गिरिडीह: गावां सीएचसी में वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है. इस गड़बड़ी का पता गिरिडीह के सिविल सर्जन शिव प्रसाद मिश्रा ने लगाया है. अनियमितता पकड़े जाने के बाद प्रारंभिक कार्रवाई के तौर पर यहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को उनके पदमुक्त कर दिया गया है. जबकि बीपीएम को भी हटा दिया गया है. इसके बाद उपायुक्त द्वारा गठित टीम ने भी जांच की है.
जांच में शामिल जिला लेखा पदाधिकारी अनंत कुमार मिश्रा, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रेखा झा, जिला लेखा प्रबंधक सुमित कुमार, लेखा पाल एनटीईपी रविकांत सिन्हा, एसीएमओ परमेश्वर मिश्रा और जिला सलाहकार कुणाल भारती ने कई बातें नोट की हैं. अब जल्द ही जांच टीम अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इस बीच सिविल सर्जन एसपी मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया है कि यह गड़बड़ी दवा खरीद में हुई है.
औचक निरीक्षण में मामला आया सामने
सिविल सर्जन ने बताया कि 25 जून को वे गावां स्वास्थ्य केंद्र के रूटीन दौरे पर थे. वे वहां कामकाज देखने गए थे. इस दौरान जब उन्होंने स्टोर और अकाउंट की जांच की तो पहली नजर में लगा कि वहां कई गड़बड़ियां हैं. ये ऐसी गड़बड़ियां थीं, जिनकी पूरी जांच जरूरी थी. इसके बाद एक टीम भेजी गई जिसने कई बिंदुओं पर जांच की. जांच में गड़बड़ी सामने आई है, लेकिन पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
साक्ष्य मिटे नहीं इसलिए हटाए गए पदाधिकारी
सीएस ने बताया कि जब वे गावां सीएचसी के स्टोर में गए तो पाया कि दवाओं की खरीदारी में गड़बड़ी हुई है. यहां उन्होंने पाया कि एक ही दिन दवाओं की खरीदारी हुई और उसी दिन स्टॉक खत्म हो गया. उन्होंने यह भी पाया कि दवाओं की खरीदारी में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. ऐसे में उन्होंने तुरंत निर्णय लिया कि बीपीएम और प्रभारी को हटाना जरूरी है. क्योंकि अगर उन्हें नहीं हटाया गया तो साक्ष्यों के साथ भी छेड़छाड़ हो सकती है.
प्रभारी - बीपीएम से पूछताछ
इधर, जांच टीम ने निवर्तमान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी चंद्रमोहन कुमार और बीपीएम प्रमोद वर्णवाल से पूछताछ की है. पूछताछ में परत दर परत गड़बड़ी की पोल खुलती जा रही है. हालांकि, इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी फिलहाल कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं. उनका कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही वे सही जानकारी दे पाएंगे.
दवा आया लेकिन गया कहां पता नहीं
इस बीच जांच टीम ने आयुष्मान केंद्र की देखरेख करने वाले कर्मी मनीष कुमार से भी पूछताछ की है. बताया जाता है कि पूछताछ के दौरान मरीजों के प्रतिदिन के इलाज का रजिस्टर मांगा गया. इस रजिस्टर में भी गड़बड़ियां पाई गईं. कर्मी ने जांच टीम को बताया कि वह केवल दवा रिसीव करता था. दवा कहां ले जाई जाती थी, इसकी जानकारी उसे नहीं है.
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