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केदारनाथ पैदल यात्रा को दो हफ्ते में दोबारा शुरू करने का प्रयास, कई विभागों के सचिवों ने किया आपदाग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण - Kedarnath Yatra 2024

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में बीते दिनों आई आपदा के बाद से ही राहत और बचाव का कार्य जारी है. वहीं सरकार, शासन और प्रशासन की तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है कि केदारनाथ यात्रा को दोबारा जल्द से जल्द शुरू किया जाए. इसी को लेकर सोमवार पांच अगस्त को सचिव लोक निर्माण विभाग, आपदा सचिव और गढ़वाल कमिश्नर समेत अन्य विभाग के तमाम अधिकारियों ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया.

Kedarnath disaster 2024
रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी. ((@ANI))
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 5, 2024, 5:04 PM IST

रुद्रप्रयाग: सचिव लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड शासन पंकज पांडे, सचिव आपदा विनोद सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग दयानंद ने आज सोमवार को केदारघाटी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का पैदल निरीक्षण और हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान उन्होंने क्षतिग्रस्त मार्गों का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाशआउट सड़क मार्ग को पुनर्स्थापित करने के लिए प्राथमिकता से प्लानिंग तैयार कर अविलंब कार्य शुरू करने के निर्देश दिए.

15 दिनों में केदारनाथ पैदल यात्रा सुचारू करने के निर्देश: निरीक्षण के बाद उच्च अधिकारियों ने पैदल यात्रा को 15 दिन में सुचारू करने के लिए सभी संबंधित विभागों से सुझाव मांगे. इसके लिए अनिवार्य पुनर्निमाण कार्यों का एस्टीमेट तैयार कर 2 से 3 दिनों के भीतर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए. सचिव लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड शासन पंकज पांडे और सचिव आपदा विनोद सुमन ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अतिवृष्टि के कारण सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाशआउट सड़क में अस्थाई मार्ग निर्माण करने की कार्रवाई भी अविलंब शुरू की जाए.

हर साइट पर अलग ठेकेदार को काम दिया जाए: सड़क और पैदल मार्गों का त्वरित गति से निर्माण करने के लिए हर साइट पर अलग ठेकेदार को काम दिया जाए. हर साइट पर एक एई और एक जेई तैनात किया जाए. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के पुनर्निर्माण कार्यों में प्रैक्टिकल व टेक्निकल दोनों पक्षों का पूरा ध्यान रखा जाए. साथ ही जितने भी कार्य प्रस्तावित हैं, उनके लिए मैटीरियल की प्री पोस्टिंग हर संभव साइट कर पहले ही कर ली जाए.

इन जगहों पर काम करना बड़ी चुनौती: लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि गौरीकुंड के समीप मौजूद घोड़ा पड़ाव के पास करीब 15 मीटर हिस्सा वाशआउट हो गया है. इसके अलावा जंगलचट्टी में 60 मीटर हिसा वाशआउट है. इस कारण यहां पर फिर से सड़क बनाना बड़ी चुनौती है

वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव: बताया जा रहा है कि इन दोनों साइट्स पर कार्य करना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहेगा. इन्हें मिलाकर कुल 29 साइट्स पर कार्य किया जाना है. राहत की बात ये है कि केदारनाथ धाम, गरुड़चट्टी और लिंचोली मार्ग इस अतिवृष्टि से प्रभावित नहीं हुआ है, उसे वैकल्पिक मार्ग के तौर पर इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया. विभिन्न स्थानों के लिए 10 फोल्डिंग ब्रिज को चिनूक या पैदल मार्ग से केदारनाथ पहुंचाए जाने की भी तैयारी है.

Kedarnath disaster 2024
रुद्रप्रयाग में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का अधिकारियों ने किया दौरा. (ETV Bharat)

सचिव पीडब्लूडी ने निर्देश दिए कि हर साइट पर कम से कम 10 मजदूर और बड़ी साइट्स पर आवश्यकता के अनुसार मजदूरों को लगाया जाए. इसके साथ ही पूरे मार्ग पर 500 मजदूर लगाने के भी निर्देश दिए. गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने सभी पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए. बिजली, पानी, कनेक्टिविटी और खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए संबंधित विभागों से उनके प्लान भी मांगे.

11केवी का सब स्टेशन भी खतरे की जद में: वहीं, विद्युत विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि गौरीकुंड लिंचोली और भीमबली में पोल क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके अलावा सोनप्रयाग के समीप 11केवी का सब स्टेशन भी खतरे की जद में आ गया है. गढ़वाल कमिश्नर ने सब स्टेशन के लिए नई भूमि चिन्हित कर भूमि की गुणवत्ता और अन्य मानकों की जांच कर नए सब स्टेशन का निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए.

