जयपुर/बारां : सुप्रीम कोर्ट के एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर बनाने की अनुमति देने के इस फैसले पर अब व्यापक बहस छिड़ चुकी है. साथ ही आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने भारत बंद का ऐलान भी किया है. इसके चलते राजस्थान में भी पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है. हालांकि, राजस्थान का वाल्मीकि समाज इस बंद का बहिष्कार कर रहा है.
वाल्मीकि समाज विकास संस्थान के अध्यक्ष दीपक डंडोरिया ने कहा कि वाल्मीकि समाज सुप्रीम कोर्ट की ओर से लागू किए गए आरक्षण में वर्गीकरण के फैसले का स्वागत करता है. साथ ही बुधवार को होने वाले भारत बंद का पूर्ण रूप से बहिष्कार करता है. उन्होंने कहा कि वाल्मीकि समाज ये मांग करता है कि राजस्थान में इस फैसले को राजस्थान सरकार तुरंत प्रभाव से लागू करे. आरक्षण का बंटवारा ही समाधान है. दलितों और महादलितों की कैटेगरी बननी चाहिए.
भारत बंद का विरोध : दीपक डंडोरिया ने बीजेपी सरकार में मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा की ओर से इसकी पैरवी किए जाने का हवाला देते हुए कहा कि आरक्षण का फायदा यदि अंतिम पंक्ति को देना है, तो कोर्ट के फैसले को लागू करना ही होगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर भारत बंद होगा तो वो इसे रोकेंगे और व्यापारियों के हित में खुद मोर्चा संभालकर खड़े रहेंगे. उन्होंने आगामी दिनों में प्रदेश में होने वाली सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को अलग से आरक्षण देने की मांग की.
बारां में भी विरोध : मंगलवार को वाल्मिकी समाज की ओर से प्रेसवार्ता कर भारत बंद का विरोध करने का ऐलान किया गया है. नायक सभा के युवा प्रदेश अध्यक्ष रोहित नायक ने बयान जारी कर भारत बंद का विरोध जताया है. वहीं, व्यापार महासंघ ने बुधवार दोपहर 3 बजे तक बंद को समर्थन दिया है. आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा जाएगा. भारत बंद को लेकर वाल्मिकी समाज के नेता और राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व अध्यक्ष नारायण डांगोरिया ने जानकारी दी कि बुधवार को भारत बंद को लेकर वाल्मिकी समाज इसका पुरजोर विरोध करेगा.
झालावाड में विरोध : वहीं झालावाड़ में भी बंद का विरोध किया जा रहा है. राजस्थान आदिवासी भील आरक्षण संघर्ष समिति ने मनोहरथाना के एसडीएम को राष्ट्रपति तथा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर आरक्षित 12 प्रतिशत आरक्षण में से भील समाज के लिए 6% अलग आरक्षण कोटा निर्धारित करने की माग की है. भील समाज के जिला अध्यक्ष जमना लाल भील ने बताया कि सम्पूर्ण भील समाज सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करता है. समाज ने बुधवार को भारत बंद का विरोध जताया है.