सिवनी। जिले के कान्हीवाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत मेहरा पिपरिया गांव में हुए दोहरे हत्याकांड मामले में कोर्ट ने सुनावाई की. जिले में अतिरिक्त विशेष सत्र न्यायाधीश ने छह साल बाद हत्याकांड में शामिल 17 आरोपियों सजा सुनाई. जिसमें 16 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. जबकि एक आरोपी को साक्ष्य छिपाने के आरोप में तीन साल की सजा से दंडित किया है.
पुरानी रंजिश में की थी हत्या
मामले में सहा जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रदीप कुमार भौरे ने बताया कि 20 अगस्त 2017 को शाम करीब 5.30 बजे अशोक (44), उसका भाई ज्ञानी उर्फ ज्ञानसिंह पटले (38) अपने दोस्तों के साथ बस स्टैंड मेहरा पिपरिया में चाय पीते हुए बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान पुरानी रंजिश के चलते आरोपी महानंद पटले साथियों के साथ पहुंचा. जहां पहले तो उसने कट्टे से हवा में फायर किया. इसके बाद उसने व उसके साथियों ने अशोक और उसके भाई ज्ञानी पर तलवार और लोहे की राड से हमला कर दिया.
घटना में दो की मौत व कई हुए था गंभीर
जब बीच बचाव के लिए राकेश कटारे और फूलसिंह पटले गए, तो उनके साथ भी आरोपियों ने तलवार व राड से मारा. इससे सभी को गंभीर चोट आई. इलाज के दौरान अशोक और ज्ञानी की मौत हो गई थी. थाना कान्हीवाडा में घटना की रिपोर्ट मृतकों के पिता भोलाप्रसाद पटेल ने दर्ज कराई थी. शासन की ओर से न्यायालय में सबूत ओर गवाहों को लोक अभियोजक चंद्रशेखर ठाकुर ने प्रस्तुत किया था. न्यायालय ने लोक अभियोजक के तर्कों से सहमत होते हुए 16 आरोपियों को धारा 307 में 10 वर्ष, धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है. एक आरोपित को 25 आर्म्स एक्ट के अपराध में तीन वर्ष की सजा से दंडित किया गया है.
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इन आरोपियों को मिली सजा
हत्याकांड में शामिल महानंद पटले (27), आनंद पटले (30), लोकेश टेमरे (33), रितेश पुत्र रूपसिंह ठाकुर (19), कपिल (19), गोविंद पटले (23), निलेश (20), नंदकिशोर (23), संजू उर्फ संजय (22), शिवशंकर उर्फ मोनू (27), दशरथ (32), गिरीश (20), कृष्ण कुमार (21), मनीष बोपचे (20), राहुल पटले (19), दिनेश सभी मेहरा पिपरिया गांव निवासी को अशोक पटले व ज्ञानी पटले की हत्या के अपराध में आजीवन कारावास की सजा से सुनाई गई है.