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गारंटी पीरियड में ही बदहाल हो गया देश का पहला साउंड एंड लाइट प्रूफ नेशनल हाईवे - Seoni soundproof bridge condition

सिवनी में नेशनल हाईवे-44 पर बना साउंड एंड लाइट प्रूफ ब्रिज बारिश की वजह से कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो गया है. इसके बाद इसे बनाने वाली कंपनी मेंटनेंस का काम कर रही है.

SEONI SOUNDPROOF BRIDGE CONDITION
गारंटी पीरियड में ही बदहाल हो गया देश का पहला साउंड एंड लाइट प्रूफ नेशनल हाईवे (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 23, 2024, 9:20 PM IST

सिवनी: कभी अपनी सुंदरता और खासियत के लिए देश ही नहीं दुनियाभर में चर्चाओं में रहने वाला मध्य प्रदेश के सिवनी में बना देश का सबसे सुंदर और पहला साउंड एंड लाइट प्रूफ नेशनल हाईवे गारंटी पीरियड के भीतर ही बदहाल हो गया है. इसके बाद इस नेशनल हाईवे को बनाने वाली कंपनी मेंटनेंस का काम कर रही है.

3 साल के भीतर ही सबसे सुंदर नेशनल हाईवे हुआ बदहाल

16 सितंबर 2021 को करीब 960 करोड़ रुपए की लागत से देश का सबसे सुंदर साउंड एंड लाइट प्रूफ नेशनल हाईवे सिवनी से नागपुर के बीच बनाया गया था. दावा किया गया कि यह देश का पहला साउंड एंड लाइट प्रूफ नेशनल हाईवे है, जो पेंच नेशनल पार्क के बफर इलाके में बनाया गया है, ताकि यहां जंगली जानवर आसानी से अपनी जिंदगी जी सकें. अब इसमें दरारें आ गई हैं, जिसकी वजह से अब कंपनी फिर से मेंटेनेंस का काम कर रही है.

गारंटी पीरियड में ही आ गई दरारें

नेशनल हाईवे क्रमांक 44 मध्य प्रदेश के सिवनी से महाराष्ट्र के नागपुर को जोड़ता है. इसी बीच में पेंच नेशनल पार्क का बफर जोन लगता है, जिसमें कई जानवर सड़क हादसे के शिकार हो जाते थे. जानवर आसानी से विचरण कर सकें, इसके लिए नेशनल हाईवे साउंड एंड लाइट प्रूफ बनाया गया. 29 किलोमीटर के इस साउंड प्रूफ हाईवे में 14 अंडरपास बनाए गए हैं, जिसमें जंगली जानवर आसानी से आ जा सकते हैं और ऊपर से फर्राटे से वाहन दौड़ते हैं. नेशनल हाईवे का निर्माण करने वाली कंपनी को 4 साल तक की गारंटी थी. इसके बाद मेंटनेंस नेशनल हाईवे ऑफ अथॉरिटी करेगी. 4 साल का समय खत्म भी नहीं हुआ और इस नेशनल हाईवे में दरार आ गई है.

अंडरपास की क्या है खासियत, क्यों रहा चर्चा में?

मोहगांव से खवासा के बीच 3145 मीटर लंबाई के 14 अंडरपास बनाए गए हैं. ताकि पेंच टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी आसानी से विचरण कर सकें. हाईवे पर चलने वाली गाड़ियों की आवाज और लाइट वन्यजीवों को डिस्टर्ब न करे, इसके लिए भी फोरलेन सड़क के दोनों किनारों पर साउंड बैरियर और हेडलाइट रिड्युसर लगाकर 4 मीटर ऊंची स्टील की दीवार खड़ी की गई. नेशनल हाईवे के ऊपर हवा से बातें करते सरपट वाहन दौड़ते हैं, लेकिन उनकी आवाज और लाइट नीचे जंगल में जानवरों तक नहीं पहुंचती है.

ये भी पढ़ें:

सिवनी के नेशनल हाईवे 44 पर बना साउंड प्रूफ ब्रिज हुआ बदहाल, मरम्मतीकरण का कार्य चालू

पेंच टाइगर रिजर्व के जानवरों के लिए देश का पहला लाइट एंड साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे, देखें- क्या हैं इसकी खासियत

पहले हवा से बातें करती थी गाड़ियां, अब लेती हैं हिचकोले

जब इस नेशनल हाईवे का उद्घाटन हुआ तो यहां पर गाड़ियां हवा से बातें करते हुए दौड़ती थीं, लेकिन अब उसके उलट गाड़ियां हिचकोले खाते हुए यहां से निकलती हैं. इसको लेकर निर्माण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं. हालांकि नेशनल हाईवे का निर्माण करने वाली कंपनी ने मेंटेनेंस का काम फिर से शुरू कर दिया है. NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संजीव शर्मा का कहना है कि ''नेशनल हाईवे के निर्माण में किसी भी तरह की गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं किया गया है, लेकिन बारिश के चलते कुछ पैनलों मैं खराबी आ गई थी, जिनका मेंटेनेंस निर्माण करने वाली कंपनी के द्वारा किया जा रहा है क्योंकि अभी नेशनल हाईवे का निर्माण गारंटी पीरियड में है.''

