जयपुर: राजस्थान में फिलहाल पंचायतीराज विभाग के चुनाव को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. इसके बावजूद सरपंच चुनाव को लेकर सोशल मीडिया पर झूठी सूचनाएं वायरल हो गईं. इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने जयपुर के अशोक नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है. अब पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है. सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी पोस्ट करने वाले को लेकर जानकारी खंगाली जा रही है.
राजधानी जयपुर के अशोक नगर थानाधिकारी उमेश बेनीवाल ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ सहायक ने अज्ञात शख्स के खिलाफ सरपंच चुनाव को लेकर झूठी जानकारी फैलाने के संबंध में रिपोर्ट दी थी. जिस पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.
1 दिसंबर को वायरल हुई अधिसूचना : अशोक नगर थाने में राज्य निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ सहायक प्रशांत मीणा ने दी रिपोर्ट में बताया कि 1 दिसंबर को सोशल मीडिया पर सरपंच चुनाव को लेकर झूठी अधिसूचना वायरल हुई थी. जबकि ऐसी कोई भी अधिसूचना राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नहीं की गई है. झूठी अधिसूचना वायरल कर लोगों को गुमराह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट दी गई. इस रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. अब पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.
पूरा होने जा रहा है 7,463 पंचायतों का कार्यकाल : प्रदेश की 7,463 ग्राम पंचायतों में सरपंच और वार्ड पंच का कार्यकाल नए साल की शुरुआत में पूरा होने जा रहा है. प्रदेश की 6,759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल नए साल के जनवरी महीने में और 704 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल फरवरी में पूरा होने जा रहा है. पहले सरकार की ओर से पंचायतीराज और नगरीय निकाय में वन स्टेट वन इलेक्शन का दावा किया गया था.
इसी के चलते 49 शहरी निकायों में चुनाव टालते हुए प्रशासकों की नियुक्ति की गई है. हालांकि, जिन पंचायतीराज संस्थाओं में अगले साल चुनाव होने हैं. उन्हें लेकर फिलहाल सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है.