कोटा. एससी एसटी कोर्ट ने गैंगरेप के 5 साल पुराने मामले में मंगलवार को दो आरोपियों को 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 60 हजार रुपए अर्थदंड लगाया है. इस मामले में तीसरा आरोपी फरार है, जबकि चौथे आरोपी की मृत्यु हो चुकी है.
विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश जैन ने बताया कि 19 वर्षीय पीड़िता 12 जुलाई 2018 को कोटड़ी इलाके से अपने भाई के घर जा रही थी. इस दौरान रास्ते में फूलचंद और गोवर्धन मिले. दोनों पीड़िता के पुराने जानकार थे, इसलिए पीड़िता उनके साथ चली गई. लोक अभियोजक ने बताया कि दोनों आरोपी पीड़िता को लेकर बबलू सरदार के घर चले गए, जहां पीड़िता को कोल्ड ड्रिंक में शराब मिलाकर पिला दी. इस दौरान बबलू सरदार का नौकर भैरूलाल भी मौजूद था.
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इसके बाद आरोपियों ने पीड़िता के साथ गलत काम किया. दूसरे दिन जब पीड़िता को सुबह 8 बजे होश आया तो वह नग्नावस्था में थी. इसके बाद आरोपी बबलू सरदार और फूलचंद उसे शराब के ठेके पर ले गए, जहां पर दोबारा शराब पिलाई. इसके बाद वापस बबलू सरदार के घर ले गए, जहां पर उसके भाई और मां के आने के बाद उनके सुपुर्द कर दिया. इस मामले में 15 जुलाई 2018 में गैंगरेप सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. इस मामले में पुलिस ने न्यायालय में चालान पेश कर दिया. इस मामले की सुनवाई एससी एसटी कोर्ट में हो रही थी. सुनवाई के दौरान एक आरोपी भैरूलाल को दिसंबर 2023 में फरार घोषित कर दिया गया. वहीं, साल 2021 में बबलू सरदार की भी मौत हो गई. ऐसे में उसके खिलाफ कार्रवाई ड्रॉप की गई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों आरोपी चौथमल और फूलचंद को 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 60 हजार रुपए अर्थ दंड भी लगाया है.