देहरादून: सौंग बांध निर्माणकार्य के लिए एनवायरमेंटल क्लीयरेंस मिल गया है. जिसके बाद सौंग बांध निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.सौंग बांध का निर्माणकार्य ढाई हजार करोड़ की लागत से होगा. सौंग बांध के जरिये देहरादून की पेयजल समस्या खत्म होगी. सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बताया सौंग बांध परियोजना निर्माण के लिए सभी तरह की तकनीकी क्लीरेंस के साथ साथ स्टेट और सेंटर की सभी NOC जिसमे एनवायरमेंटल अप्रूवल भी मिल गया है.
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बताया सौंग बांध पेयजल परियोजना जनपद के भविष्य की पेयजल आपूर्ति बेहद अतिमहत्वपूर्ण परियोजना है. इस परियोजना के निर्माण से देहरादून शहर और आस पास के इलाकों के लिए 150 MLD की पेयजल आपूर्ति ग्रेविटी के जरिए पूरी की जाएगी.
बता दें सिंचाई मंत्री देहरादून के सौंग नदी के ऊपरी कैचमेंट में निर्माण के लिए प्रस्तावित सौंग बांध परियोजना को वर्ष 2023 के एस्टीमेटेड लागत के अनुसार तकरीबन 2491.96 करोड़ की लागत से इसका निर्माण होना है. इस बांध के निर्माण के लिए सेंटर गवर्नमेंट अपने खास Special Assistance to States for Capital Expenditure फंड के तहत बजट उपलब्ध करवाएगा. इसके निर्माण की समय अवधि 5 वर्ष रखी गई है. इस मेगा प्रोजेक्ट के मुख्य तौर पर 2 कंपोनेंट हैं. इसके फर्स्ट फेज के निर्माण में 2069.64 करोड की लागत से 130.60 मीटर उंचाई के बांध का निर्माण और 14.70 किलोमीटर का वाटर कन्वेयंस सिस्टम का निर्माण होना है. फर्स्ट फेज के सभी निर्माण उत्तराखण्ड परियोजना विकास एवं निर्माण निगम लि० कार्यदाई एजेंसी द्वारा किए जाने हैं. वहीं दूसरे चरण में 422.32 करोड़ की लागत से 85 किलोमीटर लम्बी जल वितरण प्रणाली यानी फीडर मैंस और 150 MLD का वाटर ट्रीटमेंट सिस्टम का निर्माण उत्तराखंड पेयजल निगम द्वारा किया जाना है.
बुधवार को सिंचाई मंत्री के कार्यालय से जारी सूचना के अनुसार इस परियोजना के जद में आने वाले तकरीबन 127.6712 हेक्टेयर वन भूमि के हस्तांतरण पर लास्ट मूमेंट पर कुछ आपत्तियां लगी थी, अब सभी तरह के क्लीरेंस और NOC इस प्रोजेक्ट को मिल चुकी हैं. बता दें इस परियोजना के दौरान तकरीबन 10.560 हेक्टेयर निजी भूमि, 04 गांव के 344 परिवार भी जद में आयेंगे. जिनके लिए पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन की प्रक्रिया को लेकर कार्यवाही जारी है.