देहरादून: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे पीके अग्रवाल आज अपने समर्थकों के साथ भाजपा ज्वाइन करने जा रहे हैं. इससे पहले ही कांग्रेस पार्टी ने सख्त रुख अपनाते हुए पीके अग्रवाल और उनकी पत्नी पछवादून की जिलाध्यक्ष रहीं लक्ष्मी अग्रवाल को तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है.
पीके अग्रवाल कांग्रेस से निष्कासित: कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष नव प्रभात ने पीके अग्रवाल और लक्ष्मी अग्रवाल को पार्टी विरोधी गतिविधियों और केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी के चलते उनके वर्तमान पदों से मुक्त कर दिया है. उनको तत्काल प्रभाव से पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है.
लक्ष्मी अग्रवाल भी निष्कासित: शीशपाल बिष्ट ने कहा कि पीके अग्रवाल और लक्ष्मी अग्रवाल ने 26 जनवरी जैसे महत्वपूर्ण पर्व और 4 जनवरी को जिला कांग्रेस कमेटी पछवादून की महत्वपूर्ण बैठक के मौके पर कार्यक्रम में शामिल होने से दूरी बनाए रखी. उन्होंने बताया कि 28 जनवरी को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मालिकार्जुन खड़के के सम्मेलन के दौरान केंद्रीय नेतृत्व से अभद्रता की गई जिसे पार्टी ने गंभीरता से लिया. इसे अनुशासनहीनता मानते हुए दोनों नेताओं को उनके पदों से मुक्त कर दिया है.
करन माहरा ने ये कहा: कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट का कहना है कि उनकी पार्टी एक अनुशासित संगठन है. इसमें यदि अनुशासनहीनता होती है, तो इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष माहरा का कहना है कि राजनीति में आने वाला कोई बच्चा नहीं होता है, बल्कि मेच्योर होता है. किसी को भी जबरदस्ती पकड़ कर पार्टी में नहीं रखा जा सकता है. हालांकि उन्होंने भाजपा ज्वाइन करने वाले नेताओं पर सवाल उठाए हैं कि ऐसे नेताओं को बताना चाहिए कि क्या वह अंकिता भंडारी मर्डर केस के समर्थन में हैं या फिर विरोध में हैं. उन्होंने कहा कि यूकेएसएसएससी घोटाला, सिलक्यारा टनल, पटवारी पेपर लीक, केदारनाथ गर्भगृह में सोने की परत के मामले के समर्थक भाजपा में जाएंगे और जो इसके विरोध में हैं, वह हमेशा कांग्रेस के साथ खड़े दिखाई देंगे.
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