सतना। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी नारायण त्रिपाठी ने गुरुवार को अपना नामांकन सतना लोकसभा सीट से दाखिल किया. इस दौरान सतना से बसपा प्रत्याशी नारायण त्रिपाठी बीजेपी प्रत्याशी व सांसद गणेश सिंह पर जमकर बरसे. बसपा प्रत्याशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का काम है प्रकोष्ठ बनाओ और लोगों को ढूंढ के पार्टी में शामिल करो. इसके साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा ने भी अपना पर्चा भरा. उन्होंने कांग्रेस छोड़कर जा रहे नेताओं पर बयान दिया.
नारायण त्रिपाठी ने भरा नामांकन
हमेशा मीडिया की सुर्खियों में बने रहने वाले मैहर विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे नारायण त्रिपाठी एक बार फिर सतना लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. नारायण त्रिपाठी ने आज बहुजन समाज पार्टी से अपना पर्चा कलेक्ट्रेट कार्यालय के निर्वाचन शाखा में दाखिल किया. वहीं मीडिया से बात करते हुए नारायण त्रिपाठी ने कहा कि 'हम सतना जिले के डेवलपमेंट के मुद्दे और विकास को लेकर चुनावी मैदान पर जाएंगे. इसके साथ ही नारायण त्रिपाठी ने सतना सांसद गणेश सिंह पर जमकर निशान साधा और गंभीर आरोप लगाए.
बसपा प्रत्याशी का गणेश सिंह पर निशाना
बसपा प्रत्याशी ने कहा कि 'चार बार के सांसद सतना में एक चीज बता दें कि क्या विकास किया है. वह चुनाव में साम, दाम, दंड, भेद तो ठीक है, अस्त्र-शस्त्र से चुनाव में वोट की राजनीति कर रहे हैं. सतना सांसद मुद्दा विहीन हो चुके हैं, कांग्रेस और अन्य के नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. उसका कारण यह है कि भाजपा ने एक प्रकोष्ठ बना दिया है. जिसमें लोगों को ढूंढ के लाओ और दल बदल भारतीय जनता पार्टी में लाओ. उन्होंने कहा कि मुझे भी भारतीय जनता पार्टी ने हाथ पकड़ कर अपने साथ शामिल किया था.
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कांग्रेस प्रत्याशी ने भी दाखिल किया नामांकन
सतना से कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा ने चुनावी मुद्दों के बारे में बताया. साथ ही भाजपा प्रत्याशी व चार बार के सांसद गणेश सिंह पर भ्रष्टाचार और विकास कार्यों को लेकर निशाना साधा. इसके साथ बसपा से मैहर के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी को लेकर उन्होंने कहा की हमें इसने कोई फर्क नहीं पड़ता है. इसके साथ कांग्रेस छोड़कर जाने वाले कार्यकर्ताओं के बारे में बताया कि जो गए वो अपने भरण पोषण और अपने व्यापार को बचाने के लिए गए हैं. उनके अंदर सेवा भाव नहीं था, वो अपने स्वार्थ और अपने अवैध कार्य के लिए भाजपा में शामिल हुए हैं. जब कोई घर छोड़कर जाने का दुख तो होता है, लेकिन जो गए हैं उनका पार्टी में भाईचारे पैदा करने का विचार नहीं था, उनका काम पार्टी में विद्रोह पैदा करने का था.