वहीं, रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने सड़क और पैदल मार्गों के पुनर्स्थापन, यात्रियों के रेस्क्यू व राहत कार्यों के लिए हो रहे प्रयासों, अब तक किए जा चुके कार्यों व केदारनाथ यात्रा शुरू करवाने के लिए की जा रही तैयारियों की पूरी जानकारी दी. रुद्रप्रयाग पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की ओर से की जा रही तैयारियों की जानकारी दी.

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रुद्रप्रयाग: सचिव लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड शासन पंकज पांडे, सचिव आपदा विनोद सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग दयानंद ने आज सोमवार को केदारघाटी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का पैदल निरीक्षण और हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान उन्होंने क्षतिग्रस्त मार्गों का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाशआउट सड़क मार्ग को पुनर्स्थापित करने के लिए प्राथमिकता से प्लानिंग तैयार कर अविलंब कार्य शुरू करने के निर्देश दिए.

15 दिनों में केदारनाथ पैदल यात्रा सुचारू करने के निर्देश: निरीक्षण के बाद उच्च अधिकारियों ने पैदल यात्रा को 15 दिन में सुचारू करने के लिए सभी संबंधित विभागों से सुझाव मांगे. इसके लिए अनिवार्य पुनर्निमाण कार्यों का एस्टीमेट तैयार कर 2 से 3 दिनों के भीतर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए. सचिव लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड शासन पंकज पांडे और सचिव आपदा विनोद सुमन ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अतिवृष्टि के कारण सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाशआउट सड़क में अस्थाई मार्ग निर्माण करने की कार्रवाई भी अविलंब शुरू की जाए.

हर साइट पर अलग ठेकेदार को काम दिया जाए: सड़क और पैदल मार्गों का त्वरित गति से निर्माण करने के लिए हर साइट पर अलग ठेकेदार को काम दिया जाए. हर साइट पर एक एई और एक जेई तैनात किया जाए. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के पुनर्निर्माण कार्यों में प्रैक्टिकल व टेक्निकल दोनों पक्षों का पूरा ध्यान रखा जाए. साथ ही जितने भी कार्य प्रस्तावित हैं, उनके लिए मैटीरियल की प्री पोस्टिंग हर संभव साइट कर पहले ही कर ली जाए.

इन जगहों पर काम करना बड़ी चुनौती: लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि गौरीकुंड के समीप मौजूद घोड़ा पड़ाव के पास करीब 15 मीटर हिस्सा वाशआउट हो गया है. इसके अलावा जंगलचट्टी में 60 मीटर हिसा वाशआउट है. इस कारण यहां पर फिर से सड़क बनाना बड़ी चुनौती है

वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव: बताया जा रहा है कि इन दोनों साइट्स पर कार्य करना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहेगा. इन्हें मिलाकर कुल 29 साइट्स पर कार्य किया जाना है. राहत की बात ये है कि केदारनाथ धाम, गरुड़चट्टी और लिंचोली मार्ग इस अतिवृष्टि से प्रभावित नहीं हुआ है, उसे वैकल्पिक मार्ग के तौर पर इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया. विभिन्न स्थानों के लिए 10 फोल्डिंग ब्रिज को चिनूक या पैदल मार्ग से केदारनाथ पहुंचाए जाने की भी तैयारी है.

Kedarnath disaster 2024
रुद्रप्रयाग में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का अधिकारियों ने किया दौरा. (ETV Bharat)

सचिव पीडब्लूडी ने निर्देश दिए कि हर साइट पर कम से कम 10 मजदूर और बड़ी साइट्स पर आवश्यकता के अनुसार मजदूरों को लगाया जाए. इसके साथ ही पूरे मार्ग पर 500 मजदूर लगाने के भी निर्देश दिए. गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने सभी पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए. बिजली, पानी, कनेक्टिविटी और खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए संबंधित विभागों से उनके प्लान भी मांगे.

11केवी का सब स्टेशन भी खतरे की जद में: वहीं, विद्युत विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि गौरीकुंड लिंचोली और भीमबली में पोल क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके अलावा सोनप्रयाग के समीप 11केवी का सब स्टेशन भी खतरे की जद में आ गया है. गढ़वाल कमिश्नर ने सब स्टेशन के लिए नई भूमि चिन्हित कर भूमि की गुणवत्ता और अन्य मानकों की जांच कर नए सब स्टेशन का निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए.

वहीं, रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने सड़क और पैदल मार्गों के पुनर्स्थापन, यात्रियों के रेस्क्यू व राहत कार्यों के लिए हो रहे प्रयासों, अब तक किए जा चुके कार्यों व केदारनाथ यात्रा शुरू करवाने के लिए की जा रही तैयारियों की पूरी जानकारी दी. रुद्रप्रयाग पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की ओर से की जा रही तैयारियों की जानकारी दी.

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