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पलामू में सात बाल मजदूरों को कराया गया मुक्त, नक्सली इलाके में होटलों और ढाबों में करायी जा रही थी मजदूरी - Child labourers rescue

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 14, 2024, 7:21 AM IST

Child labourers rescued in Palamu. पलामू में सात बाल मजदूरों का रेस्क्यू किया गया. सभी से नक्सल इलाके में होटल और ढाबों में मजदूरी कराई जा रही थी. पलामू में लगातार बाल श्रम के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है.

Child labourers rescued in Palamu
मुक्त कराए गए बाल मजदूरों के साथ अधिकारी (ईटीवी भारत)

पलामू: जिले में बाल मजदूरी के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. बाल श्रम के खिलाफ गठित विशेष टीम ने छापेमारी कर सात बाल मजदूरों को मुक्त कराया है. मुक्त कराये गये बाल मजदूर चतरा के कुंदा, पलामू के पांकी और मनातू के रहने वाले हैं.

दरअसल, पलामू क्षेत्र में एक माह से बाल श्रम के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसी सिलसिले में गुरुवार को जिला श्रम पदाधिकारी एतवारी महतो, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार, सीडब्ल्यूसी सदस्य धीरेंद्र किशोर के नेतृत्व में पांकी क्षेत्र में छापेमारी की गयी. पांकी के विभिन्न क्षेत्रों में छह होटलों और ढाबों में यह छापेमारी की गयी. इस दौरान सात बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया.

बाल मजदूरों ने बताया कि उन्हें महीने में तीन से चार हजार रुपये मजदूरी मिलती है. सीडब्ल्यूसी की पहल पर मुक्त कराये गये सभी बाल मजदूरों को बाल गृह में रखा गया है. बच्चों के परिजनों को इसकी सूचना दे दी गयी है. सीडब्ल्यूसी सभी के परिजनों की काउंसलिंग कर बच्चों को उनके हवाले करेगी.

जिला श्रम पदाधिकारी एतवारी महतो ने बताया कि मुक्त कराये गये सभी बच्चों का सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन किया जायेगा. गांव में बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है. मामले में प्रशासनिक पहल भी की जाएगी. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार ने बताया कि पूरे महीने बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. छापेमारी में अग्रघाटी के निक्कू पाठक, सीएचएल सुधांशु शुक्ला समेत कई लोग शामिल थे.

पलामू: जिले में बाल मजदूरी के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. बाल श्रम के खिलाफ गठित विशेष टीम ने छापेमारी कर सात बाल मजदूरों को मुक्त कराया है. मुक्त कराये गये बाल मजदूर चतरा के कुंदा, पलामू के पांकी और मनातू के रहने वाले हैं.

दरअसल, पलामू क्षेत्र में एक माह से बाल श्रम के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसी सिलसिले में गुरुवार को जिला श्रम पदाधिकारी एतवारी महतो, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार, सीडब्ल्यूसी सदस्य धीरेंद्र किशोर के नेतृत्व में पांकी क्षेत्र में छापेमारी की गयी. पांकी के विभिन्न क्षेत्रों में छह होटलों और ढाबों में यह छापेमारी की गयी. इस दौरान सात बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया.

बाल मजदूरों ने बताया कि उन्हें महीने में तीन से चार हजार रुपये मजदूरी मिलती है. सीडब्ल्यूसी की पहल पर मुक्त कराये गये सभी बाल मजदूरों को बाल गृह में रखा गया है. बच्चों के परिजनों को इसकी सूचना दे दी गयी है. सीडब्ल्यूसी सभी के परिजनों की काउंसलिंग कर बच्चों को उनके हवाले करेगी.

जिला श्रम पदाधिकारी एतवारी महतो ने बताया कि मुक्त कराये गये सभी बच्चों का सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन किया जायेगा. गांव में बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है. मामले में प्रशासनिक पहल भी की जाएगी. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार ने बताया कि पूरे महीने बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. छापेमारी में अग्रघाटी के निक्कू पाठक, सीएचएल सुधांशु शुक्ला समेत कई लोग शामिल थे.

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