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रहस्यमयी पाताल गंगा करती है अर्धनारीश्वर शिवलिंग का अभिषेक, ठंड में गर्म और गर्मी में ठंडा रहता है पानी - Sawan Somwar 2024 - SAWAN SOMWAR 2024

Sawan Somwar 2024, Surguja Shiv Mandir सरगुजा का शिवपुर रहस्यों और चमत्कारों का धाम है. पाताल से निकल कर गंगा अनवरत शिव और शक्ति का अभिषेक करती है. ठंड में गर्म और गर्मी में ठंडा होता है यहां का पानी. भगवान राम से भी जुड़ी है इसकी कहानी जानिये प्रतापपुर के अर्धनारीश्वर शिवलिंग की महिमा. Ardhanarishwar Shivalinga

Sawan Somwar 2024
प्रतापपुर का अर्धनारीश्वर शिवलिंग (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 29, 2024, 7:21 AM IST

Updated : Jul 29, 2024, 8:17 AM IST

सरगुजा: अंबिकापुर से 45 किलोमीटर दूर प्रतापपुर के शिवपुर में भगवान शिव का मंदिर है. सावन सोमवार पर इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. यहां शिवलिंग के साथ महागौरी का संगम देखने मिलता है. इस वजह से पूरे क्षेत्र में अर्धनारीश्वर शिवलिंग के रूप में ये शिव मंदिर प्रसिद्ध है. अर्धनारीश्वर शिवलिंग का अभिषेक पाताल गंगा करती है. शिवलिंग का अभिषेक करने के बाद पाताल गंगा एक मानव निर्मित कुंड में जमा हो जाती है. इस शिव चरणामृत रूपी जल से स्नान कर लोग खुद को धन्य मानते हैं.

प्रतापपुर का अर्धनारीश्वर शिवलिंग (ETV Bharat Chhattisgarh)

पाताल गंगा करती है अर्धनारीश्वर शिवलिंग का अभिषेक: इस मंदिर में विराजे महादेव की कई मान्यताएं हैं. यहां एक रहस्यमयी जलधारा 12 महीने बराबर रफ्तार में बहती है न ही बरसात में इसमें सैलाब आता है और न ही गर्मी में यह धारा सूखती है. धार्मिक स्थलों के शोधकर्ता अजय चतुर्वेदी कहते हैं "मान्यता है कि इस शिवलिंग की स्थापना भगवान श्री राम ने की थी. पहाड़ों के बीच स्थित इस शिवलिंग का अभिषेक पाताल गंगा करती है, पत्थरों से निकलकर जल धारा शिव जी के ऊपर से होते हुए आगे बढ़ती है. इस जल स्रोत की विशेषता यह है कि गंगाजल की तरह इसका पानी भी बोतल में रखने पर खराब नहीं होता है."

Sawan Somwar 2024
प्रतापपुर का अर्धनारीश्वर शिवलिंग (ETV Bharat Chhattisgarh)

अजय चतुर्वेदी आगे बताते हैं "ये अर्धनारीश्वर शिवलिंग है, लगातार प्राकृतिक जलस्रोत से अभिषेक होने के कारण इन्हें जलेश्वर नाथ भी कहा जाता है. पहाड़ में पत्थरों से निकलने वाली इस जल धारा का पता लगाने बाहर से साइंटिस्ट भी आ चुके हैं, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका. इसके बारे में बस यही कहा का सकता है कि ये पाताल गंगा है."

शिवपुर धाम सरगुजा का बाबाधाम है. शिवपुर के शिवलिंग की स्थापना किवंदती के अनुसार वनवास काल के दौरान भगवान श्रीराम ने की थी. अर्धनारीश्वर शिवलिंग है. आधा भाग शिव और आधा भाग पार्वती मां का है. तुरेश्वर बाबा या जलेश्वर नाथ भी कहा जाता है. जलकुंड पहाड़ों से निकला हुआ है. जल कहां से आ रहा है किसी को भी पता नहीं. गर्मी में ठंडा और ठंड में गर्म पानी आता है. -अजय चतुर्वेदी, धार्मिक स्थलों के शोधकर्ता

Sawan Somwar 2024
सावन सोमवार (ETV Bharat Chhattisgarh)

सावन सोमवार पर भक्तों की जमा होती है भीड़: महाशिवरात्रि और सावन के हर सोमवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. श्रद्धालु इतनी ज्यादा संख्या में पहुंचते है कि मेले जैसा माहौल नजर आता है. आस पास की कई नदियों से जल उठाकर लोग यहां चढ़ाते हैं. इस मंदिर को लेकर ग्रामीणों में कई किवदंति यहां प्रचलित हैं. लेकिन जो यथार्थ है वो भी रहस्यमयी है.

