रायपुर: रायपुर में हसदेव कोल ब्लॉक को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने मोर्चा खोल दिया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अरविंद नेताम ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों पर अटैक किया. हसदेव कोल ब्लॉक को लेकर पेसा कानून के दायरे में काम करने की मांग सर्व आदिवासी समाज ने की है. उन्होंने पेसा कानून के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करने की बात कही है.
"आदिवासी समाज के लिए जल जंगल जमीन अहम": अरविंद नेताम यहीं नहीं रुके. उन्होंने बातों बातों में आंदोलन की राह अख्तियार करने की बात कही. नेताम ने साफ किया कि सर्व आदिवासी समाज किसी भी सूरत में जल जंगल और जमीन से समझौता नहीं करेगा.
"कानून के दायरे में रहकर सरकार जो करना चाहती है वह करें, लेकिन पेसा कानून को बाईपास करके अगर कोई काम करती है, तो आदिवासी समाज इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा. इस देश में आज से लगभग 200 साल पहले भी अंग्रेजों से लड़ाई हुई थी, जिसमें कई लोगों ने अपनी शहादत दी थी. आखिर उन्हें शहादत क्यों देनी पड़ी इसके पीछे कारण यही था जल जंगल और जमीन. आज भी इस तरह की फीलिंग आदिवासी समाज में है. आदिवासी सब चीजों से समझौता कर लेंगे लेकिन जल जंगल और जमीन से समझौता कभी नहीं करेंगे": अरविंद नेताम, अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज
हसदेव कोल ब्लॉक पर समाधान नहीं दिखता: हसदेव कोल ब्लॉक को लेकर अरविंद नेताम ने कहा कि इस मुद्दे पर जो वर्तमान स्थिति बनी हुई है. उससे कोई समाधान नहीं दिखता है. संविधान और कानून होने के बाद भी जल जंगल जमीन की रक्षा नहीं हो रही है. पेसा कानून भी इसके संरक्षण के लिए है बावजूद इसके छत्तीसगढ़ के हसदेव में मनमानी हो रही है.
हसदेव कोल ब्लॉक के एक्सटेंशन से आपत्ति: अरविंद नेताम ने राज्य और केंद्र सरकार के रवैए पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को जितने कोयले की जरूरत थी उसे छत्तीसगढ़ ने पूरा किया. इस पर हमें आपत्ति नहीं है. इसके बावजूद अगर हसदेव कोल ब्लॉक का एक्सटेंशन हो रहा है वह आदिवासी समाज के हित से परे है. जंगल सफाया कर आदिवासियों को परेशान किया जा रहा है. अगर जल जंगल जमीन सब उजड़ गया तो आदिवासी समाज कहां जाएगा. हम तो इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते.