नई दिल्ली: हाल में फिल्म 'बस्तर-द नक्सल स्टोरी' का ट्रेलर रिलीज किया गया, जो आते ही चर्चा का विषय बन गया है. बुधवार को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में इस फिल्म की स्क्रीनिंग हुई. कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय कला मंच ने किया था. हालांकि, कार्यक्रम शुरू होने के थोड़ी देर बाद जेएनयू सम्मेलन केंद्र की बिजली कट गई. इसके बाद आयोजकों ने जनरेटर मंगाकर फिल्म की स्क्रीनिंग कराई.
इस मौके पर फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन भी मौजूद रहे, उन्होंने आरोप लगाया कि सम्मेलन केंद्र की बिजली नक्सली समर्थक लोगों ने काटी. वे चाहते थे कि फिल्म की स्क्रीनिंग ही न हो. वहीं, स्क्रीनिंग खत्म होने के बाद मोबाइल की रोशनी में डायरेक्टर और छात्रों के बीच संवाद हुआ. निर्देशक सुदीप्तो सेन ने कहा कि इस फिल्म के माध्यम से हमारा मकसद यह है कि बस्तर और दंतेवाड़ा में लोगों की जान कैसे ली जाती है, इसे सबके सामने लाया जाए. साथ ही वहां के अन्य पहलुओं को भी फिल्म में दिखाने की कोशिश की गई है.
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निर्देशक ने आगे कहा कि इस फिल्म को सालों की मेहनत और रिसर्च के बाद ही फिल्माया गया है. इसमें दिखाई गई घटनाओं के सबूत भी उनके पास मौजूद हैं, जिसके कारण सेंसर बोर्ड ने भी इस फिल्म को पास कर दिया है. वहीं, विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों का आरोप है कि इस फिल्म को लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर रिलीज किया जा रहा है. छात्रों के एक वर्ग का कहना है कि जेनएनयू छात्रसंघ चुनाव में राइट विंग को फायदा मिले, इसलिए इस फिल्म की स्क्रीनिंग यहां रखी गई.
बता दें, फिल्म आगामी 15 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी. फिल्म के डायरेक्टर सुदिप्तो सेन की 'द केरल स्टोरी' साल 2023 की बहुचर्चित और विवादित फिल्म रही थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया था. अब उनकी बस्तर-द नक्सल स्टोरी की लोगों के बीच चर्चा हो रही है.
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