नई दिल्ली: राजधानी का सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को दोबारा बनाने को लेकर जहां कुछ लोगों ने अपने फ्लैट्स खाली कर दिए हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी है, जो अब भी इनमें रह रहे हैं. लेकिन यहां रह रहे वरिष्ठ नागरिकों के सामने एक नहीं कई समस्या है, जिसे लेकर अब वह हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैं. दरअसल, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की तरफ से कहा गया है कि यहां रहने वाले लोगों के दूसरी जगह पर स्थानांतरित होने के बाद ही उनके फ्लैट्स के अनुसार 3 साल तक किराया दिया जाएगा. लेकिन लोगों के सामने यही एक समस्या ही नहीं है.
कुछ वर्ष पहले दिल्ली आईआईटी द्वारा बिल्डिंग की जांच के बाद, रिपोर्ट में यह बताया गया था कि यह अपार्टमेंट लोगों के रहने के लिए सुरक्षित नहीं है. इसके बाद डीडीए के अध्यक्ष ने एलजी वीके सक्सेना से मिलकर इसे तोड़कर दोबारा बनाने की बात कही थी. बाद में कुछ लोग फ्लैट खाली कर के यहां से चले, लेकिन कुछ अब भी यहीं रह रहे हैं, जिसमें कई सीनियर सिटीजन भी शामिल हैं. ऐसे लोगों को जहां कमजोर बिल्डिंग के कारण बड़ा हादसा होने का डर है. वहीं उनका कहना है कि उन्होंने सारी जमा पूंजी इसमें लगा दी. अब इसकी ईएमआई और किसी अन्य फ्लैट का किराया दोनों एक साथ दे पाने में असमर्थ हैं.
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इसके अलावा लोगों का यह भी कहना है कि इस अपार्टमेंट को खाली करके लोग जी दूसरे अपार्टमेंट में जा रहे हैं वहां के किराए में और डीडीए द्वारा किराए के नाम पर दिए जा रहे मुआवजे में काफी अंतर है. दूसरी जगह पर रहने के लिए जो किराया देना पड़ेगा वह काफी अधिक है. इसे लेकर डीडीए के अधिकारियों व यहां रह रहे लोगों के बीच निरंतर बातचीत जारी है. इन्हीं मुद्दों को लेकर लोग अब दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं.