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गोरखपुर में नहीं कटेगी बिजली; फाल्ट होने पर पता चलेगा तुरंत, ठीक करने के लिए लाइनमैन को खंभे पर नहीं चढ़ना होगा - Gorakhpur News Latest Updates - GORAKHPUR NEWS LATEST UPDATES

बिजली क्यों गुल है पता लगाने के लिए गोरखपुर में लागू होगी स्काडा योजना, योजना के तहत बिजली सप्लाई की तीन लाइन बनाई जाएंगी.

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गोरखपुर में नहीं कटेगी बिजली; फाल्ट होने पर पता चलेगा तुरंत. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 5, 2024, 3:02 PM IST

गोरखपुर: बिजली के फाल्ट से जहां उपभोक्ता परेशान होते हैं, वहीं विभागीय इंजीनियर भी उसे ढूढ़ने में घंटों समय लगाते हैं. इससे समय और संकट दोनों बढ़ता है. लेकिन, अब गोरखपुर क्षेत्र के लोगों को इससे मुक्ति मिल जाएगी. विजली विभाग इस समस्या के निदान के लिए स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्विजिशन) योजना से शहर को जोड़ने की तैयारी कर लिया है.

इस पर 85 करोड़ 59 लाख रुपए खर्च होंगे, जिसकी स्वीकृति के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. माना जा रहा है कि शासन की मंशा पर इस योजना को तैयार भी किया गया है जिसकी इसकी स्वीकृति मिलने की पूरी संभावना है. इस योजना के तहत बिजली सप्लाई की तीन लाइन बनाई जाएंगी, जिससे विषम परिस्थितियों में यदि दो लइनों में खराबी आए तो तीसरी लाइन चालू रखी जा सके.

इस सम्बंध में मुख्य अभियंता आशुतोष श्रीवास्ताव ने बताया है कि इसका प्रस्ताव बनाकर प्रबंध निदेशक को भेज दिया गया है. इसके लागू हो जाने से पूरी व्यवस्था मशीन के माध्यम से संचालित होगी. निर्बाध बिजली आपूर्ति के साथ ही बिजली व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन के लायक भी साबित होगी यह योजना.

मुख्य अभियंता आशुतोष कुमार ने बताया कि इस योजना के लागू हो जाने से लाइनमैन को बिजली पोल पर नहीं चढ़ाना पड़ेगा. सभी उपकेंद्रों से निर्बाध आपूर्ति के लिए तीन तरफ से रिंग मेन यूनिट की स्थापना होगी, जिससे यदि एक के बाद एक दो लाइनों में कोई फॉल्ट आएगा तो, तीसरी यूनिट से बिजली की सप्लाई जारी रखी जा सकेगी.

शहर के पादरी बाजार, गोरखनाथ, इंडस्ट्रियल एस्टेट, नौसढ़ और तारामंडल जैसे क्षेत्र के उप केंद्रों पर बिजली का दबाव अधिक है. फाल्ट होने के बाद ढूंढ़ने, उसे ठीक करने में कई घंटे का समय लगता है, जिसमें यह स्काडा योजना बड़ी मददगार साबित होगी. क्योंकि, इसके तहत जो लोकेटर मशीन लगाई जाएगी वही फाल्ट को पकड़ लेगी. जहां फाल्ट होगा बिजली के तकनीशियन और इंजीनियर मिलकर उसे शीघ्रता के साथ दूर कर सकेंगे. जिससे लोगों को लंबे समय तक बिजली आपूर्ति की समस्या नहीं झेलनी पड़ेगी.

भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए महानगर में नए उपकेंद्र बनने के साथ ही कई उप केंद्रों की क्षमता वृद्धि भी की जा रही है. नई लाइन बनाने के लिए भी 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च का प्रस्ताव अभी शासन को भेजा गया है. उन्होंने बताया कि जैसे ही बिजली आपूर्ति में कोई बाधा आती है तो फीडर से भी सप्लाई बंद हो जाती है. इसके बाद इंजीनियरों को गड़बड़ी की तलाश शुरू करनी पड़ती है.

गड़बड़ी नहीं मिलने पर दूसरे फीडर से बिजली सप्लाई बाधित हुए क्षेत्र में देने की प्रक्रिया को लंबे अंतराल होने पर विभाग को अपनाना पड़ता है. जिसमें भी करीब 1 घंटे से अधिक का समय लगता है. इससे उपभोक्ता परेशान रहते हैं.

