भोपाल। सतना जिले में सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदा गया. उपार्जन केंद्र पर किसानों से गेहूं खरीदने के बाद उसे गोदाम में पहुंचाया जाता था. 8 मई 2024 को 8 ट्रक में भरकर 2360 क्विंटल गेहूं और 13 मई 2024 को पांच ट्रक में 1500 क्विंटल गेहूं परिवहन किया गया. लेकिन ये ट्रक गोदाम नहीं पहुंचे. जबकि इसका भुगतान किसानों को कर दिया गया था. गायब हुए गेहूं की कीमत करीब 93 लाख रुपये बताई जा रही है.
8 लोगों के खिलाफ कराई एफआईआर
जांच में सामने आया कि इन ट्रकों की टीसी डायवर्ट कर गोदाम के लिए रवाना किया गया था. लेकिन इन ट्रकों की बिल्टी नहीं बनाई गई. इधर, फर्जी तरीके से किसानों के नाम पर भुगतान भी कर दिया गया. जांच में सामने आया कि इन ट्रकों की बिल्टी परिवहनकर्ता लागिन आईडी को हैक कर बनाया गया है. इस मामले में समूह के अध्यक्ष समेत कुल 8 लोगों के खिलाफ थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया है. इसमें मुख्य आरोपी समूह की अध्यक्ष, दलाल, ट्रांसपोर्टर और तीन आपरेटरों को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों के खिलाफ धारा 406, 417, 420, 467, 468, 471 और 120 (बी) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है.
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13 ट्रक गेहूं गायब होने के बाद कलेक्टर ने कराई जांच
यह पूरा मामला सतना जिले के चित्रकूट अंतर्गत आने वाले ग्राम कारीगोही का है. कारीगोही स्थित जैतमाल बाबा महिला स्व सहायता समूह केंद्र क्रमांक-1 को 2024-25 हेतु समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी हेतु अधिकृत किया गया था. इस खरीदी केंद्र से 8 मई 2024 को 13 ट्रकों में भरकर कुल 3860 क्विंटल गेहूं, जिसकी कुल कीमत 92 लाख 64 हजार रुपए बताई जा रही है, केंद्र के कर्ताधर्ताओं द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार कर गायब कर दिया गया. जब इसका खुलासा हुआ तो कलेक्टर सतना द्वारा जांच कराई गई.