कोरबा: महंगाई के इस दौर में 5 रुपए में मजदूरों को भरपेट भोजन देने के लिए शहर के बुधवारी बाजार में जिले का दूसरा दाल भात केंद्र खोला गया है. यह केंद्र छत्तीसगढ़ सरकार की शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना के तहत खोला जा रहा है. बुधवार को छत्तीसगढ़ शासन के श्रम एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने भाजपा नेताओं की मौजूदगी में इस केंद्र का उद्घाटन किया.
5 रुपए में मिलेगा भरपेट भोजन: इस दौरान मंत्री देवांगन ने कहा, "भाजपा की सरकार गरीबों के लिए काम कर रही है. यह योजना छत्तीसगढ़ में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल में शुरू हुई थी. कांग्रेस सरकार आने के बाद योजना बंद हो गई थी. अब फिर से भाजपा सरकार 5 रुपये में भरपेट भोजन देने वाले दाल-भात केंद्र खोल रही है." वहीं, दाल भात केन्द्र में आए स्थानीय मजदूर ने कहा, "इस योजना से गरीबों को काफी लाभ होगा. कम पैसे में वो भरपेट भोजन कर सकेंगे."
ऐसे जगहों पर खोले जाएंगे दाल भात केंद्र: इस दौरान श्रम और उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा, "छत्तीसगढ़ के ऐसे जिले, जहां बड़ी तादाद में मजदूर काम करते हैं. मजदूरों की बहुलता है. वहां इस योजना की शुरुआत की जा रही है. कोरबा के बालको में पहले ही दाल-भात केंद्र शुरू हो चुका है. कोरबा जिले का यह दूसरा केंद्र है. कोयलांचल क्षेत्र दीपका में भी जल्द केंद्र खोला जाएगा. राज्य भर में ऐसे केंद्र खोले जा रहे हैं. जहां मजदूर भाई जल्दबाजी में सुबह घर से निकल जाते हैं और भरपेट भोजन नहीं कर पाते. उन्हें दोपहर में 5 रुपया में भरपेट भोजन की व्यवस्था दी गई है. छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय और केंद्र की मोदी सरकार गरीबों के हित में काम कर रही है."
72 योजनाओं के 29 करोड़ रुपए बांटे: शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना के तहत दाल भात केंद्र की शुरुआत करते हुए कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन ने योजनाओं की जानकारी भी दी. उन्होंने कहा, "श्रम विभाग द्वारा गरीब मजदूरों के लिए 72 योजनाओं का संचालन किया जाता है, जिसके तहत सिलाई मशीन, स्कॉलरशिप और कई तरह के समान और अन्य कई तरह के सामग्रियों का वितरण मजदूरों को किया जाता है. श्रम विभाग की ओर से सामग्रियों का वितरण नहीं किया जाता, बल्कि उस सामग्री का दाम सीधे हितग्राहियों के खातों में ट्रांसफर किया जाता है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य में 29 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. कोरबा जिले में एक करोड़ 17 लाख रुपये मजदूरों को प्रदान किया जा रहा है."
शहीद वीरनारायण सिंह के नाम पर रखा गया योजना का नाम: शहीद वीर नारायण सिंह को छत्तीसगढ़ का पहला स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है, जिन्हें 10 दिसंबर 1857 को अंग्रेजों ने रायपुर के जय स्तंभ चौक पर फांसी दी थी. तब से लेकर अब तक 10 दिसंबर को शहीद दिवस भी मनाया जाता है. वह जेल तोड़कर फरार भी हुए थे. इतिहास में उन्हें गरीबों का मसीहा कहा गया है. अकाल के समय गोदाम के ताले तुड़वाकर उन्होंने अनाज गरीबों में बांट दिया था. गरीबों में अनाज बांटने के लिए भी इतिहास में उनका नाम दर्ज है. यही कारण है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने उनके नाम पर श्रम अन्न योजना के तहत गरीबों को 5 रुपए में भरपेट भोजन मुहैया कराने की योजना की शुरुआत की है.