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सरगुजा: अंबिकापुर से 45 किलोमीटर दूर प्रतापपुर के शिवपुर में भगवान शिव का मंदिर है. सावन सोमवार पर इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. यहां शिवलिंग के साथ महागौरी का संगम देखने मिलता है. इस वजह से पूरे क्षेत्र में अर्धनारीश्वर शिवलिंग के रूप में ये शिव मंदिर प्रसिद्ध है. अर्धनारीश्वर शिवलिंग का अभिषेक पाताल गंगा करती है. शिवलिंग का अभिषेक करने के बाद पाताल गंगा एक मानव निर्मित कुंड में जमा हो जाती है. इस शिव चरणामृत रूपी जल से स्नान कर लोग खुद को धन्य मानते हैं.

प्रतापपुर का अर्धनारीश्वर शिवलिंग (ETV Bharat Chhattisgarh)

पाताल गंगा करती है अर्धनारीश्वर शिवलिंग का अभिषेक: इस मंदिर में विराजे महादेव की कई मान्यताएं हैं. यहां एक रहस्यमयी जलधारा 12 महीने बराबर रफ्तार में बहती है न ही बरसात में इसमें सैलाब आता है और न ही गर्मी में यह धारा सूखती है. धार्मिक स्थलों के शोधकर्ता अजय चतुर्वेदी कहते हैं "मान्यता है कि इस शिवलिंग की स्थापना भगवान श्री राम ने की थी. पहाड़ों के बीच स्थित इस शिवलिंग का अभिषेक पाताल गंगा करती है, पत्थरों से निकलकर जल धारा शिव जी के ऊपर से होते हुए आगे बढ़ती है. इस जल स्रोत की विशेषता यह है कि गंगाजल की तरह इसका पानी भी बोतल में रखने पर खराब नहीं होता है."

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प्रतापपुर का अर्धनारीश्वर शिवलिंग (ETV Bharat Chhattisgarh)

अजय चतुर्वेदी आगे बताते हैं "ये अर्धनारीश्वर शिवलिंग है, लगातार प्राकृतिक जलस्रोत से अभिषेक होने के कारण इन्हें जलेश्वर नाथ भी कहा जाता है. पहाड़ में पत्थरों से निकलने वाली इस जल धारा का पता लगाने बाहर से साइंटिस्ट भी आ चुके हैं, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका. इसके बारे में बस यही कहा का सकता है कि ये पाताल गंगा है."

शिवपुर धाम सरगुजा का बाबाधाम है. शिवपुर के शिवलिंग की स्थापना किवंदती के अनुसार वनवास काल के दौरान भगवान श्रीराम ने की थी. अर्धनारीश्वर शिवलिंग है. आधा भाग शिव और आधा भाग पार्वती मां का है. तुरेश्वर बाबा या जलेश्वर नाथ भी कहा जाता है. जलकुंड पहाड़ों से निकला हुआ है. जल कहां से आ रहा है किसी को भी पता नहीं. गर्मी में ठंडा और ठंड में गर्म पानी आता है. -अजय चतुर्वेदी, धार्मिक स्थलों के शोधकर्ता

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सावन सोमवार (ETV Bharat Chhattisgarh)

सावन सोमवार पर भक्तों की जमा होती है भीड़: महाशिवरात्रि और सावन के हर सोमवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. श्रद्धालु इतनी ज्यादा संख्या में पहुंचते है कि मेले जैसा माहौल नजर आता है. आस पास की कई नदियों से जल उठाकर लोग यहां चढ़ाते हैं. इस मंदिर को लेकर ग्रामीणों में कई किवदंति यहां प्रचलित हैं. लेकिन जो यथार्थ है वो भी रहस्यमयी है.

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Last Updated : Jul 29, 2024, 8:17 AM IST
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