सतना: 8 साल पूर्व शुरू किया गया सतना में सीवर लाइन कार्य, अब तक पूरा नहीं हो पाया है. सीवर लाइन योजना के तहत शहर के हर गली-मोहल्ले और चौराहे पर गड्ढे खोद दिए गए जिसकी वजह से आए दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं. लोगों का सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. अब यह सीवर लाइन का निर्माण कार्य सतना नगर निगम के तहत आने वाले 45 वार्डों के लिए परेशानी का सबब बन गया है.
2017 में 206 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी
जानकारी के मुताबिक नगर पालिका निगम ने अमृत योजना के तहत जून 2017 में पहली बार करीब 206 करोड़ के साथ इस सीवर लाइन प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी. इसके लिए 'स्पान' कंपनी को 3 साल का समय दिया गया लेकिन कंपनी काम पूरा करने में असफल रही. जिसके बाद स्पान कंपनी को सीवर लाइन निर्माण कार्य से टर्मिनेशन कर दिया गया.
दूसरी बार जुलाई 2022 में शहर को 2 जोन में बांटकर 'पीसी स्नेहल' और 'इन विराट' कंपनी को निर्माण कार्य सौंपा गया और एक साल का समय दिया गया. इन कंपनियों ने काम शुरू किया और शहर के सभी जगहों पर गड्ढे खोद दिए, लेकिन निर्माण कार्य कछुए की गति से भी धीमा चल रहा है. लोग धूल-मिट्टी और अब बारिश में दलदल बनी सड़क से परेशान हैं.
कांग्रेस ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
कांग्रेस के शहर अध्यक्ष मकसूद अहमद ने कहा कि "शहर में सीवर लाइन का कार्य पूरे तरीके से गुणवत्ता विहीन है. इसमें निगम के इंजीनियर और अधिकारी कर्मचारी सहित संविदाकार ने भ्रष्टाचार किया है. इसकी शिकायत निगम कमिश्नर और अधिकारियों से की गई और कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने इस मामले को विधानसभा सदन में भी उठाया है, लेकिन सरकार इस मामले पर गंभीर नहीं हैं. अगर जल्द ही इसका कार्य पूरा नहीं होता है, तो कांग्रेस पार्टी जन आंदोलन का रुख अपनाएगी."
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निर्माण कार्य में सहयोग करने की अपील
सतना के महापौर योगेश ताम्रकार ने कहा कि "निश्चित रूप से शहर में सीवर लाइन कार्य से लोगों को दिक्कत हो रही है. यह प्रोजेक्ट 7 साल पुराना है, पिछले 2 साल से बहुत तेजी से इसका कार्य हो रहा है. जिन क्षेत्रों में काम पूरा नहीं हुआ है, लोगों से निवेदन करूंगा कि वहां थोड़ा सावधानी बरतें और निर्माण कार्य में सहयोग करें. कुछ जगहों पर कीचड़ है और उसमें बैरिकेडिंग की गई है."