छिंदवाड़ा: टाइगर रिजर्व के टूरिस्ट के लिए एक और अच्छी खबर है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर में सफर करने के लिए अब छिंदवाड़ा के सावरवानी से भी पर्यटक एंट्री कर सकते हैं. इससे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में घूमने वाले पर्यटकों को सावरवानी के होमस्टे का मजे मिल सकेगा.
अब छिंदवाड़ा से भी सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के लिए खुले रास्ते
मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा विकसित किए जा रहे पर्यटन ग्राम सावरवानी के साथ एक और रिकार्ड जुड़ने जा रहा है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन जल्द ही बफर में सफर के लिए एक गेट सावरवानी गांव से खोलने जा रहा है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अधिकारियों का दल आईएफएस संदीप फेलोज के नेतृत्व में पर्यटन ग्राम सावरवानी पहुंचा और मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा विकसित किए जा रहे सभी होम स्टे घूमे. अधिकारियों ने यहां पर्यटकों को मिल रही सुविधाओं और पर्यटन गतिविधियों को विस्तार से जाना.
उन्हें यह बताया गया कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का एक बड़ा हिस्सा जिसमें बफर में सफर होता है, वह सवारवानी ग्राम से लगा हुआ है लेकिन बफर में सफर के लिए बना गेट बारगोंदी सावरवानी से दस किलोमीटर दूर है, जिससे पर्यटकों को असुविधा का सामना करना पड़ता है. तमाम परिस्थितियों को ध्यान में रखकर निर्णय लिया गया कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बफर में सफर के लिए एक गेट सावरवानी से जल्द शुरू किया जाएगा. यह गेट ग्राम सवारवानी से महज 500 मीटर दूर बफर में सफर के लिए खुलेगा.
छिंदवाड़ा से भी जुड़ जाएगा पचमढ़ी बढ़ेगा रोजगार
इस गेट के खुलने से गांव में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पचमढ़ी आने वाले पर्यटकों के पास बफर में सफर के दो ऑप्शन हो जाएंगे. सावरवानी पर्यटन विकास समिति ने इसके लिए वन अधिकारियों का आभार माना. सावरवानी आए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अधिकारियों में आईएफएस संदीप फेलोज के साथ एसडीओ आशीष जी, विजय कुमार, निशांत कोसी, उमेश साहू, दुर्गेश सिंह बिसेन आदि शामिल थे. इस गेट के खुलने से पर्यटक सावरवानी के होम स्टे में रुकने के बाद सीधे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर में सफर करते हुए पचमढ़ी जा सकेंगे.
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सावरवानी में बने होम स्टे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है विख्यात
मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा सावरवानी गांव को पर्यटन गांव घोषित किया गया है. यहां पर आदिवासी संस्कृति और परंपराओं के अनुसार होमस्टे बनाए गए हैं जिसमें ग्रामीण शैली के साथ ही आदिवासी भोजन और कला संस्कृतियों के साथ लोगों को रुकने का मौका मिलता है. इस होमस्टे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी मिल चुका है. इसके साथ ही सावरवानी के होम स्टे को मॉडल के रूप में भी घोषित किया गया है इसी के आधार पर देश के दूसरे राज्यों के में भी होमस्टे बनाए जाएंगे.