लेकिन, जब स्काडा योजना यहां लागू हो जाएगी तो यह सब समस्या भी बीते दिनों की बात हो जाएगी, जिससे बिजली कटने के बाद घंटों इंतजार की समस्या खत्म हो जाएगी. बिजली निगम महानगर के सभी उप केंद्रो और पादरी बाजार, नौसढ़ को विशेष तौर से इस व्यवस्था से जोड़ने जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः गोरखपुर में 400 प्लॉट ई लाटरी से, कीमत, आवेदन जानिए

गोरखपुर: बिजली के फाल्ट से जहां उपभोक्ता परेशान होते हैं, वहीं विभागीय इंजीनियर भी उसे ढूढ़ने में घंटों समय लगाते हैं. इससे समय और संकट दोनों बढ़ता है. लेकिन, अब गोरखपुर क्षेत्र के लोगों को इससे मुक्ति मिल जाएगी. विजली विभाग इस समस्या के निदान के लिए स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्विजिशन) योजना से शहर को जोड़ने की तैयारी कर लिया है.

इस पर 85 करोड़ 59 लाख रुपए खर्च होंगे, जिसकी स्वीकृति के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. माना जा रहा है कि शासन की मंशा पर इस योजना को तैयार भी किया गया है जिसकी इसकी स्वीकृति मिलने की पूरी संभावना है. इस योजना के तहत बिजली सप्लाई की तीन लाइन बनाई जाएंगी, जिससे विषम परिस्थितियों में यदि दो लइनों में खराबी आए तो तीसरी लाइन चालू रखी जा सके.

इस सम्बंध में मुख्य अभियंता आशुतोष श्रीवास्ताव ने बताया है कि इसका प्रस्ताव बनाकर प्रबंध निदेशक को भेज दिया गया है. इसके लागू हो जाने से पूरी व्यवस्था मशीन के माध्यम से संचालित होगी. निर्बाध बिजली आपूर्ति के साथ ही बिजली व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन के लायक भी साबित होगी यह योजना.

मुख्य अभियंता आशुतोष कुमार ने बताया कि इस योजना के लागू हो जाने से लाइनमैन को बिजली पोल पर नहीं चढ़ाना पड़ेगा. सभी उपकेंद्रों से निर्बाध आपूर्ति के लिए तीन तरफ से रिंग मेन यूनिट की स्थापना होगी, जिससे यदि एक के बाद एक दो लाइनों में कोई फॉल्ट आएगा तो, तीसरी यूनिट से बिजली की सप्लाई जारी रखी जा सकेगी.

शहर के पादरी बाजार, गोरखनाथ, इंडस्ट्रियल एस्टेट, नौसढ़ और तारामंडल जैसे क्षेत्र के उप केंद्रों पर बिजली का दबाव अधिक है. फाल्ट होने के बाद ढूंढ़ने, उसे ठीक करने में कई घंटे का समय लगता है, जिसमें यह स्काडा योजना बड़ी मददगार साबित होगी. क्योंकि, इसके तहत जो लोकेटर मशीन लगाई जाएगी वही फाल्ट को पकड़ लेगी. जहां फाल्ट होगा बिजली के तकनीशियन और इंजीनियर मिलकर उसे शीघ्रता के साथ दूर कर सकेंगे. जिससे लोगों को लंबे समय तक बिजली आपूर्ति की समस्या नहीं झेलनी पड़ेगी.

भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए महानगर में नए उपकेंद्र बनने के साथ ही कई उप केंद्रों की क्षमता वृद्धि भी की जा रही है. नई लाइन बनाने के लिए भी 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च का प्रस्ताव अभी शासन को भेजा गया है. उन्होंने बताया कि जैसे ही बिजली आपूर्ति में कोई बाधा आती है तो फीडर से भी सप्लाई बंद हो जाती है. इसके बाद इंजीनियरों को गड़बड़ी की तलाश शुरू करनी पड़ती है.

गड़बड़ी नहीं मिलने पर दूसरे फीडर से बिजली सप्लाई बाधित हुए क्षेत्र में देने की प्रक्रिया को लंबे अंतराल होने पर विभाग को अपनाना पड़ता है. जिसमें भी करीब 1 घंटे से अधिक का समय लगता है. इससे उपभोक्ता परेशान रहते हैं.

लेकिन, जब स्काडा योजना यहां लागू हो जाएगी तो यह सब समस्या भी बीते दिनों की बात हो जाएगी, जिससे बिजली कटने के बाद घंटों इंतजार की समस्या खत्म हो जाएगी. बिजली निगम महानगर के सभी उप केंद्रो और पादरी बाजार, नौसढ़ को विशेष तौर से इस व्यवस्था से जोड़ने जा रहा है.

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