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पर्यटकों के लिए सरिस्का तैयार, सुबह 6 बजे से बाघों के दीदार के लिए मिलेगी टाइगर रिजर्व में एंट्री - Sariska Tiger Reserve

सरिस्का टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए 1 अक्टूबर से खुल रहा है. इस बार सरिस्का आने वाले पर्यटकों को टाइगर साइटिंग की संभावनाएं ज्यादा हैं, क्योंकि सरिस्का प्रशासन की ओर से इस बार सफारी के एरिया को बढ़ाकर करीब 35 किलोमीटर किया गया है.

सरिस्का टाइगर रिजर्व
सरिस्का टाइगर रिजर्व (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 30, 2024, 6:47 PM IST

अलवर : 3 महीने बाद सरिस्का टाइगर रिजर्व एक बार फिर पर्यटकों के लिए तैयार है. 1 अक्टूबर सुबह 6 बजे से पर्यटकों को टाइगर रिजर्व में एंट्री शुरू हो जाएगी. रोजाना दो पारियों में पर्यटक सफारी का आनंद उठाएंगे. इस बार के पर्यटन सीजन में सरिस्का आने वाले पर्यटकों को टाइगर की साईटिंग की संभावनाएं भी ज्यादा हैं, क्योंकि सरिस्का प्रशासन की ओर से इस बार सफारी के एरिया को बढ़ाकर करीब 35 किलोमीटर किया गया है. इससे संभावनाएं ज्यादा हैं कि पर्यटकों को टाइगर का दीदार हो सकेगा. सरिस्का प्रशासन की ओर से पर्यटन सीजन के लिए ट्रैक की मरम्मत साहित अन्य तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. बीते दो पर्यटन सीजन में सरिस्का आने वाले पर्यटकों को बाघों की अच्छी साईटिंग हुई थी. वर्तमान में सरिस्का में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी होने से इस बार पर्यटकों का फ्लो भी सरिस्का अभ्यारण में अच्छा रहने की उम्मीद जताई जा रही है. बता दें कि वर्तमान में सरिस्का अभयारण्य में 43 बाघ, बाघिन व शावक हैं.

सरिस्का टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह ने बताया कि 1 अक्टूबर से सरिस्का टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए शुरू हो जाएगा. इसके लिए प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां कर ली गई हैं. मॉनसून सीजन में बारिश के चलते खराब हुए सफारी के ट्रैक की मरम्मत भी पूरी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के पुराने 3 जोन का एरिया बढ़ाया गया है. इससे कि अब पर्यटकों को करीब 35 किलोमीटर की सफारी का आनंद मिलेगा और बाघों की साईटिंग की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी.

पर्यटकों के लिए सरिस्का तैयार (ETV Bharat Alwar)

इसे भी पढ़ें- सरिस्का में जंगल पर्याप्त, पर्यटकों को लुभा रहे बाघ, फिर इनके लिए क्यों तलाश रहे दूसरा 'बसेरा' - Sariska Tiger Reserve

उन्होंने बताया कि बाघों की टेरिटरी के हिसाब से अगर देखा जाए तो 30-35 किलोमीटर का रूट अच्छा माना जाता है. उन्होंने कहा कि रूट को बढ़ाने की संभावनाएं भी सरिस्का के जंगलों में देखी जा रही है. सफारी के दौरान बाघों का दीदार पर्यटकों को होता है तो सरिस्का में पर्यटक ज्यादा आएंगे. उन्होंने कहा कि 1 अक्टूबर से सरिस्का में सफारी के लिए आने वाले पर्यटकों को अच्छी सुविधाए मिलेंगी. यहां आने वाले पर्यटकों के लिए 35 जिप्सी तैयार हैं, जिसमें बैठकर पर्यटक सफारी का आनंद लेंगे.

बारिश के बाद जंगल हुआ घना : सरिस्का के फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह ने बताया कि इस बार पर्यटकों के लिए रूट बढ़ाए गए हैं. इसका फायदा यह रहेगा कि पहले पर्यटकों की अलग-अलग जिप्सियां एक ही जगह पर आकर मिल जाती थी, लेकिन अब जिप्सी के रूट अलग-अलग होंगे. अब जिप्सी वापसी में एंट्री गेट पर आकर ही मिलेंगी. उन्होंने बताया कि पहला रूट सरिस्का गेट से काला कुआं, धानका, कालीघाटी तक जिप्सी चलती थीं. दूसरे रूट पर सरिस्का से भर्तृहरि धाम, करना का बास, लेक, जलेबी चौक, कुंडली होते हुए काली घाटी आती थी. तीसरा रूप तारुडा चौकी से तैयार करवाया जा रहा है, जिससे पर्यटकों को बाघों की साईटिंग होने में आसानी होगी. मानसून में इस बार जिले में हुई अच्छी बारिश के चलते सरिस्का अभ्यारण का जंगल भी घना दिखाई दे रहा है.

इसे भी पढ़ें- आबाद सरिस्का के लिए विस्थापन जरूरी, राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव - Displacement Necessary For Sariska

यह बाघ लुभाते हैं पर्यटको को : सरिस्का टाइगर रिजर्व में हर पर्यटन सीजन में हजारों की संख्या में पर्यटक टाइगर का दीदार करने के लिए पहुंचते हैं. बीते 2 सालों से पर्यटकों का सफारी का पैसा पूरा वसूल हो रहा है. कारण है कि बीते दो पर्यटन सीजन में सरिस्का आने वाले पर्यटकों को बाघों के साथ-साथ कई दुर्लभ वन्यजीवों की भी साइटिंग हुई है. सरिस्का के टाईगर एसटी- 7,8,9,15 व एसटी-21 ने सफारी के लिए आने वाले पर्यटकों को निराश नहीं किया. ज्यादातर इन बाघों ने पर्यटको को खूब लुभाया है. सरिस्का में सफारी के लिए पर्यटरों के एक जिप्सी के लिए 7620 रुपए देनें होंगे, जिसमें 6 पर्यटक जा सकते हैं वहीं, कैंटर के लिए 17,100 रुपए देनें होंने, जिसमें 20 पर्यटक बैठ सकते हैं.

