रांचीः झारखंड की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व मंत्री और निर्दलीय विधायक सरयू राय ने अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर बड़ी जानकारी दी है. ईटीवी भारत के सवाल पर भारतीय जनतंत्र मोर्चा के संरक्षक और पूर्वी सिंहभूम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक सरयू राय ने साफ शब्दों में कहा कि वे जेडीयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं. सरयू राय ने कहा कि यह सच है कि वे अगला चुनाव जेडीयू के साथ मिलकर लड़ना चाहते हैं.
सरयू राय ने कहा कि जेडीयू में विलय के संदर्भ में उन्होंने पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा से मुलाकात और बातचीत की है. सरयू राय ने कहा कि मुलाकात के दौरान उन्होंने खुद कहा कि आपको जेडीयू के साथ आ जाना चाहिए. इसलिए मैंने सबकुछ नीतीश कुमार और संजय झा पर छोड़ दिया. अब जो भी करना है, उन्हें ही करना है.
'नीतीश कुमार जो कहेंगे, वो करूंगा'
पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय ने कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार से वादा किया है. वे जो भी कहेंगे, उसके लिए वे तैयार हैं. अगर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार कहेंगे कि मेरी पार्टी भारतीय जनतंत्र मोर्चा का जेडीयू में विलय हो जाए, तो वे वैसा ही करेंगे. अगर उन्हें व्यक्तिगत तौर पर जेडीयू में शामिल होने को कहा जाएगा, तो वे उसके लिए भी तैयार हैं. सरयू राय ने साफ किया कि अगला चुनाव वे जेडीयू के साथ मिलकर लड़ेंगे, इस तरह से वे अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी के सहयोगी बन जाएंगे. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नानी की मूंछ हो जाए तो सवाल करिए कि नाना कहें कि नानी, जब होगा तब होगा. उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
कौन हैं सरयू राय
सरयू राय बिहार झारखंड की राजनीति में चर्चित नाम हैं. बहुचर्चित चारा घोटाले से लेकर मधु कोड़ा के लूट कांड तक की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने वाले सरयू राय 2019 तक बीजेपी से जुड़े रहे. वे 2014 से 2019 तक झारखंड में रघुवर दास के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार में खाद्य आपूर्ति और संसदीय कार्य मंत्री की भूमिका में भी रहे. इस दौरान कई मुद्दों पर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास से मतभेद के चलते जब बीजेपी ने 2019 में उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया तो उन्होंने बीजेपी छोड़ दी और रघुवर दास के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा और तत्कालीन मुख्यमंत्री को हराया भी. अब जब राज्य 2024 के विधानसभा चुनाव की दहलीज पर है तो सरयू राय जेडीयू से हाथ मिलाकर अपनी राजनीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं, इसके लिए वे नीतीश कुमार के हर आदेश को मानने को तैयार हैं.
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