लखनऊः माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से कक्षा 9 और 10 के लिए नई शिक्षा नीति के तहत हुए बदलाव में अब छात्रों को काफी कुछ नए सिरे से सीखना होगा. परिषद की ओर से जो नया प्रस्ताव तैयार किया गया है. अगर इस सत्र से लागू हो जाता है तो सत्र 2024-25 में होने वाले हाई स्कूल की परीक्षा में छात्रों को 1000 नंबर का पेपर देना होगा. जिसमें से 700 नंबर उसे प्रमुख विषयों के होंगे. वहीं 300 नंबर वैकल्पिक विषय के जोड़े जाएंगे. जिसमें छात्रों को पासिंग नंबर लाना अनिवार्य होगा. सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद दिव्यकान्त शुक्ला ने बताया कि प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद 2025 में होने वाले यूपी बोर्ड की हाई स्कूल परीक्षा में ये नियम लागू होंगे.
किसी विषय में फेल होने पर 3 साल मिलेगा पास होने का मौका
दिव्यकान्त शुक्ला ने बताया कि प्रस्ताव के अनुसार हाईस्कूल परीक्षा में अगर कोई छात्र किसी विषय में फेल होता है, तो उसे स्क्रूटनी या इंप्रूवमेंट के तहत परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा. इसके तहत छात्र जिस विषय में फेल हुआ होगा, उसे 3 वर्ष का समय दिया जाएगा. वह इन तीन तीन वर्षों में परीक्षा देकर उसे विषय को पास कर अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई को पूरी कर सकता है. उन्होंने बताया कि अगर छात्र तीन सालों में अपनी परीक्षा को पास नहीं करता है, तो उसे चौथे साल से फिर सभी नए विषयों की परीक्षा देनी होगी.
नवी कक्षा में मिलेगा नंबर तो दसवीं में ग्रेडिंग
सचिव दिव्यकान्त शुक्ला ने बताया कि प्रस्ताव में कक्षा 9 में छात्रों के मूल्यांकन के नियम में भी बदलाव किया गया है. कक्षा 9 के छात्रों को मार्कशीट पर अंक और ग्रेड दोनों प्रिंट होंगे. जबकि कक्षा 10वीं के छात्रों को केवल ग्रेडिंग ही दी जाएगी. उन्होंने बताया कि छात्रों के बीच किसी भी तरह के प्रतिस्पर्धा के भाव को बढ़ावा नहीं देना चाहता है. बोर्ड का मानना है कि सभी छात्र एक समान नहीं होते. ऐसे उन्हें अंकों के आधार पर कंपेयर करना नियम संगत नहीं है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा व्यावसायिक शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत प्रत्येक छात्र द्वारा कक्षा 9 में वर्ग ए वर्ग भी और किसी में से किसी एक वर्ग से एक ट्रेड का चयन किया जाएगा. वहीं कक्षा 10 में विद्यार्थियों द्वारा कक्षा 9 में चयनित वर्ग में से इतर किसी अनुरोध से एक ट्रेड का चयन किया जाएगा.
9वीं और 10वी में ग्रेडिंग सिस्टम का नया प्रस्ताव
प्राप्तांक | ग्रेड |
91-100 | A-1 |
81-90 | A-2 |
71-80 | B-1 |
61-70 | B-2 |
51-60 | C-1 |
41-50 | C-2 |
33-40 | D |
0-32 | E |
E ग्रेड पाने वाले बच्चों को कंपार्टमेंट परीक्षा देने की सहूलियत होगी |