सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में पिछले 13 दिनों में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 11800 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है, जिसमें से टीबी के 2 नए मरीज पॉजिटिव मिले हैं. इन दोनों ही टीबी मरीजों का स्वास्थ्य विभाग ने इलाज शुरू कर दिया है. इसके अलावा 989 लोगों को एक्सरे और 712 लोगों को बलगम की जांच के लिए रेफर किया गया है.
7 दिसंबर से शुरू हुआ अभियान
दरअसल स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 100 दिवसीय जनभागीदारी अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत जिला सिरमौर में भी यह अभियान तेजी से चल रहा है. ये अभियान 7 दिसंबर से शुरू हुआ था. इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे के जरिए ऐसी 75000 वर्लेबल पॉपुलेशन का चयन किया है, जिनमें टीबी रोग होने की संभावना है. लिहाजा इन 100 दिनों में संबंधित 75000 लोगों की स्क्रीनिंग की जानी है. इसे स्वास्थ्य विभाग ने 16 कैटेगरी में बांटा है. इसी के तहत लोगों की स्क्रीनिंग का कार्य निरंतर जारी है.
जिले में करीब 700 टीबी के मरीज
जिला सिरमौर को भी टीबी मुक्त बनाने के लिए विभाग लगातार प्रयासरत है. इसी के तहत विभाग को स्क्रीनिंग के दौरान टीबी के 2 नए मरीज मिले हैं, जिनका विभाग ने समय रहते इलाज शुरू कर दिया है. अभी तक की गई स्क्रीनिंग में 4003 लोगों की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है. इसके अलावा स्क्रीनिंग में यह भी सामने आया है कि इनमें से 1477 लोग स्मोकर्स हैं. जबकि करीब 300 लोग शराब पीने के आदी हैं. वहीं, स्क्रीनिंग में ऐसे लोगों की संख्या भी काफी मिली हैं, जिनमें डायबिटीज है. नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) है या फिर रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से बीमार होने के साथ-साथ उनका इलाज चल रहा है. बता दें कि जिले में करीब 700 टीबी के मरीज हैं. ये संख्या मरीज के स्वस्थ होने से घटती-बढ़ती रहती है.
49 निक्षय मित्र शिविर का भी आयोजन
इस अभियान के तहत इन 13 दिनों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के विभिन्न स्थानों पर 49 निक्षय मित्र शिविर भी लगाए गए. ये शिविर टीबी रोगियों की सहायता और टीबी को रोकने के लिए आयोजित किए जा रहे हैं. जिसमें टीबी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई तरह की गतिविधियां भी करवाई जा रही हैं. शिविरों में निक्षय मित्र बनने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. साथ ही निक्षय मित्र योजना के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी जा रही है.
स्क्रीनिंग में वर्करों का करें सहयोग
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि स्क्रीनिंग के लिए जब भी आशा वर्कर आए, तो उनके सवालों का सही जवाब दें. यदि वह एक्सरे के लिए बोले, तो अपना एक्सरे जरूर करवाएं. विभाग एक्सरे के लिए भी विशेष इंतजाम कर रहा है.
मेडिकल कॉलेज में क्विक एक्सरे का इंतजाम
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भी क्विक एक्सरे के इंतजाम किए जा रहे हैं, ताकि एक्सरे के लिए ज्यादा समय न लगे और साथ-साथ इसकी रिपोर्ट मिल जाए. इसके अलावा निजी संस्थानों को भी एक्सरे के लिए हायर किया जा रहा है. जहां पर इस तरह के लोग छाती के निशुल्क एक्सरे करवा पाएंगे और इसके पैसे स्वास्थ्य विभाग देगा. इसकी भी योजना बनाई जा रही है.
लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की लें सलाह
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यदि किसी को दो सप्ताह से ज्यादा खांसी है. अगर शाम को बुखार आता है. वजन कम हो रहा है. वहीं, शाम को थकावट महसूस होती है, तो बलगम की जांच करवाएं या फिर नजदीकी अस्पताल में जाकर अपना चेकअप करवाएं. यदि कहीं पर बलगम की जांच नहीं होती है, तो वहां से भी विभाग सैंपल एकत्रित कर स्वयं ही जांच के लिए इसे लैब में भेजेगा.
सीएमओ सिरमौर डॉ. अजय पाठक ने बताया, "स्क्रीनिंग के दौरान टीबी के 2 नए मरीज मिले हैं. 100 दिनों तक चलने वाले इस अभियान के दौरान जिनमें लक्षण दिखाई दे रहे हैं, उनके बलगम के सैंपल लिए जा रहे हैं. जिनमें लक्षणों की पहचान नहीं हो पा रही है, ऐसे केस एक्सरे के लिए रेफर किए जा रहे हैं. वर्लेबल पॉपुलेशन की स्क्रीनिंग के बाद टीबी रोगियों की दर कम होगी. जल्द उपचार संभव होगा. साथ ही टीबी से मृत्यु दर में भी कमी आएगी. स्क्रीनिंग के दौरान लोग भी सहयोग करें."