सिवनी: जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर लखनादौन विकासखंड के गणेशगंज से 500 मीटर की ऊंचाई पर मां बाला त्रिपुर सुंदरी देवी का मंदिर स्थापित है, जहां मां भगवती की आराधना मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. यहां पर दोनों नवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें श्रद्धालुओं द्वारा नवरात्रि पर अपनी मनोकामना पूर्ति के ज्योत कलश रखे जाते हैं. मंदिर में शारदीय नवरात्रि शुरू होते ही आसपास के जिलों से भी यहां श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.
क्या है त्रिपुर सुंदरी देवी मंदिर का इतिहास ?
मंदिर के पुजारी ब्रम्हचारी राघवानंद ने बताया कि ''यह मंदिर बहुत पुराना है और गुरुजी ने इस मंदिर को खंडहर में देखा था. इसके बाद गुरुजी ने आकर सन 1984 में मां भगवती त्रिपुर सुंदरी देवी की प्राण प्रतिष्ठा की और जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के कर कमलों से 9 जून 2010 में इसका जीर्णोद्धार किया गया. तब यहां पर बहुत बड़ा यज्ञ किया था. यह कार्यक्रम 9 दिनों तक आयोजित किया गया था. उसके बाद जो भगवती की पुरानी प्रतिमा है, उसके पीछे एक छोटे मन्दिर में स्थापित किया गया है. मंदिर परिसर में भगवान शंकर भोलेनाथ भी शिवलिंग के रुप में विराजित हैं.''
आराधना मात्र से खुश हो जाती हैं मां भगवती
ब्रम्हचारी राघवानंद ने बताया कि ''गुरुजी बताते हैं कि भगवती की आराधना करने से ही वह प्रसन्न हो जाती हैं. उनकी आराधना से सबकुछ मिल जाता है. इस क्षेत्र के लोगों का सौभाग्य है कि जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने यहां मां बाला त्रिपुर सुंदरी देवी की प्राण प्रतिष्ठा की है. आगामी दिसंबर महीने में मां राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी देवी व मां बाला भवानीपुर सुंदरी देवी की रथ यात्रा का आयोजन यहीं से होगा. इस कार्यक्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज भी शामिल होंगे.'' यह मंदिर एक टेकरी पर स्थापित है, जो लगभग 500 मीटर में ऊंचाई में है. मां भगवती के दरबार में शांति का वातावरण है. नवरात्रि के दिनों में विशेषकर अष्टमी के दिन यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं.