षणः वहीं, प्रदर्शनी में फूलगोभी लेकर पहुंचे किसान अमरेश ने बताया कि यह फूलगोभी कलरफुल है, सब हाइब्रिड है लोग उजाला फूलगोभी देखे हैं या खरीदते हैं. पीला या गुलाबी गोभी कलर के साथ साथ स्वादिष्ट भी होता है. खेती में मेहनत होती है, लेकिन आज के जमाने में अगर बेहतर ढंग से कमाई करना है तो बेहतर खेती करनी होगी, तभी जाकर किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
महोत्सव में किसानों को मिल रहा लाभः किसान अमरेश ने बताया कि एक एकड़ में अगर फूलगोभी की खेती की जाए तो डेढ़ से 2 लाख रुपये की कमाई होती है. बता दें कि बागवानी महोत्सव में तरह-तरह के फल और सब्जियों की प्रदर्शनी लगाई गई है, जहां पर लोग देख रहे हैं, जानकारी प्राप्त कर रहे हैं और कई किसान एक दूसरे से समझ कर अपनी खेती के तरीका बदलने का मार्गदर्शन भी प्राप्त कर रहे हैं.
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