वाराणसी: विज्ञान का ज्ञान किताबों में जितना मुश्किल समझ में आता है, उतना ही प्रैक्टिकल किए जाने पर उसे आसानी से समझा जा सकता है. यही वजह है कि अब भोजूबीर इलाके के राजकीय पुस्तकालय के पास एलटी कॉलेज कैम्पस में पूर्वी उत्तर प्रदेश के पहले साइंस पार्क और नक्षत्रशाला बनने जा रहा है.15 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाने वाले साइंस पार्क से बच्चों को विज्ञान के प्रैक्टिकल एस्पेक्ट की जानकारी तो मिलेगी साथ ही साथ डिजिटल तरीके से तैयार हो रही नक्षत्रशाला में ग्रह और स्पेस से जुड़ी तमाम जानकारियां भी उपलब्ध होगी.
साइंस पार्क और नक्षत्रशाला को लेकर प्रयास कई दिनों से चल रहे थे. लेकिन 1 महीने पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पर मुहर लगा दी है. हाल ही में जारी हुए यूपी गवर्नमेंट के बजट में साइंस पार्क के लिए 15 करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए हैं. वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने बताया कि विज्ञान के क्षेत्र में हुए तमाम विकास और उससे होने वाले फायदों को एक जगह पर ही महत्वपूर्ण जानकारी के रूप में उपलब्ध करवाने के लिए साइंस पार्क के निर्माण का काम जल्द शुरू किया जाएगा. बच्चों को एक ही जगह पर विज्ञान से जुड़ी तमाम जानकारियां उपलब्ध करवाने में बड़ी मदद मिलेगी.
वीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि वाराणसी साइंस एक ऐसी स्ट्रीम है, जहां जितना जान लीजिए उतना कम है. इस साइंस पार्क में बच्चे विज्ञान से जुड़ी उन जानकारी को और उन सिद्धान्तों को जान सकेंगे जिनके बारे में वह सिर्फ पढ़ते आए हैं. उन्हें तकनीकी रूप से फिजिकली उन्होंने कभी महसूस नहीं किया है. ऐसी चीजों को साइंस पार्क में दिखने और बताने की कोशिश की जाएगी. ताकि वह अपनी आंखों से उन चीजों को देखें और समझें, जिसे वह किताबों में पड़कर आसानी से समझ नहीं पाते हैं. विज्ञान एक ऐसी चीज है, जिसे देखकर समझ जा सकता है, यदि इसे किताबों के जरिए याद करने की कोशिश करेंगे तो मुश्किल होता है. इसलिए साइंस पार्क के जरिए आज की युवा पीढ़ी को मनोरंजन के साथ विज्ञान के बारे में जानकारी देने का एक अच्छा प्रयास किया जाएगा.
वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग का कहना है कि सांइस पार्क में नक्षत्रशाला की बड़ी भूमिका होगी. क्योंकि अब तक ऐसी नक्षत्रशाला लखनऊ, गोरखपुर और रामपुर में साइंस पार्क के रूप में डेवलप की गई है. वाराणसी में पहली बार इस तरह का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए जमीन भी लगभग निश्चित हो गई है, बस शासन की मुहर लगना बाकी है. इसके बाद करीब एक साल में साइंस पार्क और नक्षत्रशाला तैयार हो जाएगा.
ये होगा खास
पार्क के अंदर 3D थिएटर तैयार होगा.
प्रेक्षागृह की सुविधा भी होगी.
थिएटर में विज्ञान से संबंधित फिल्में भी दिखाई जाएगी.
डिजिटल सौरमंडल का भी एक पूरा हॉल तैयार होगा.
डिजिटल सौरमंडके सभी ग्रहों और उससे जुड़ी अन्य जानकारी के बारे में जाना जा सकेगा.
एक अनुसंधान केंद्र भी बनाया जाएगा, जिसमें देश भर के छात्र-छात्राएं जाकर अपना शोध करेंगे.