सिवनी: कभी अपनी सुंदरता और खासियत के लिए देश ही नहीं दुनियाभर में चर्चाओं में रहने वाला मध्य प्रदेश के सिवनी में बना देश का सबसे सुंदर और पहला साउंड एंड लाइट प्रूफ नेशनल हाईवे गारंटी पीरियड के भीतर ही बदहाल हो गया है. इसके बाद इस नेशनल हाईवे को बनाने वाली कंपनी मेंटनेंस का काम कर रही है.

3 साल के भीतर ही सबसे सुंदर नेशनल हाईवे हुआ बदहाल

16 सितंबर 2021 को करीब 960 करोड़ रुपए की लागत से देश का सबसे सुंदर साउंड एंड लाइट प्रूफ नेशनल हाईवे सिवनी से नागपुर के बीच बनाया गया था. दावा किया गया कि यह देश का पहला साउंड एंड लाइट प्रूफ नेशनल हाईवे है, जो पेंच नेशनल पार्क के बफर इलाके में बनाया गया है, ताकि यहां जंगली जानवर आसानी से अपनी जिंदगी जी सकें. अब इसमें दरारें आ गई हैं, जिसकी वजह से अब कंपनी फिर से मेंटेनेंस का काम कर रही है.

गारंटी पीरियड में ही आ गई दरारें

नेशनल हाईवे क्रमांक 44 मध्य प्रदेश के सिवनी से महाराष्ट्र के नागपुर को जोड़ता है. इसी बीच में पेंच नेशनल पार्क का बफर जोन लगता है, जिसमें कई जानवर सड़क हादसे के शिकार हो जाते थे. जानवर आसानी से विचरण कर सकें, इसके लिए नेशनल हाईवे साउंड एंड लाइट प्रूफ बनाया गया. 29 किलोमीटर के इस साउंड प्रूफ हाईवे में 14 अंडरपास बनाए गए हैं, जिसमें जंगली जानवर आसानी से आ जा सकते हैं और ऊपर से फर्राटे से वाहन दौड़ते हैं. नेशनल हाईवे का निर्माण करने वाली कंपनी को 4 साल तक की गारंटी थी. इसके बाद मेंटनेंस नेशनल हाईवे ऑफ अथॉरिटी करेगी. 4 साल का समय खत्म भी नहीं हुआ और इस नेशनल हाईवे में दरार आ गई है.

अंडरपास की क्या है खासियत, क्यों रहा चर्चा में?

मोहगांव से खवासा के बीच 3145 मीटर लंबाई के 14 अंडरपास बनाए गए हैं. ताकि पेंच टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी आसानी से विचरण कर सकें. हाईवे पर चलने वाली गाड़ियों की आवाज और लाइट वन्यजीवों को डिस्टर्ब न करे, इसके लिए भी फोरलेन सड़क के दोनों किनारों पर साउंड बैरियर और हेडलाइट रिड्युसर लगाकर 4 मीटर ऊंची स्टील की दीवार खड़ी की गई. नेशनल हाईवे के ऊपर हवा से बातें करते सरपट वाहन दौड़ते हैं, लेकिन उनकी आवाज और लाइट नीचे जंगल में जानवरों तक नहीं पहुंचती है.

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पहले हवा से बातें करती थी गाड़ियां, अब लेती हैं हिचकोले

जब इस नेशनल हाईवे का उद्घाटन हुआ तो यहां पर गाड़ियां हवा से बातें करते हुए दौड़ती थीं, लेकिन अब उसके उलट गाड़ियां हिचकोले खाते हुए यहां से निकलती हैं. इसको लेकर निर्माण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं. हालांकि नेशनल हाईवे का निर्माण करने वाली कंपनी ने मेंटेनेंस का काम फिर से शुरू कर दिया है. NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संजीव शर्मा का कहना है कि ''नेशनल हाईवे के निर्माण में किसी भी तरह की गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं किया गया है, लेकिन बारिश के चलते कुछ पैनलों मैं खराबी आ गई थी, जिनका मेंटेनेंस निर्माण करने वाली कंपनी के द्वारा किया जा रहा है क्योंकि अभी नेशनल हाईवे का निर्माण गारंटी पीरियड में है.''

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