फर्रुखाबाद : जिले में बुधवार को थाना राजेपुर के कटरी क्षेत्र में खेत जोतने को लेकर 15 साल पहले ग्रामीण की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में न्यायालय ने एसटी/एससी एक्ट में सात आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 3.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतने के आदेश न्यायालय ने दिए हैं. वहीं, इस मामले में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में आठ लोगों को दोषमुक्त कर दिया था.
राजेपुर थानाक्षेत्र के गांव कुसमापुर निवासी विपिन कुमार ने अमृतपुर थाना क्षेत्र के गांव बलीपट्टी निवासी संतोष मिश्रा, बबलू मिश्रा, नन्हें, अजीत, हरिओम, रामदुलारे, सुशील, सुरेंद्र उर्फ दरोगा, अवध किशोर, रामसनेही, रामकिशोर, चंद्रभान, बनवारी लाल शुक्ला व धर्मेंद्र उर्फ धनीराम के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि विपिन कुमार के पिता बालकिशन, चाचा रामकिशन, भाई वीरेश व अरुणेश सात अक्टूबर 2009 को गंगा की कटरी में जुताई करने के लिए गए थे. आरोपितों ने खेत जोतने से मना किया तो दोनों पक्षों के बीच गालीगलौज होने लगी. देखते ही देखते मारपीट व फायरिंग शुरू हो गई. जिससे बालकिशन की गोली लगने से मौत हो गई. घटना में चाचा रामकिशन व भाई वीरेश व अरुणेश घायल हो गए. दूसरे पक्ष से गांव बलीपट्टी निवासी मुकुंदराम, गांव कुसमापुर निवासी रामकिशन जाटव, विनय कुमार उर्फ छोटे भइया समेत 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया गया था.
मुकदमें की सुनवाई के दौरान आरोपित चंद्रभान की मौत हो चुकी है. विवेचक ने संतोष मिश्रा, बबलू मिश्रा, नन्हें, अजीत, रामदुलारे, सुशील, सुरेंद्र उर्फ दरोगा, रामसनेही, रामकिशोर, धर्मेंद्र उर्फ धनीराम, बनवारी लाल शुक्ला के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. बुधवार को मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने आरोपी संतोष मिश्रा, बबलू मिश्रा, नन्हें, अजीत, हरिओम, रामदुलारे, सुशील को दोषी करार दिया था. साक्ष्य के अभाव में सुरेंद्र उर्फ दरोगा, रामसनेही, रामकिशोर, अवध किशोर, धमेंद्र उर्फ धनीराम, बनवारी लाल शुक्ला को दोषमुक्त कर दिया. जानलेवा हमले के मुकदमे में विवेचक ने रामकिशन जाटव, विनय कुमार उर्फ छोटे भइया उर्फ विजय कुमार, अनिल कुमार जाटव, अजय पाल जाटव, अरुणेश जाटव, रामपाल जाटव, पिंटू उर्फ बंटू उर्फ चुन्नू, विनय कुमार जाटव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सभी आठों लोगों को दोषमुक्त कर दिया था. गुरुवार को हत्या में दोषी संतोष, बबलू, नन्हें, अजीत, हरिओम, रामदुलारे, सुशील को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.