सोनीपत: हरियाणा कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद से ही चर्चा का विषय बनी हुई है. कांग्रेस ने सोनीपत लोकसभा सीट से सतपाल ब्रह्मचारी को चुनावी मैदान में उतारा है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट देकर कांग्रेस ने पूरा राजनीतिक समीकरण को बदल दिया है. एक तरफ बीजेपी ने सोनीपत लोकसभा सीट से मोहनलाल बड़ौली को टिकट देकर गैर जाट कार्ड खेला है.
सोनीपत लोकसभा सीट पर उम्मीदवार: बीजेपी की तर्ज पर कांग्रेस ने भी गैर जाट का कार्ड खेलते हुए, सतपाल ब्रह्मचारी को उम्मीदवार बनाया है. ऐसा करके कांग्रेस ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं. दरअसल सतपाल ब्राह्मण समाज से हैं, जो जींद जिले के निवासी हैं. सतपाल धार्मिक संत भी हैं. कांग्रेस का मानना है कि उन्हें ब्राह्मण वोट भी मिलेगा और भूपेंद्र हुड्डा की वजह से जाट वोट भी. इसके अलावा खरखौदा विधानसभा सीट से सेवानिवृत डीएसपी अनूप दहिया को इनेलो ने टिकट दिया है, जबकि जेजेपी ने अभी तक सोनीपत सीट पर उम्मीदवार का ऐलान किया है.
कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल ब्रह्मचारी: सोनीपत लोकसभा सीट में जींद जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिनमें जींद, सफीदों और जुलाना शामिल हैं. ये तीनों विधानसभा क्षेत्र उम्मीदवार की हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. ये तीनों विधानसभा क्षेत्र ब्राह्मण बहूल्य हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जींद की तीनों विधानसभा ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया. जिसकी वजह से इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार भूपेंद्र हुड्डा को डेढ़ लाख वोटों से हार मिली थी. यही वजह है कि कांग्रेस ने भी इस बार गैर जाट कार्ड खेला है.
कांग्रेस की जाट और गैर जाट वोट साधने की कोशिश: सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के जाट वोटबैंक पर कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अच्छी पकड़ है. ब्राह्मण होने के चलते सतपाल ब्रह्मचारी को ब्राह्मण वोट मिल सकता है. इसी समीकरण को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने सतपाल ब्रह्मचारी को सोनीपत लोकसभा सीट से टिकट दिया है. कांग्रेस ने सतपाल के जरिए जींद जिले की तीन विधानसभा के वोट बैंक को साधने की कोशिश की है.
हरियाणा की सोनीपत लोकसभा सीट पर अभी तक 12 बार चुनाव हुए हैं. जिसमें 8 बार जाट और तीन बार ब्राह्मण समाज से सांसद बने हैं. जिसमें एक ब्राह्मण विधायक निर्दलीय रहा है. इस सीट पर बीजेपी चार बार जीती है, जबकि कांग्रेस तीन बार जीतने में कामयाब हुई है.
कौन हैं कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल ब्रह्मचारी? सतपाल ब्रह्मचारी का जन्म जींद जिले के सफीदों विधानसभा क्षेत्र के गांगोली गांव में 1964 को हुआ. ब्राह्मण परिवार में जन्मे सतपाल ब्रह्मचारी ने पांचवी तक शिक्षा गांव गांगोली से ली. 13 साल की उम्र में उन्होंने हरिद्वार में ब्रह्मचर्य की दीक्षा ली. 1984 में संपूर्णानंद विश्वविद्यालय हरिद्वार से उन्होंने शास्त्री, बीए की. सतपाल ब्रह्मचारी राधा कृष्ण ब्रह्मचारी के शिष्य हैं. इसके अलावा उनका गांगोली गांव में डेरा है. सफीदों तथा पांडू पिंडारा में उनका वक्तानंद आश्रम है.
पहले भी लड़ चुके चुनाव: इसके अलावा सतपाल का हरिद्वार में थानाराम आश्रम है. श्री राधा कृष्णा धाम, श्री दंडी स्वामी जय नारायण धर्मार्थ ट्रस्ट की शाखाएं हैं. हरिद्वार में थानाराम गौशाला भी है. हरिद्वार आश्रम में श्रद्धालुओं के ठहरने और खाने की व्यवस्था लगातार रहती है. श्री राधा कृष्णा धाम के अलावा अन्य आश्रम के साथ गौशालाओं का संचालन भी कर रहे हैं. सतपाल ब्रह्मानंद ने साल 2012 तथा 2022 में कांग्रेस की टिकट पर हरिद्वार में विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली. इस दौरान उनकी भूपेंद्र हुड्डा से नजदीकी बढ़ी. सतपाल का जींद तथा आसपास के इलाकों में बड़ा रसूख है.