देहरादून: उत्तराखंड में मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज कराने के बाद कांग्रेस को केदारनाथ उपचुनाव से भी काफी उम्मीदें थी. लेकिन 23 नवंबर को आए परिणाम के बाद केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा. अब कांग्रेस केदारनाथ उपचुनाव में हुई हार पर मंथन कर रही है. इसके अलावा इस हार पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा का बयान भी आया है.
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि भाजपा के खिलाफ वोट बंट जाने की वजह से केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस को हार मिली है. उन्होंने कहा कि हरिद्वार में हरकी पैड़ी से निकाली गई केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा के दौरान कांग्रेस ने केदारनाथ में सोने की परत के मामले, कृष्णा माई की गुफा का नाम बदले जाने, गर्भगृह के नियम तोड़े जाने जैसे प्रमुख मुद्दों को उठाया. फिर भी कांग्रेस केदारनाथ उपचुनाव में अपनी जीत दर्ज नहीं करा पाई.
करन माहरा ने हार की वजह बताते हुए कहा कि इस चुनाव में भाजपा के खिलाफ पड़ने वाला वोट बंट गया. माहरा ने कहा कि सभी नेताओं की मेहनत का फल था कि कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज रावत को पिछले चुनाव की तुलना में इस बार अधिक मत मिले. कांग्रेस को इस तरह के संकेत भी मिले थे कि भाजपा के खिलाफ इस उपचुनाव में भारी आक्रोश है.
कांग्रेस का मानना है कि केदारनाथ उप चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन चौहान को नौ हजार से अधिक वोट पड़े. यह वही वोट थे जो भाजपा को नहीं पड़ने वाले थे. अगर कांग्रेस त्रिभुवन चौहान को अपने पक्ष में कर लेती, तो निश्चित तौर पर यह उपचुनाव उनके पक्ष में ही जाता. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
हार की होगी समीक्षा: केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद मंथन का दौर शुरू हो गया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हार के कारणों की वजह ढूंढ रहे हैं. चुनावी हार की समीक्षा को लेकर कांग्रेस जल्द ही रुद्रप्रयाग जिले में बैठक करने जा रही है, जिसमें माहरा ने कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी को भी आमंत्रित किया है. करन माहरा का कहना है कि इस बैठक में भी कई चीजें सामने आएंगी. हार के कारणों को जानने के बाद रिपोर्ट हाई कमान को भेजी जाएगी.
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