ETV Bharat / state

हसदेव कोल ब्लॉक पर सर्व आदिवासी समाज की हुंकार, पेसा कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे बर्दाश्त - Sarva Adivasi Samaj Warning - SARVA ADIVASI SAMAJ WARNING

Hasdeo Coal Block हसदेव कोल ब्लॉक आवंटन मामले पर सर्व आदिवासी समाज ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सर्व आदिवासी समाज के मुखिया अरविंद नेताम ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर पेसा कानून को बाईपास करने का आरोप लगा दिया. उन्होंने कहा कि इस कानून का हर हाल में पालन होना चाहिए. हसदेव पर इस कानून को मानना ही होगा. Sarva Adivasi Samaj Warning

SARVA ADIVASI SAMAJ WARNING
सर्व आदिवासी समाज की चेतावनी (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 27, 2024, 8:56 PM IST

हसदेव कोल ब्लॉक का मुद्दा गरमाया (ETV BHARAT)

रायपुर: रायपुर में हसदेव कोल ब्लॉक को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने मोर्चा खोल दिया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अरविंद नेताम ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों पर अटैक किया. हसदेव कोल ब्लॉक को लेकर पेसा कानून के दायरे में काम करने की मांग सर्व आदिवासी समाज ने की है. उन्होंने पेसा कानून के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करने की बात कही है.

"आदिवासी समाज के लिए जल जंगल जमीन अहम": अरविंद नेताम यहीं नहीं रुके. उन्होंने बातों बातों में आंदोलन की राह अख्तियार करने की बात कही. नेताम ने साफ किया कि सर्व आदिवासी समाज किसी भी सूरत में जल जंगल और जमीन से समझौता नहीं करेगा.

"कानून के दायरे में रहकर सरकार जो करना चाहती है वह करें, लेकिन पेसा कानून को बाईपास करके अगर कोई काम करती है, तो आदिवासी समाज इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा. इस देश में आज से लगभग 200 साल पहले भी अंग्रेजों से लड़ाई हुई थी, जिसमें कई लोगों ने अपनी शहादत दी थी. आखिर उन्हें शहादत क्यों देनी पड़ी इसके पीछे कारण यही था जल जंगल और जमीन. आज भी इस तरह की फीलिंग आदिवासी समाज में है. आदिवासी सब चीजों से समझौता कर लेंगे लेकिन जल जंगल और जमीन से समझौता कभी नहीं करेंगे": अरविंद नेताम, अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज

हसदेव कोल ब्लॉक पर समाधान नहीं दिखता: हसदेव कोल ब्लॉक को लेकर अरविंद नेताम ने कहा कि इस मुद्दे पर जो वर्तमान स्थिति बनी हुई है. उससे कोई समाधान नहीं दिखता है. संविधान और कानून होने के बाद भी जल जंगल जमीन की रक्षा नहीं हो रही है. पेसा कानून भी इसके संरक्षण के लिए है बावजूद इसके छत्तीसगढ़ के हसदेव में मनमानी हो रही है.

हसदेव कोल ब्लॉक के एक्सटेंशन से आपत्ति: अरविंद नेताम ने राज्य और केंद्र सरकार के रवैए पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को जितने कोयले की जरूरत थी उसे छत्तीसगढ़ ने पूरा किया. इस पर हमें आपत्ति नहीं है. इसके बावजूद अगर हसदेव कोल ब्लॉक का एक्सटेंशन हो रहा है वह आदिवासी समाज के हित से परे है. जंगल सफाया कर आदिवासियों को परेशान किया जा रहा है. अगर जल जंगल जमीन सब उजड़ गया तो आदिवासी समाज कहां जाएगा. हम तो इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते.

राज्यसभा में हसदेव अरण्य का मुद्दा, आप सांसद के सवाल पर केंद्रीय मंत्री का जवाब- 2 लाख पेड़ और काटेंगे

हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई पर सियासी नूरा कुश्ती, छत्तीसगढ़ को रेगिस्तान बनाने के लग रहे आरोप

मध्यभारत का फेफड़ा है हसदेव का जंगल, क्यों है इस फॉरेस्ट को काटने का अंतरराष्ट्रीय विरोध


हसदेव कोल ब्लॉक का मुद्दा गरमाया (ETV BHARAT)

रायपुर: रायपुर में हसदेव कोल ब्लॉक को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने मोर्चा खोल दिया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अरविंद नेताम ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों पर अटैक किया. हसदेव कोल ब्लॉक को लेकर पेसा कानून के दायरे में काम करने की मांग सर्व आदिवासी समाज ने की है. उन्होंने पेसा कानून के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करने की बात कही है.

"आदिवासी समाज के लिए जल जंगल जमीन अहम": अरविंद नेताम यहीं नहीं रुके. उन्होंने बातों बातों में आंदोलन की राह अख्तियार करने की बात कही. नेताम ने साफ किया कि सर्व आदिवासी समाज किसी भी सूरत में जल जंगल और जमीन से समझौता नहीं करेगा.

"कानून के दायरे में रहकर सरकार जो करना चाहती है वह करें, लेकिन पेसा कानून को बाईपास करके अगर कोई काम करती है, तो आदिवासी समाज इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा. इस देश में आज से लगभग 200 साल पहले भी अंग्रेजों से लड़ाई हुई थी, जिसमें कई लोगों ने अपनी शहादत दी थी. आखिर उन्हें शहादत क्यों देनी पड़ी इसके पीछे कारण यही था जल जंगल और जमीन. आज भी इस तरह की फीलिंग आदिवासी समाज में है. आदिवासी सब चीजों से समझौता कर लेंगे लेकिन जल जंगल और जमीन से समझौता कभी नहीं करेंगे": अरविंद नेताम, अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज

हसदेव कोल ब्लॉक पर समाधान नहीं दिखता: हसदेव कोल ब्लॉक को लेकर अरविंद नेताम ने कहा कि इस मुद्दे पर जो वर्तमान स्थिति बनी हुई है. उससे कोई समाधान नहीं दिखता है. संविधान और कानून होने के बाद भी जल जंगल जमीन की रक्षा नहीं हो रही है. पेसा कानून भी इसके संरक्षण के लिए है बावजूद इसके छत्तीसगढ़ के हसदेव में मनमानी हो रही है.

हसदेव कोल ब्लॉक के एक्सटेंशन से आपत्ति: अरविंद नेताम ने राज्य और केंद्र सरकार के रवैए पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को जितने कोयले की जरूरत थी उसे छत्तीसगढ़ ने पूरा किया. इस पर हमें आपत्ति नहीं है. इसके बावजूद अगर हसदेव कोल ब्लॉक का एक्सटेंशन हो रहा है वह आदिवासी समाज के हित से परे है. जंगल सफाया कर आदिवासियों को परेशान किया जा रहा है. अगर जल जंगल जमीन सब उजड़ गया तो आदिवासी समाज कहां जाएगा. हम तो इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते.

राज्यसभा में हसदेव अरण्य का मुद्दा, आप सांसद के सवाल पर केंद्रीय मंत्री का जवाब- 2 लाख पेड़ और काटेंगे

हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई पर सियासी नूरा कुश्ती, छत्तीसगढ़ को रेगिस्तान बनाने के लग रहे आरोप

मध्यभारत का फेफड़ा है हसदेव का जंगल, क्यों है इस फॉरेस्ट को काटने का अंतरराष्ट्रीय विरोध


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.