नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल तृणमूल कांग्रेस की नेता व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. इस पर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि, 'पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है सत्ता में है. इसलिए उनके लिए सीटों का बंटवारा थोड़ा उलझा हुआ रहेगा, लेकिन छोटे-मोटे जो भी मनमुटाव होंगे वह हल कर दिए जाएंगे. क्योंकि मोटे तौर पर राहुल गांधी हो या ममता बनर्जी हो, दोनों ही इंडिया गठबंधन की कामयाबी के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
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#WATCH दिल्ली: INDIA गठबंधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर दिल्ली सरकार में मंत्री और AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, "बंगाल में तृणमूल कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है, सत्ता में है... इसलिए उनके लिए सीटों का बंटवारा थोड़ा उलझा हुआ रहेगा लेकिन छोटे-मोटे जो भी… pic.twitter.com/6KsaKvV3zk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 24, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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हालांकि लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के बीच पिछले दिनों हुई बैठक के बाद अभी तक भी चीज साफ नहीं हुई है. सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर अकेले बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ना चाहती है. वहीं कांग्रेस ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है. पिछले दिनों हुई कांग्रेस और आप नेताओं की बैठक जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल थे, उन्होंने भी लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग पर खुलकर कुछ नहीं कहा है. दिल्ली के सातों सीटों पर कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग का फार्मूला क्या होगा? यह अभी तक तय नहीं हो सका है. लेकिन पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान लगातार कह रहे हैं कि आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी है. इस बाबत गत रविवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी नेताओं की एक बैठक भी हो चुकी है.
सीट शेयरिंग को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच जनवरी के पहले पखवाड़े में दो औपचारिक बैठक हुई है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आम आदमी पार्टी दिल्ली और हरियाणा में तीन-तीन लोकसभा सीट, गुजरात व गोवा में एक-एक सीट और पंजाब में आम आदमी पार्टी छह सीट पर अपने उम्मीदवार को चुनाव लड़ना चाहती है, जिस पर कांग्रेस की गठबंधन समिति विचार कर सकती है.
बता दें कि आम आदमी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव कई मायनों में अहम है. राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी अपने राष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं तलाश रही है. पिछले दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा. इसलिए अब लोकसभा चुनाव में कमबैक करना आप के लिए चुनौती समान है. दिल्ली, पंजाब, गुजरात, गोवा तथा हरियाणा जहां आम आदमी पार्टी को लगता है वहां बेहतर संभावना है, वहां लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलना चाहती है.
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