शहडोल: इस समय सावन का महीना चल रहा है. यह महीना हिन्दू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है. इस बार का सावन का महीना विशेष है, क्योंकि 25 साल बाद इस साल सावन में 4 के बजाय 5 सोमवार पड़ रहा है. 3 सोमवार बीत चुका है और आने वाला सोमवार सावन का चौथा सोमवार होगा. चौथे सोमवार को उमा-महेश्वर की पूजा की जाती है. इस दिन विशेष तरह का शिवलिंग बनाकर पूजा करना लाभदायक माना जाता है. शिवलिंग कैसे बनाएं और उसकी पूजा कैसे करें, इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने विस्तार से जानकारी दी है.
ऐसे करें शिवलिंग का निर्माण
पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, 'सावन का चौथा सोमवार 12 अगस्त को पड़ रहा है. यह सोमवार बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन शिव आराधना करने के लिए शिवजी की मूर्ति बनाएं जिसके लिए साफ सुथरी पवित्र जगह से काली मिट्टी लें. उसमें थोड़ा सा मक्खन मिला लें, थोड़ा गंगाजल डाल लें, आग जलाकर भभूति बनाकर के उसको मिला लें और बढ़िया दिव्य मूर्ति बनाएं.'
शिवलिंग की पूजा विधि
सुशील शुक्ला शास्त्री ने बताया कि, 'चौथे सोमवार को उमा-महेश्वर की पूजा की जाती है. इसलिए शिवजी और पार्वती की मूर्ति बनाकर के उन्हें विधिवत किसी परात में रख लें. इसके बाद मूर्ति की प्रतिष्ठा करें. प्रतिष्ठा करने के बाद दूध, दही, गंगाजल, शहद, शक्कर, केसर, गुलाब रस ये सभी इकट्ठा कर लें और विधिवत भोलेनाथ का अभिषेक करें.'
शत्रुओं पर विजय के लिए करें ये उपाय
ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि, 'विशेष रूप से जिनके शत्रु हैं और जो आपके प्रति द्वेष रखते हैं उनकी शत्रुता में कमी और शांति लाने के लिए, सरसों के तेल से शिवजी का अभिषेक करना चाहिए. उसके बाद गिन करके 101 बेलपत्र जिसमें राम-राम लिखा हो उसे शिव और पार्वती को चढ़ाना है. इसके बाद भगवान का दृव्य श्रृंगार करें. भगवान को सफेद वस्त्र धारण कराएं. इस सबके बाद उनको भोग प्रसाद चढ़ाएं. भोग प्रसाद में कम से कम 12 प्रकार का व्यंजन बनाकर जैसे मीठा, पूड़ी, सब्जी, फल आदि को 12 प्रकार से 12 ज्योतिर्लिंगों पर अलग-अलग प्रकार से सजाकर शिवलिंग की पूजा करें और उनको भोग लगाएं.'
इस समय करें उमा-महेश्वर की पूजा
आचार्य पूजा के सही तरीके और शुभ मुहुर्त के बारे में बताते हुए कहते हैं कि, 'उमा-महेश्वर की शाम को पूजा करने से अधिक पुण्य-लाभ मिलता है. इसके लिए शाम 4 बजे से 7 बजे के बीच पूजा करनी चाहिए. इस समय पूजा करने से भगवान शंकर और पार्वती की दृष्टि भक्त के ऊपर पड़ती है और भक्त सहित पूरे परिवार को उसका लाभ मिलता है. वहीं, जो किसी कारणवश शाम को पूजा नहीं कर सकते उन्हें सुबह 7 बजे से सुबह के ही 10 बजे के बीच पूजा करनी चाहिए.
अगर किसी कारणवश पूरोहित नहीं उपलब्ध है तो दिव्य मूर्ति बनाकर खुद परात में सजाकर ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए मूर्ति को विधिवत स्नान कराएं बेलपत्र चढ़ाएंं, अगर उसमें धतूरा और मदार का दूध शामिल हो जाएगा तो और लाभकारी होगा. इस सब को चढ़ाकर भगवान का भोग लगाएं और आरती करें इसके बाद पूजा संपन्न हो जाएगी.'
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25 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग
ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि, 'ऐसा संयोग 25 साल बाद बन रहा है कि सावन महीने में 5 सोमवार पड़ रहा है. सावन सोमवार को आराधना करने से शिव-पार्वती की कृपा पूरे परिवार पर बरसती है. कुवांरी लड़कियों को शिव पार्वती और उमा महेश्वर के नाम से पूजा करनी चाहिए, इससे विवाह का योग बनाता है और दिव्य वर की प्राप्ति होती है.'