अलवर : 3 महीने बाद सरिस्का टाइगर रिजर्व एक बार फिर पर्यटकों के लिए तैयार है. 1 अक्टूबर सुबह 6 बजे से पर्यटकों को टाइगर रिजर्व में एंट्री शुरू हो जाएगी. रोजाना दो पारियों में पर्यटक सफारी का आनंद उठाएंगे. इस बार के पर्यटन सीजन में सरिस्का आने वाले पर्यटकों को टाइगर की साईटिंग की संभावनाएं भी ज्यादा हैं, क्योंकि सरिस्का प्रशासन की ओर से इस बार सफारी के एरिया को बढ़ाकर करीब 35 किलोमीटर किया गया है. इससे संभावनाएं ज्यादा हैं कि पर्यटकों को टाइगर का दीदार हो सकेगा. सरिस्का प्रशासन की ओर से पर्यटन सीजन के लिए ट्रैक की मरम्मत साहित अन्य तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. बीते दो पर्यटन सीजन में सरिस्का आने वाले पर्यटकों को बाघों की अच्छी साईटिंग हुई थी. वर्तमान में सरिस्का में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी होने से इस बार पर्यटकों का फ्लो भी सरिस्का अभ्यारण में अच्छा रहने की उम्मीद जताई जा रही है. बता दें कि वर्तमान में सरिस्का अभयारण्य में 43 बाघ, बाघिन व शावक हैं.

सरिस्का टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह ने बताया कि 1 अक्टूबर से सरिस्का टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए शुरू हो जाएगा. इसके लिए प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां कर ली गई हैं. मॉनसून सीजन में बारिश के चलते खराब हुए सफारी के ट्रैक की मरम्मत भी पूरी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के पुराने 3 जोन का एरिया बढ़ाया गया है. इससे कि अब पर्यटकों को करीब 35 किलोमीटर की सफारी का आनंद मिलेगा और बाघों की साईटिंग की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी.

पर्यटकों के लिए सरिस्का तैयार (ETV Bharat Alwar)

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उन्होंने बताया कि बाघों की टेरिटरी के हिसाब से अगर देखा जाए तो 30-35 किलोमीटर का रूट अच्छा माना जाता है. उन्होंने कहा कि रूट को बढ़ाने की संभावनाएं भी सरिस्का के जंगलों में देखी जा रही है. सफारी के दौरान बाघों का दीदार पर्यटकों को होता है तो सरिस्का में पर्यटक ज्यादा आएंगे. उन्होंने कहा कि 1 अक्टूबर से सरिस्का में सफारी के लिए आने वाले पर्यटकों को अच्छी सुविधाए मिलेंगी. यहां आने वाले पर्यटकों के लिए 35 जिप्सी तैयार हैं, जिसमें बैठकर पर्यटक सफारी का आनंद लेंगे.

बारिश के बाद जंगल हुआ घना : सरिस्का के फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह ने बताया कि इस बार पर्यटकों के लिए रूट बढ़ाए गए हैं. इसका फायदा यह रहेगा कि पहले पर्यटकों की अलग-अलग जिप्सियां एक ही जगह पर आकर मिल जाती थी, लेकिन अब जिप्सी के रूट अलग-अलग होंगे. अब जिप्सी वापसी में एंट्री गेट पर आकर ही मिलेंगी. उन्होंने बताया कि पहला रूट सरिस्का गेट से काला कुआं, धानका, कालीघाटी तक जिप्सी चलती थीं. दूसरे रूट पर सरिस्का से भर्तृहरि धाम, करना का बास, लेक, जलेबी चौक, कुंडली होते हुए काली घाटी आती थी. तीसरा रूप तारुडा चौकी से तैयार करवाया जा रहा है, जिससे पर्यटकों को बाघों की साईटिंग होने में आसानी होगी. मानसून में इस बार जिले में हुई अच्छी बारिश के चलते सरिस्का अभ्यारण का जंगल भी घना दिखाई दे रहा है.

इसे भी पढ़ें- आबाद सरिस्का के लिए विस्थापन जरूरी, राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव - Displacement Necessary For Sariska

यह बाघ लुभाते हैं पर्यटको को : सरिस्का टाइगर रिजर्व में हर पर्यटन सीजन में हजारों की संख्या में पर्यटक टाइगर का दीदार करने के लिए पहुंचते हैं. बीते 2 सालों से पर्यटकों का सफारी का पैसा पूरा वसूल हो रहा है. कारण है कि बीते दो पर्यटन सीजन में सरिस्का आने वाले पर्यटकों को बाघों के साथ-साथ कई दुर्लभ वन्यजीवों की भी साइटिंग हुई है. सरिस्का के टाईगर एसटी- 7,8,9,15 व एसटी-21 ने सफारी के लिए आने वाले पर्यटकों को निराश नहीं किया. ज्यादातर इन बाघों ने पर्यटको को खूब लुभाया है. सरिस्का में सफारी के लिए पर्यटरों के एक जिप्सी के लिए 7620 रुपए देनें होंगे, जिसमें 6 पर्यटक जा सकते हैं वहीं, कैंटर के लिए 17,100 रुपए देनें होंने, जिसमें 20 पर्यटक बैठ सकते हैं.

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