रायपुर : सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हो चुकी है. सावन में रंगों का विशेष महत्व है. पूजा पाठ या त्योहार के समय कुछ खास रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है. कुछ ऐसे रंग के कपड़े भी हैं, जिनको सावन माह में बिलकुल नहीं पहनना चाहिए. माना जाता है कि इन रंगों के कपड़ों से भगवान शिव की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है.
सावन 2024 खास : इस साल खास बात यह है कि इस बार सावन का महीना 29 दोनों का है. इस बार पांच सावन सोमवार पड़ रहे हैं. सावन महीने की शुरुआत भी सोमवार से हुई है. सावन महीने की समाप्ति भी 19 अगस्त सोमवार के दिन ही होगी.
सावन माह का कलर कनेक्शन : ज्योतिष और वास्तुविद पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने बताया, "सावन महादेव की पूजा का महीना है. इस पूरे माह में शिव पूजा बड़ी श्रद्धा से करना चाहिए. यूं तो सारे रंग भगवान के बनाये हुए हैं, लेकिन बहुत अच्छा होगा कि आप हल्के रंग के कपड़े पहनें. गहरे काले या ग्रे कलर के कपड़े नहीं पहनना चाहिए. भगवा या फिर सफेद रंग के कपड़े आपके लिए अच्छे रहेंगे. बहुत सारे रंगों के कपड़े पहनने से जातक के अंदर में ऊर्जा आती है."
"रंगों में सबसे अच्छा सफेद रंग होता है. दूसरे नंबर पर आता है भगवा रंग. इन दोनों रंग के कपड़े पहनकर आप काफी ऊर्जा का अनुभव करेंगे. तीसरे नंबर पर आता है पीले रंग का कपड़ा और चौथे नंबर पर लाल रंग का कपड़ा आता है. इन रंगों के कपड़े पहनकर भी आप अपने आप को काफी ऊर्जावान महसूस करते हैं. लेकिन आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए कि पहले आप सफेद रंग, पीले रंग और उसके बाद लाल रंग के कपड़े पहनें." - पं प्रियाशरण त्रिपाठी, ज्योतिष और वास्तुविद
सावन के महीने में भूलकर भी इन रंगों के कपड़े नहीं पहनें :
काला रंग के कपड़े : सावन के महीने में भूलकर भी काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए. वैसे तो किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में काला रंग न पहनने की सलाह दी जाती है. क्योंकि इस रंग के कपड़े पहनकर पूजा-पाठ करना अशुभ होता है. इसलिए काला रंग वर्जित माना गया है.
खाकी रंग के कपड़े : सावन के महीने में खाकी रंग के कपड़े पहनाना भी शुभ नहीं माना जाता. कहा जाता है कि ऐसे रंग के कपड़े पहनने से पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं मिलता. ऐसे में सावन के महीने में खाकी रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए.
भूरे रंग के कपड़े : सावन के महीने में पूरे रंग के कपड़े भी नहीं पहनना चाहिए. शिव पूजा के समय इस रंग के कपड़े पहनने की मनाही होती है. यह रंग अशुभता का प्रतीक माना जाता है.
नोट : यहां प्रस्तुत सारी बातें पंडित जी की तरफ से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.