सीहोर। एक और मध्य प्रदेश सरकार नर्मदा नदी से अवैध खनन रोकने के बड़े बड़े दावे करती हैं. लेकिन उसके बावजूद भी खनन माफियाओं द्वारा नदी का सीना छलनी किया जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह क्षेत्र बुदनी में सरकार के तमाम दावे खोखले साबित होते दिखाई दे रहे हैं. नर्मदा नदी से रेत निकालकर रेत के बड़े-बड़े पहाड़ बना दिए हैं. माफिया इतने बेखौफ हैं कि उन्होंने नदी से कई किलोमीटर दूर कंपनी का रॉयल्टी नाका भी बना दिया.
पोकलेन मशीन से नदी का सीना छलनी
बता दें कि, 28 मई को आपातकालीन बैठक कर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आदेश पारित किया गया था कि अवैध खनन, अवैध परिवहन, अवैध स्टॉक, (भंडारण) एवं नर्मदा नदी में आवंटित खदानों का सीमांकन कर रेत माफियाओं पर कार्यवाही करें. मुख्यमंत्री एवं खनिज राजस्व प्रमुख सचिव भोपाल के आदेश के बाद सीहोर जिला एवं स्थानीय प्रशासन सख्ती नहीं दिखा पाया. नतीजा यह है कि लगातार रेत माफिया द्वारा पोकलेन मशीन से नर्मदा की गोद को छलनी किया जा रहा है और रेट निकल जा रही है. इस ओर जिला प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है.
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माफियाओं ने बना दिए रेत के ऊंचे-ऊंचे पहाड़
ठेकेदार द्वारा पोकलैंड मशीन से अवैध खनन संचालित किया जा रहा है. छिपानेर सिलकंट, बाबरी, जाजना, छिंदगांव काछी, जहाजपुरा, आदि गांवों में खदानों से रेत निकाली जा रही है. रेत माफिया द्वारा अवैध उत्खनन कर पोकलेन मशीन से रेत के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ बना दिए हैं. लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है यहां तक की इन रेत के पहाड़ से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई बार तो ग्रामीण हादसे का शिकार हुए और जान तक गंवानी पड़ी.