मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: इस बार दिवाली को खास बनाने के लिए स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने खास अपील लोगों से की है. समूह के लोगों का कहना है कि वो इस आस्था के पर्व को मिट्टी के दीए से रोशन कर मनाएं. मिट्टी के दीए अगर हम दिवाली पर खरीदते हैं तो उससे कई लोगों का रोजी रोजगार चलता है. पर्यावरण की सुरक्षा भी होती है. मिट्टी के दीए बनाने वाले लोगों का गुजर बसर इसी से होता है.
मिट्टी के दीए खरीदने की अपील: स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने कहा कि मिट्टी के दीपक ईको फ्रेंडली होते हैं. पर्यावरण की सुरक्षा के साथ साथ हमारी संस्कृति से भी जुड़ी है. अगर हम मिट्टी के दीए खरीदते हैं तो कुम्हार परिवार की आर्थिक मदद होती है. मिट्टी के बर्तन बनाने वालों का परिवार इसी पर निर्भर है. दिवाली पर हुई कमाई से उनका साल पर परिवार चलता है. हमें छोटे छोटे ऐसे कारोबारियों का ध्यान रखना चाहिए.
''चीन के बने सामानों का विरोध करें'': स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने कहा कि हमें चीनी उत्पादों का बहिष्कार कर स्वदेशी को अपनाना चाहिए. बिहान योजना से जुड़ी महिलाएं बड़ी संख्या में इस बार जिले में मिट्टी के दीए बना कर बाजार में उतार रही हैं. बिहान योजना से जुड़ी महिलाएं के बनाएं दीए की डिमांड बाजार में लगातार बढ़ रही है.
हमारे बनाए दीए बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं. हमारी लोगों से अपील है कि इस बार चीनी नहीं स्वदेशी दीए अपने घर में जलाएं. :मानमति यादव, स्व सहायता समूह की महिला
चीन के बने सामानों का विरोध कर देशी दीए से घर को रोशन करें. :ममता, अध्यक्ष, महिला स्व सहायता समूह
स्व सहायता समूह की महिलाएं बना चुकी हैं हर्बल गुलाल और राखियां: इससे पहले बिहान योजना के तहत स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं होली पर हर्बल रंग गुलाल बना चुकी हैं. राखी पर ईको फ्रेंडली राखी बनाने का काम भी ये करती हैं. स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का कहना कि अगर लोग स्वदेशी सामान खरीदेंगे तो देश आत्मनिर्भर होने की राह पर आगे बढ़ेगा.