मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: चिरमिरी में कोयला खदान के पास रहने वाले ग्रामीण दहशत में हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि ओपनकास्ट कोल माइन के 100-200 मीटर के दायरे में रहवासी इलाका है. इसके बावजूद बिना गाइडलाइन फॉलो किए हेवी ब्लास्टिंग की गई. ग्रामीणों ने एसईसीएल कर्मचारियों पर तय गाइडलाइन फॉलो किए बगैर हेवी ब्लास्टिंग करने के आरोप लगाए हैं.
"ब्लास्टिंग की वजह से घरों को पहुंचा नुकसान": ग्रामीणों का कहना है कि ब्लास्टिंग की वजह से घरों को नुकसान पहुंचा है. स्थानीय निवासी उपेंद्र सिंह ने बताया, "जान माल का नुकसान तो नहीं हुआ है, लेकिन बड़े-बड़े पत्थर के टुकड़े ब्लास्टिंग के बाद घर की छत पर गिरे हैं. कुछ पत्थर के टुकड़े मंदिर में भी गिरे हैं. अच्छी बात यह है कि लोग बाल बाल बच गए हैं.
गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. कॉलोनी के 100 से 200 मीटर दूरी पर ब्लास्टिंग के लिए प्रॉपर गाइडलाइन का पालन होना चाहिए. यह एसईसीएल की लापरवाही है. आज कोई बड़ा हादसा हो सकता था. - उपेंद्र सिंह, स्थानीय निवासी
"इधर उधर बिखरे पड़े हैं बोल्डर": स्थानीय पार्षद रमेश कुमार ने बताया, "ब्लास्टिंग हुई है. एक बड़ा पत्थर रोड पर गिरा है. दूसरी जगह भी बड़े-बड़े पत्थर पड़े हुए हैं. मंदिर को भी पार कर बोल्डर इधर उधर बिखरे पड़े हैं.
तहसीलदार और एसडीएम ने किया निरीक्षण: ग्रामीणों ने अधिकारियों से भी इसकी शिकायत की है. ग्रामीणों की शिकायत पर चिरमिरी तहसीलदार शशिकांत मिश्रा और एसडीएम वीएस मरकाम मौके पर पहुंचे. उन्होंने आसपास के घरों और मंदिर का निरीक्षण किया. एसईसीएल के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. इस घटना को लेकर एसडीएम ने कहा है कि पूरी तरह से जांच होगी. इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिया गया है.
स्थानीय लोगों से घटना की सूचना मिलते ही मैं और एसडीएम साहब मौके पर पहुंचे. हमने आस पास निरीक्षण किया तो वहां बोल्डर पड़े हुए हैं, चिंताजनक स्थिति है. लेकिन किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है. आगे सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा ना हो. - शशिकांत मिश्रा, तहसीलदार
ग्रामीणों की मानें तो यह पहला मौका नहीं है, जब घरों में पत्थर गिरे हैं. कोयला उत्खनन के लिए हेवी ब्लास्टिंग से कई बार ऐसा वाकया सामने आया है. घरों की दीवारों में दरारें पड़ जाती है. ग्रामीणों को जान माल का खतरा बना रहता है.