बोकारो: जिले के चास नगर निगम क्षेत्र के सोलागीडीह स्थित कमला बांध तालाब में बिल्डरों द्वारा मिट्टी गिराकर जलस्रोत को नष्ट करने के खिलाफ जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत चास एसडीएम समेत अन्य अधिकारियों से की थी. चास एसडीएम ओमप्रकाश गुप्ता हरकत में आए और रात में मौके पर पहुंचकर चास अंचलाधिकारी को तालाब का अतिक्रमण कर सड़क बनाने वालों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि जल स्रोत चाहे निजी हो या सरकारी, उसे नष्ट नहीं किया जा सकता और न ही उसका स्वरूप बदला जा सकता है. लेकिन स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ भू-माफिया अपनी जमीन पर वापस जाने के लिए तालाब में मिट्टी भरकर सड़क बनाने का काम कर रहे हैं और इसके लिए नया कट बनाने के लिए चास-धनबाद हाईवे के डिवाइडर को भी तोड़ दिया गया है. गुरुवार की देर रात चास एसडीएम और चास सीओ मौके पर पहुंचे और पूरे तालाब क्षेत्र का निरीक्षण किया.
मापी कराने के बाद होगी कार्रवाई: चास अंचलाधिकारी दिवाकर दुबे ने बताया कि तालाब पर अतिक्रमण की सूचना मिलने पर वे मौके पर पहुंचे. तालाब का स्वरूप बदलने का अधिकार किसी को नहीं है. लेकिन तालाब में मिट्टी भरकर सड़क बनाने का काम किया जा रहा था. कुछ पेड़ भी काटे गए हैं. ऐसे में वन विभाग और नेशनल हाईवे के अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा और चिह्नित कर सारी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को मापी करने का निर्देश दिया गया है, मापी के बाद रिपोर्ट आने के बाद ही संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. वहीं स्थानीय लोगों ने भी बिल्डरों के अतिक्रमण का विरोध किया. लोगों का कहना है कि अपने फायदे के लिए तालाब में मिट्टी भरकर सड़क का निर्माण कराया जा रहा है.
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