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विवेक विहार बेबी केयर अग्निकांड मामले में आरोप तय करने पर 20 सितंबर को विचार करेगा सेशंस कोर्ट - New Born Child Hospital fire case

New Born Child Hospital fire case: पूर्वी दिल्ली में बेबी केयर सेंटर में आग की घटना में नवजातों की मौत मामले में आरोप तय करने पर सेशंस कोर्ट 20 सितंबर को विचार करेगा. गुरुवार को सुनवाई के दौरान इस मामले के दोनों आरोपी डॉ. नवीन खीची और डॉ. आकाश कोर्ट में पेश हुए.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 8, 2024, 8:15 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट का सेशंस कोर्ट विवेक विहार बेबी केयर सेंटर अग्निकांड मामले में आरोपियों के खिलाफ 20 सितंबर को आरोप तय करने पर विचार करने का आदेश दिया. एडिशनल सेशंस जज निपुण अवस्थी ने ये आदेश दिया. सुनवाई के दौरान इस मामले के दोनों आरोपी डॉक्टर नवीन खीची और डॉ. आकाश कोर्ट में पेश हुए. इसके पहले 2 अगस्त को चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए इस मामले पर आगे की सुनवाई के लिए सेशंस जज को रेफर कर दिया था.

दिल्ली पुलिस ने 24 जुलाई को इस मामले में चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में अस्पताल के मालिक डॉक्टर नवीन कीची और डॉक्टर आकाश को आरोपी बनाया गया है. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 308, 34 और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 के तहत आरोप लगाया गया है. बता दें, 25 मई को विवेक विहार बेबी केयर सेंटर में आग लग गई थी, जिसमें सात बच्चों की मौत हो गई थी. इस अस्पताल में 12 मासूम भर्ती थे. आग लगने पर पुलिस, दमकल विभाग, अस्पताल, स्टाफ और आम लोगों ने किसी तरह अस्पताल की इमारत के पिछले हिस्से में मौजूद खिड़की के रास्ते सभी 12 बच्चों को निकाला.

यह भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस ने बेबी केयर अस्पताल अग्निकांड में दाखिल की चार्जशीट, दो डॉक्टरों को बनाया आरोपी

इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने अस्पताल के मालिक डॉक्टर नवीन कीची और एक डॉक्टर आकाश को गिरफ्तार किया था. डॉक्टर आकाश के पास बीएएमएस की डिग्री है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस अस्पताल के पास केवल पांच बेड की अनुमति थी लेकिन ये अस्पताल 12 बेड का चलाया जा रहा था. जांच के दौरान अस्पताल परिसर में आग बुझाने वाला एक भी सिलेंडर नहीं मिला. अस्पताल में आपातकालीन स्थिति में इमरजेंसी एग्जिट गेट भी नहीं बनाया गया था. अस्पताल का लाइसेंस भी समाप्त हो गया था.

यह भी पढ़ें- विवेक विहार बेबी केयर अस्पताल में आग लगने के मामले में दाखिल चार्जशीट पर अगली सुनवाई 8 अगस्त को

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट का सेशंस कोर्ट विवेक विहार बेबी केयर सेंटर अग्निकांड मामले में आरोपियों के खिलाफ 20 सितंबर को आरोप तय करने पर विचार करने का आदेश दिया. एडिशनल सेशंस जज निपुण अवस्थी ने ये आदेश दिया. सुनवाई के दौरान इस मामले के दोनों आरोपी डॉक्टर नवीन खीची और डॉ. आकाश कोर्ट में पेश हुए. इसके पहले 2 अगस्त को चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए इस मामले पर आगे की सुनवाई के लिए सेशंस जज को रेफर कर दिया था.

दिल्ली पुलिस ने 24 जुलाई को इस मामले में चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में अस्पताल के मालिक डॉक्टर नवीन कीची और डॉक्टर आकाश को आरोपी बनाया गया है. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 308, 34 और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 के तहत आरोप लगाया गया है. बता दें, 25 मई को विवेक विहार बेबी केयर सेंटर में आग लग गई थी, जिसमें सात बच्चों की मौत हो गई थी. इस अस्पताल में 12 मासूम भर्ती थे. आग लगने पर पुलिस, दमकल विभाग, अस्पताल, स्टाफ और आम लोगों ने किसी तरह अस्पताल की इमारत के पिछले हिस्से में मौजूद खिड़की के रास्ते सभी 12 बच्चों को निकाला.

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इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने अस्पताल के मालिक डॉक्टर नवीन कीची और एक डॉक्टर आकाश को गिरफ्तार किया था. डॉक्टर आकाश के पास बीएएमएस की डिग्री है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस अस्पताल के पास केवल पांच बेड की अनुमति थी लेकिन ये अस्पताल 12 बेड का चलाया जा रहा था. जांच के दौरान अस्पताल परिसर में आग बुझाने वाला एक भी सिलेंडर नहीं मिला. अस्पताल में आपातकालीन स्थिति में इमरजेंसी एग्जिट गेट भी नहीं बनाया गया था. अस्पताल का लाइसेंस भी समाप्त हो गया था.

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