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जर्जर और असुरक्षित विद्यालय भवन में अब नहीं दी जाएगी शिक्षा, शिक्षा शासन सचिव ने सभी DEO को दिए ये निर्देश - Guidelines issued for schools

राजस्थान में जर्जर और असुरक्षित विद्यालयों के विषय पर अब शिक्षा महकमे ने संज्ञान लिया है. शिक्षा सचिव ने सभी डीईओ को निर्देश जारी कर खुले में चल रहे स्कूलों में व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही स्कूलों में शौचालय और पेयजल व्यवस्था के लिए भी निर्देशित किया है.

GUIDELINES ISSUED FOR SCHOOLS
स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी (फोटो : ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 22, 2024, 9:11 AM IST

जयपुर. प्रदेश में अब जर्जर और असुरक्षित विद्यालय भवन में शिक्षा नहीं दी जाएगी. शिक्षा महकमे ने जर्जर विद्यालय भवन में संचालित सरकारी स्कूलों की सुध लेते हुए दिशा निर्देश जारी किए हैं. स्कूल शिक्षा शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को विद्यालय भवन के जीर्णोद्धार, स्कूलों के लिए जमीन आवंटित करवाने और भवनों का निर्माण करवाने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं. साथ यहां पेयजल और शौचालयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने को लेकर भी निर्देशित किया है.

बीते दिनों प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जयपुर जिले में सांगानेर, शिवदासपुरा, चाकसू और दूसरे जिलों में सरकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण करते हुए वहां साफ सफाई और भवन के हालातों को टटोला. कुछ जगह खराब स्थिति को देखते हुए नाराजगी भी व्यक्त की थी. इसके बाद अब शिक्षा सचिव ने सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिसके तहत भवन रहित सरकारी स्कूलों के लिए संबंधित कलेक्टर या फिर राजस्व विभाग से सम्पर्क कर स्कूलों के लिए आवश्यक भूमि आंवटित कराने की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा यू-डाईस डाटा 2022-23 के अनुसार भवन रहित विद्यालयों की सूची समस्त मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को प्रेषित कर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है.

खुले में और झोपड़ी के नीचे स्कूल न चलाया जाए : शिक्षा सचिव ने ये भी स्पष्ट किया है कि भूमि आवंटन के अभाव में जब तक विद्यालय भवन का निर्माण नहीं होता तब तक विद्यालय के लिए वैकल्पिक सुरक्षित भवन की व्यवस्था करें और ये निर्देशित किया है कि राज्य में कहीं भी खुले में, झोंपड़ी में, पेड़ के नीचे, असुरक्षित स्थान पर कक्षाओं का संचालन नहीं किया जाए. इसके अलावा असुरक्षित और जर्जर विद्यालय भवनों को अध्यापन या अन्य किसी उपयोग में नहीं लेते हुए वहां छात्रों का प्रवेश वर्जित रखने, जिला स्तरीय निष्पादन समिति की ओर से विद्यालय भवन को जर्जर घोषित करने की कार्रवाई करने, बारिश से पहले छतों की सफाई, छतों के बन्द नालों की सफाई, बरसाती नालों के टूटे पाईपों की मरम्मत कराने के भी निर्देश दिए.

इसे भी पढ़ें- जैसलमेर में खोखले साबित हो रहे शिक्षा को लेकर सरकार के दावे... झोपड़े में पढ़ने को मजबूर विद्यार्थी - Hut School In Jaisalmer

शाला संबलन एप पर दर्ज शिकायतों के लिए भी निर्देश : इसके साथ ही शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने संबंधित संस्था प्रधानों को विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था, शौचालयों में रनिंग वाटर की उपलब्धता, शौचालयों की नियमित साफ-सफाई, मरम्मत कार्य और दूसरी व्यवस्था को प्राथमिकता से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. साथ ही संस्था प्रधानों को शाला संबलन एप पर दर्ज शिकायतों का संबंधित संस्था प्रधान कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट और विद्यालय विकास कोष का इस्तेमाल करते हुए समस्याओं का निस्तारण करने के भी निर्देश दिए.

जयपुर. प्रदेश में अब जर्जर और असुरक्षित विद्यालय भवन में शिक्षा नहीं दी जाएगी. शिक्षा महकमे ने जर्जर विद्यालय भवन में संचालित सरकारी स्कूलों की सुध लेते हुए दिशा निर्देश जारी किए हैं. स्कूल शिक्षा शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को विद्यालय भवन के जीर्णोद्धार, स्कूलों के लिए जमीन आवंटित करवाने और भवनों का निर्माण करवाने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं. साथ यहां पेयजल और शौचालयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने को लेकर भी निर्देशित किया है.

बीते दिनों प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जयपुर जिले में सांगानेर, शिवदासपुरा, चाकसू और दूसरे जिलों में सरकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण करते हुए वहां साफ सफाई और भवन के हालातों को टटोला. कुछ जगह खराब स्थिति को देखते हुए नाराजगी भी व्यक्त की थी. इसके बाद अब शिक्षा सचिव ने सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिसके तहत भवन रहित सरकारी स्कूलों के लिए संबंधित कलेक्टर या फिर राजस्व विभाग से सम्पर्क कर स्कूलों के लिए आवश्यक भूमि आंवटित कराने की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा यू-डाईस डाटा 2022-23 के अनुसार भवन रहित विद्यालयों की सूची समस्त मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को प्रेषित कर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है.

खुले में और झोपड़ी के नीचे स्कूल न चलाया जाए : शिक्षा सचिव ने ये भी स्पष्ट किया है कि भूमि आवंटन के अभाव में जब तक विद्यालय भवन का निर्माण नहीं होता तब तक विद्यालय के लिए वैकल्पिक सुरक्षित भवन की व्यवस्था करें और ये निर्देशित किया है कि राज्य में कहीं भी खुले में, झोंपड़ी में, पेड़ के नीचे, असुरक्षित स्थान पर कक्षाओं का संचालन नहीं किया जाए. इसके अलावा असुरक्षित और जर्जर विद्यालय भवनों को अध्यापन या अन्य किसी उपयोग में नहीं लेते हुए वहां छात्रों का प्रवेश वर्जित रखने, जिला स्तरीय निष्पादन समिति की ओर से विद्यालय भवन को जर्जर घोषित करने की कार्रवाई करने, बारिश से पहले छतों की सफाई, छतों के बन्द नालों की सफाई, बरसाती नालों के टूटे पाईपों की मरम्मत कराने के भी निर्देश दिए.

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शाला संबलन एप पर दर्ज शिकायतों के लिए भी निर्देश : इसके साथ ही शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने संबंधित संस्था प्रधानों को विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था, शौचालयों में रनिंग वाटर की उपलब्धता, शौचालयों की नियमित साफ-सफाई, मरम्मत कार्य और दूसरी व्यवस्था को प्राथमिकता से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. साथ ही संस्था प्रधानों को शाला संबलन एप पर दर्ज शिकायतों का संबंधित संस्था प्रधान कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट और विद्यालय विकास कोष का इस्तेमाल करते हुए समस्याओं का निस्तारण करने के भी निर्देश दिए.

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