ग्वालियर। एक परिवार सालभर पहले नेपाल से अपने बेटे आकाश लोध का इलाज कराने गोरखपुर आया था. आकाश मानसिक रूप से कमज़ोर था. इसी बीच वह गोरखपुर में अपने परिजनों को बिछड़ गया और किसी तरह दो हफ़्ते पहले ग्वालियर के पास पहुंचा. ग्वालियर की हस्तिनापुर पुलिस को 21 मई 2024 को सोनेपुरा गांव के एक युवक ने कॉल कर बताया कि एक अनजान युवक उसके गांव में आया है और वह अनजान भाषा बोल रहा है. वह लगातार रोए जा रहा है.
नेपाली दूतावास की मदद मिले परिजन
पुलिस मौक़े पर पहुंची और युवक से बात करने की कोशिश की. इस पर घबराये आकाश की टूटी-फूटी हिंदी अंग्रेज़ी में सिर्फ़ इतना समझ आया कि वह नेपाल का रहने वाला है और अपने घर जाना चाहता है. हस्तिनापुर SDOP संतोष पटेल ने बताया "थाना प्रभारी ने नेपाली दूतावास से संपर्क किया और आकाश के बारे में जानकारी दी. इसके बाद दूतावास से जानकारी उपलब्ध होने पर पहले गोरखपुर और फिर नेपाल की पुलिस से संपर्क किया. उसके परिजनों से बात की. इसके बाद बुधवार को आकाश के परिजन उसे लेने ग्वालियर पहुंचे."
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एसडीओपी ने नेपाली युवक को ट्रेन में बैठाया
ग्वालियर पहुंचे अपने भाई बैशाकी लोध से जैसे ही आकाश मिला तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा. परिजनों के वैरिफिकेशन के बाद एसडीओपी संतोष पटेल अपने वाहन में बैठाकर आकाश और उसके परिजनों को छोड़ने रेलवे स्टेशन पहुंचे. जहां ट्रेन में भी ख़ुद बैठाया. घर वापसी की ख़ुशी आकाश के चेहरे पर अलग ही दिख रही थी. उसने जाने से पहले एसडीओपी को धन्यवाद दिया तो एसडीओपी ने उसके परिजन से मोबाइल नंबर एक्सचेंज किए. साथ ही उन्हें पहुंचने के बाद कॉल कर बताने को कहा.