रांची: झारखंड सहित देश के 15 राज्यों में विस्थापन और पुनर्वास को लेकर समस्या और उसके समाधान के लिए काम करने वाली एजेंसी क्रेडल (CONSULTANTS FOR RURAL AREA DEVELOPMENT LINKED ECONOMY) ने आज 30 नवंबर को अपना 30वां स्थापना दिवस मनाया.
इस अवसर पर रांची में एक संगोष्ठी का आयोजन किया. जिसमें जस्टिस दीपक रौशन, समाजसेवी बलराम, सुशांतो मुखर्जी, HEC के अवकाश प्राप्त निदेशक मार्केटिंग राणा चक्रवर्ती, अधिवक्ता सुनील महतो सहित कई बुद्धिजीवियों ने भाग लिया.
विस्थापन आयोग बनाए सरकार- बलराम
विस्थापन और पुनर्वास, खाद्य सुरक्षा, मनरेगा जैसे योजनाओं और जरूरतमंद लोगों के हक की लड़ाई लड़ने वाले समाजशास्त्री बलराम ने कहा कि झारखंड ऐसा राज्य है जिसने सबसे ज्यादा विस्थापन का दंश झेला है. अगर विकास के लिए विस्थापन जरूरी है तो उससे ज्यादा जरूरी विस्थापित लोगों का पुनर्वास है. झारखंड में पुनर्वास पर बात होती रही है लेकिन इसके लिए काम करने वाली संस्था का अभाव रहा है उस अभाव को क्रेडल ने कुछ हद तक कम किया है.
जब किसी की जमीन जाती है तो दुःख होता है- प्रणय कुमार
क्रेडल के 30वें स्थापना दिवस के अवसर पर क्रेडल के CEO और सचिव प्रणय कुमार ने कहा कि राज्य में विस्थापन किसी पतझड़ से कम नहीं होता है. जब इंसान को अपना सबकुछ छोड़ कर विस्थापित होना पड़ता है. 1994 में जब उन्होंने ट्राइबल और नन ट्राइबल पॉपुलेशन पर कोल माइनिंग का प्रभाव पर रिसर्च किया था. जिसमें एक महत्वपूर्ण बात सामने आई थी कि विस्थापन के बाद पुनर्वास को लेकर एक्शन रिएक्टिव होता है. हर राज्य की अपनी अपनी समस्याएं होती है.
रैयत की जमीन की कीमत सरकार और वन विभाग तय करती है- प्रणय कुमार
क्रेडल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि रैयत की जमीन की कीमत वन विभाग और सरकार तय करती है. अब तो एक नई सोच आ गयी है कि रैयत को पैसा दे दो और उनकी जमीन ले लो. लेकिन जो पैसा रैयत को मिलता है वह 1st जेनेरेशन का काम आता है, दूसरी पीढ़ी से फिर आंदोलन और संघर्ष शुरू होता है. उन्होंने कहा कि झारखंड में जीएम लैंड पर रह रहे लोगों के पुनर्स्थापन भी एक बड़ी समस्या है.
इसे भी पढ़ें- 40 किलोमीटर पैदल चलकर युवाओं ने डीसी को सौंपा ज्ञापन, विस्थापन मुआवजा देने की रखी मांग - Demand displacement compensation
इसे भी पढ़ें- ग्रामीणों के विरोध के बाद बैकफुट पर वन विभाग, ग्रामीणों की सहमति के बाद ही होगा पुनर्वास और विस्थापन - Palamu Tiger Reserve