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प्राइवेट कंपनी के कर्मियों पर गंभीर आरोप, पैसे नहीं देने पर गई नौकरी, शराब दुकानों में थी नियुक्ति - EMPLOYEES LOST JOB

जांजगीर चांपा में शराब दुकानों से हटाए गए कर्मचारियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं.कर्मियों की माने तो पैसे नहीं देने पर उन्हें हटाया गया है.

Lost job for not paying money
प्राइवेट कंपनी के कर्मियों पर गंभीर आरोप (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 23, 2024, 6:49 PM IST

जांजगीर चांपा : शराब दुकानों में सेल्समैन के पद पर नियुक्ति के लिए पैसे लेने का मामला सामने आया है. जांजगीर चांपा में प्राइम वन वर्क फोर्स प्राइवेट कंपनी के चार कर्मचारियों पर पैसा उगाही करने के आरोप लगे हैं. शराब दुकान में काम करने वाले पूर्व कर्मियों ने कंपनी के 4 कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कर्मियों की माने तो प्राइम वन कम्पनी जिले के शराब दुकानों में सेल्स मैन से लेकर दूसरे पदों पर नियुक्ति करती है.

पैसे लेकर दी जाती है नौकरी : कर्मियों का आरोप है कि नौकरी के बदले दो-दो लाख रूपये प्रति उम्मीदवार लिए जाते हैं. साथ ही ठेका कंपनी के चार कर्मचारियों पर हर महीने प्रत्येक शराब दुकान से 30 से 40 हजार रुपए वीआईपी सेटिंग के लिए लिया जाता है.कंपनी से निकाले गए कर्मियों ने अब कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है.

प्राइवेट कंपनी के कर्मियों पर गंभीर आरोप (ETV Bharat Chhattisgarh)


पूर्व कर्मियों ने लगाए गंभीर आरोप : जांजगीर चांपा जिला के देशी विदेशी मदिरा दुकान के 11 कर्मचारियों को ठेका कंपनी प्राइम वन आर्म फोर्स ने निकाल दिया है.ये सभी कर्मी एक साल से नौकरी कर रहे थे. इस कार्रवाई के पीछे प्राइम वन कम्पनी के चार कर्मचारियों को एक-एक लाख रूपए की घूस नहीं देना बताया जा रहा है.

एक साल पहले भी शराब दुकान में नौकरी लगाने के लिए दो दो लाख रूपये लिए गए थे. अब एक साल होने के बाद फिर से एक-एक लाख रूपए की मांग की गई है. घूस की राशि नहीं देने के कारण नौकरी से हटा दिया गया- विश्वनाथ कश्यप, शिकायतकर्ता

प्राइम वन कंपनी ने एक साल पहले शराब दुकानों में नियुक्त किए गए कर्मचारियों को एकाएक नौकरी से निकाल दिया गया. हटाने के बाद कर्मचारियो ने चार कर्मचारियों के खिलाफ नामजद शिकायत की हैं. जिसमें अजित सिंह, गौरव शुक्ला,चन्द्रिका चंद्रा और कमलेश साहू पर नौकरी में फिर से रखने के लिए एक-एक लाख रुपए मांगने का आरोप है. वहीं एडिशनल कलेक्टर ने जांच की बात कही है.

इस मामले की शिकायत को गंभीरता से लिया हैं. मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं- एसपी वैद्य ,एडिशनल कलेक्टर

आपको बता दें कि जिला के 11 शराब दुकानों से निकाले गए कर्मचारियों ने ठेका कम्पनी प्राइम वन वर्क फोर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसमें नियुक्ति से लेकर प्रति माह शराब दुकानों से अवैध वसूली का भी गंभीर आरोप है. कर्मचारियों के आरोपों पर जांच के निर्देश प्रशासन ने दिए हैं. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद वास्तविकता समाने आएगी.

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पैसे लेकर दी जाती है नौकरी : कर्मियों का आरोप है कि नौकरी के बदले दो-दो लाख रूपये प्रति उम्मीदवार लिए जाते हैं. साथ ही ठेका कंपनी के चार कर्मचारियों पर हर महीने प्रत्येक शराब दुकान से 30 से 40 हजार रुपए वीआईपी सेटिंग के लिए लिया जाता है.कंपनी से निकाले गए कर्मियों ने अब कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है.

प्राइवेट कंपनी के कर्मियों पर गंभीर आरोप (ETV Bharat Chhattisgarh)


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एक साल पहले भी शराब दुकान में नौकरी लगाने के लिए दो दो लाख रूपये लिए गए थे. अब एक साल होने के बाद फिर से एक-एक लाख रूपए की मांग की गई है. घूस की राशि नहीं देने के कारण नौकरी से हटा दिया गया- विश्वनाथ कश्यप, शिकायतकर्ता

प्राइम वन कंपनी ने एक साल पहले शराब दुकानों में नियुक्त किए गए कर्मचारियों को एकाएक नौकरी से निकाल दिया गया. हटाने के बाद कर्मचारियो ने चार कर्मचारियों के खिलाफ नामजद शिकायत की हैं. जिसमें अजित सिंह, गौरव शुक्ला,चन्द्रिका चंद्रा और कमलेश साहू पर नौकरी में फिर से रखने के लिए एक-एक लाख रुपए मांगने का आरोप है. वहीं एडिशनल कलेक्टर ने जांच की बात कही है.

इस मामले की शिकायत को गंभीरता से लिया हैं. मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं- एसपी वैद्य ,एडिशनल कलेक्टर

आपको बता दें कि जिला के 11 शराब दुकानों से निकाले गए कर्मचारियों ने ठेका कम्पनी प्राइम वन वर्क फोर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसमें नियुक्ति से लेकर प्रति माह शराब दुकानों से अवैध वसूली का भी गंभीर आरोप है. कर्मचारियों के आरोपों पर जांच के निर्देश प्रशासन ने दिए हैं. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद वास्तविकता समाने आएगी.

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