रांची: पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद झारखंड की सियासत में गरमाहट आ गई है. जहां भारतीय जनता पार्टी ने इसे सही करार देते हुए कहा कि जिस तरह से उनके द्वारा जमीन लूटी गई उसपर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दिया है. वहीं, जेएमएम की ओर से कहा गया कि कोर्ट के फैसले से झारखंड की जनता में निराशा जरूर है, मगर हतोत्साहित नहीं है. जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि परिस्थितियां बदलेगी और जल्द ही हेमंत सोरेन हमारे बीच होंगे. इस बीच बीजेपी सांसद संजय सेठ ने जेएमएम पार्टी पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. इस फैसले से प्रमाणित हो गया है कि ईडी ने जो कारवाई की है वह सही है.
सुप्रीम कोर्ट से हेमंत सोरेन को मिली फटकार
दरअसल, हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी और चल रहे लोकसभा चुनाव के बीच प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की गई थी. जहां बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है. इस दौरान कोर्ट ने हेमंत सोरेन के द्वारा दाखिल की गई अर्जी को ठुकराते हुए फटकार लगाई और कहा कि उनका आचरण बेदाग नहीं है.
जस्टिस दीपंकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जानना चाहा कि ईडी द्वारा दाखिल चार्जशीट पर ट्रायल कोर्ट के द्वारा संज्ञान लिया गया है या नहीं जिसका उल्लेख याचिका में क्यों नहीं है. कोर्ट की नाराजगी को देखते हुए हेमंत सोरेन की ओर से अदालत में पक्ष रख रहे वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिका वापस ले ली. हालांकि उन्होंने अपने बचाव में कहा की हेमंत हिरासत में है और उन्हें कोर्ट में दायर की जा रही याचिकाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
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