उदयपुर : दक्षिणी राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में अब आने वाले मरीजों को तनाव मुक्त करने के लिए नवाचार किए जा रहे हैं. इलाज के साथ-साथ अब उन्हें मानसिक तनाव से दूर रखने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की गई है. उदयपुर के एमबी अस्पताल और बड़गांव के सेटेलाइट अस्पताल में मरीज को तनाव मुक्त रखने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं.
बड़गांव सरकारी सैटेलाइट अस्पताल की बदली तस्वीर : उदयपुर शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर बड़गांव सैटेलाइट अस्पताल में एक अलग ही नजारा देखने को मिलेगा. यहां आने वाले मरीज को तनाव मुक्त रखने के लिए अस्पताल में भगवान कृष्ण के भजन बजाए जाते हैं. अस्पताल प्रभारी डॉ. अशोक शर्मा के चैंबर के बाहर मरीजों की लंबी लाइन, बाहर चौक तक लगी रहती है. ऐसा नजारा विशेष एक दिन नहीं बल्कि साल के 365 दिन रहता है. डॉ. अशोक शर्मा गौ भक्त हैं और घसियार में रमणरेती गोशाला चलाते हैं. अस्पताल और उसके बाहर की कैंपस में साउंड बॉक्स लगाए गए हैं, जहां भगवान कृष्ण के भजन चलाए जाते हैं. ऐसे में मरीजों का समय कब गुजर जाता है, उनको पता भी नहीं चलता.
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ईटीवी भारत की टीम पहुंची अस्पताल : ईटीवी भारत की टीम भी बड़ागांव के सैटेलाइट अस्पताल पहुंची. यहां डॉक्टर अशोक को दिखाने के लिए बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे हुए थे. मरीज अपने समय का इंतजार कर रहा था. अस्पताल परिसर में भगवान श्री कृष्ण से जुड़े हुए भजन चल रहे थे. डॉ. शर्मा ने कहा कि यहां अलग-अलग धर्म के लोग आते हैं, लेकिन सभी लोग आस्था के साथ जुड़े हुए हैं. प्रैक्टिस टेबल पर भी गाय और भगवान कृष्ण की प्रतिमाएं सजी हुई हैं. डॉ. अशोक के पास करीब रोज 500 से 600 मरीज दिखाने के लिए आते हैं. उन्होंने कहा कि दूर दराज से भी पेशेंट आते हैं. कई गंभीर पेशेंट भी होते हैं, इसलिए आने वाले पेशेंट को मानसिक शांति देने के लिए यह भजन चलाए जाते हैं.
मरीज और स्टाफ ने क्या कुछ कहा : इस दौरान दूर दराज से पहुंचे मरीजों ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि हम मंदिर भी इसलिए जाते हैं कि वहां शांति का एहसास होता है, लेकिन इस अस्पताल में कृष्ण से जुड़े हुए भजन जब चलते हैं तो तनाव मुक्त हो जाते हैं. अस्पताल के स्टाफ के लोगों ने कहा कि 6 घंटे की ड्यूटी कब पूरी होती है पता ही नहीं चलता. तनाव से दूर रहकर मरीजों की सेवा करने का मौका मिलता है.
उदयपुर के एमबी अस्पताल में भी चल रहा नवाजार : दक्षिणी राजस्थान के सबसे बड़े महाराणा भूपाल अस्पताल में भी म्यूजिक थेरेपी और साइकोलॉजी थेरेपी की शुरुआत की गई है. इसका उद्देश्य मरीजों को मानसिक और शारीरिक रूप से बेहतर बनाना है. म्यूजिक थेरेपी से तनाव को कम करके उपचार को अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है. गंभीर बीमारी का पता चलते ही मरीज और उसका परिवार तनाव में आ जाते हैं. इसका सीधा असर मरीज के स्वास्थ्य और उपचार की प्रक्रिया पर पड़ता है. इस समस्या से निपटने के लिए म्यूजिक थेरेपी और साइकोलॉजी थेरेपी की शुरुआत की गई है. साइकोलॉजी थेरेपी के तहत विशेषज्ञ मरीजों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत कर उनकी मानसिक स्थिति को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं.