बलरामपुर: जिले में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है. इस मामले में केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के 3 अवर अभियंताओं सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. अभियंताओं में 2 की गिरफ्तारी बलरामपुर नगर से एवं एक अभियंता को उतरौला थाना क्षेत्र से पकड़ा गया है. इन पर आरोप है कि फर्जी रिपोर्ट लगाकर पीएम शहरी आवास योजना की राशि में बंदरबांट की गई. योजना में घोटाले से जुड़े कुल 28 मामले दर्ज हैं. सभी में घोटाले का आरोप है. इसमें से एक मामले में ये कार्रवाई की गई है.
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि जिले के उतरौला, बलरामपुर, तुलसीपुर एवं पचपेड़वा कस्बे में डूडा विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए धनराशि दी गई थी. आरोप है कि कूटरचित अभिलेखों के सहारे फर्जी टैगिंग करके सरकारी धन हड़पा गया. इस मामले में जांच एजेंसी कीर्ति नगर, दिल्ली की संस्था के नीरज कुमार सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था. बताया कि ये लोग तमाम ऐसे प्रधानमंत्री शहरी आवास, जो पहले से बन चुके होते थे, उन्हीं आवासों एवं जमीनों की फर्जी टैगिंग करके सरकारी धन हड़प लेते थे.
सरकारी धन हड़पने के मामले में दर्ज मुकदमे के तहत नगर कोतवाली पुलिस ने अवर अभियंता कार्तिक मोदनवाल निवासी बड़गो, खोराबार गोरखपुर, विजय कुमार यादव निवासी गोरा चौराहा, बलरामपुर, अनिमेष तिवारी निवासी मानस नगर, लखनऊ सहित कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है.
उन्होंने बताया कि जिले के 4 थानों में कुल 28 मामले पंजीकृत किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है. जल्द ही कई अन्य लोग भी कानून की गिरफ्त में होंगे. पुलिस की इस कार्यवाही से गरीबों के हक पर डाका डालने वाले कर्मचारियों के साथ सरकारी धन का बंदरबाट करने वालों में हड़कंप मच गया है.
बता दें कि पुलिस की छानबीन में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं. इसमें घोटाले के आरोपी जेई के साथ ही लाभार्थी भी शामिल मिले. पीएम शहरी आवास योजना के तहत ऐसे आवासों की भी फर्जी रिपोर्ट लगाई गई, जो पूरी तरह से बने ही नहीं थे. जबकि धनराशि का पूरा भुगतान कर लिया गया. जब लाभार्थियों को दी गई राशि की जांच की गई तो यह घोटाला सामने आया. इसके लिए दिल्ली की एजेंसी ने जांच की, जिसमें यह सामने आया कि पहले से तैयार आवासों की योजना के तहत फर्जी टैगिंग की गई. पुलिस के मुताबिक यह बड़ा घोटाला है और जांच जारी है. इसमें किन-किन लोगों को योजना का लाभ दिया गया और मौके पर क्या स्थिति है, इसकी छानबीन की जाएगी. यहां घोटाले से जुडे़ कुल 28 मामले अब तक दर्ज किए गए हैं. सभी मामलों की पड़ताल की जाएगी.