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सूखने की कगार पर बांकी जलाशय, कैसे सरगुजा को मिलेगा पानी ? - Sarguja Banki Dam

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 11, 2024, 7:49 PM IST

अंबिकापुर शहर को जलापूर्ति करने वाला बांकी जलाशय भीषण गर्मी से सूखने की कगार पर पहुंच गया है. बांकी डैम में अभी महज 7.20 प्रतिशत पानी ही बचा है. पिछले साल की बारिश में औसत से कम वर्षा होने की वजह से बांकी जलाशय पूरी तरह नहीं भर पाया था. यही वजह है कि इस साल पानी की अनावश्यक बर्बादी को रोका गया और ग्राउंड वाटर संपवेल की मदद से पानी का इंतजाम किया जा रहा है.

SARGUJA BANKI DAM
सूखने की कगार पर बांकी जलाशय (ETV BHARAT)


सरगुजा : इस साल अंबिकापुर नगर निगम ने पहले से तैयारियां कर रखी थी, जिसकी बदौलत शहरवासियों को अब तक पानी की किल्लत नहीं हुई है. अंबिकापुर नगर निगम ने बांकी डैम से होने वाले पानी की बर्बादी को रोकने के साथ ही घुनघुट्टा जल शोधन संयंत्र की क्षमता में डेढ़ एमएलडी की वृद्धि की है. इसके साथ ही भूमिगत जल स्त्रोत से भी डेढ़ एमएलडी पानी लिया गया, जिससे शहर में दोनों टाइम पानी सप्लाई हो रही है.

कम वर्षा होने के चलते नहीं भरा बांकी जलाशय : बीते साल बारिश के मौसम में औसत से कम वर्षा होने के कारण शहर में जल आपूर्ति करने वाला बांकी जलाशय पूरी तरह नहीं भर पाया था. बांकी डैम की क्षमता 17 एमसीएम है. बारिश खत्म होने के बाद महज 17.2 प्रतिशत जलभराव हुआ. नगर निगम क्षेत्र में बांकी जलाशय से प्रतिदिन 10 क्यूसेक पानी की सप्लाई की जाती है. ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि बीते साल की तरह इस बार भी लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ सकता है.

निगम ने पेयजल की समस्या का निकाला समाधान : साल 2023 में बांकी डैम सूखने की वजह से अंबिकापुर नगर निगम दिन में एक टाइम ही पानी की सप्लाई कर पा रहा था. ऐसे में इस बार पहले से ही अंबिकापुर नगर निगम ने पेयजल की समस्या का समाधान कर लिया था. नगर निगम ने सबसे पहले बांकी डैम के क्षतिग्रस्त एनीकट गेट को स्लैब लगाकर बंद किया और ग्रैविटी पाइप लाइन को भी बंद कर दिया. इससे प्रतिदिन 6 एमएलडी पानी की बर्बादी रोकी गई. जबकि एनीकट से बाहर गए पानी को भी पम्प के माध्यम से लिफ्ट कर वापस बांध में डाला गया. इसी वजह से इस साल शहर में पानी की किल्लत नहीं हुई है.

अंबिकापुर में पेयजल संकट का मंडराया खतरा : निगम भी बांध से उतना ही पानी छोड़ रहा है, जितने की जरूरत है. इसके बाद भी भीषण गर्मी में जलाशय का पानी सूख गया और वर्तमान में जलाशय में सिर्फ 1.23 एमसीएम पानी ही शेष बचा है, जो कुल क्षमता का 7.20 प्रतिशत है. हालांकि निगम अधिकारियों का कहना है कि इससे बारिश नहीं होने की स्थिति में निगम जून महीने तक आसानी से पानी सप्लाई कर सकता है. लेकिन अगर जल्द बारिश नहीं हुई, तो शहर में पेयजल संकट आ सकता है.

"पेयजल सप्लाई को लेकर पूर्व से ही तैयारियां की जा रही थी. पानी की अनावश्यक बर्बादी को रोका गया और ग्राउंड वाटर संपवेल की मदद से सप्लाई किया गया. फिलहाल पानी की समस्या पेश नहीं आई है और आने वाले समय में भी हमारा प्रयास होगा कि पानी की समस्या शहरवासियों को ना हो." - डॉ. अजय तिर्की, महापौर, अंबिकापुर नगर निगम

इस तरह अंबिकापुर में हो रहा पानी का इंतेजाम : अंबिकापुर नगर निगम ने गर्मी में पानी की किल्लत से बचने के लिए शहर के पटपरिया और पीजी कॉलेज में बनाए गए संपवेल को चालू किया है. इन दोनों संपवेल से हर दिन डेढ़ एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है. इसके लिए भूमिगत जल को दो-दो मोटर पंप की मदद से संपवेल तक लाया जा रहा है, जबकि कुछ ही दिनों में सुभाष नगर के संपवेल को भी चालू कर दिया जाएगा. नगर निगम ने घुनघुट्टा के कतकालो फिल्टर प्लांट की क्षमता भी डेढ़ एमएलडी बढ़ा दी है और नए मोटर पंप के लिए टेंडर लगा है. इस तरह वर्तमान में फिल्टर प्लांट की क्षमता में वृद्धि और दो संपवेल की मदद से 3 एमएलडी पानी की व्यवस्था हो रही है. जबकि बाकी पानी बांकी डैम व घुनघुट्टा जलाशय से पूर्व की भांति लिया जा रहा है.

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कम वर्षा होने के चलते नहीं भरा बांकी जलाशय : बीते साल बारिश के मौसम में औसत से कम वर्षा होने के कारण शहर में जल आपूर्ति करने वाला बांकी जलाशय पूरी तरह नहीं भर पाया था. बांकी डैम की क्षमता 17 एमसीएम है. बारिश खत्म होने के बाद महज 17.2 प्रतिशत जलभराव हुआ. नगर निगम क्षेत्र में बांकी जलाशय से प्रतिदिन 10 क्यूसेक पानी की सप्लाई की जाती है. ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि बीते साल की तरह इस बार भी लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ सकता है.

निगम ने पेयजल की समस्या का निकाला समाधान : साल 2023 में बांकी डैम सूखने की वजह से अंबिकापुर नगर निगम दिन में एक टाइम ही पानी की सप्लाई कर पा रहा था. ऐसे में इस बार पहले से ही अंबिकापुर नगर निगम ने पेयजल की समस्या का समाधान कर लिया था. नगर निगम ने सबसे पहले बांकी डैम के क्षतिग्रस्त एनीकट गेट को स्लैब लगाकर बंद किया और ग्रैविटी पाइप लाइन को भी बंद कर दिया. इससे प्रतिदिन 6 एमएलडी पानी की बर्बादी रोकी गई. जबकि एनीकट से बाहर गए पानी को भी पम्प के माध्यम से लिफ्ट कर वापस बांध में डाला गया. इसी वजह से इस साल शहर में पानी की किल्लत नहीं हुई है.

अंबिकापुर में पेयजल संकट का मंडराया खतरा : निगम भी बांध से उतना ही पानी छोड़ रहा है, जितने की जरूरत है. इसके बाद भी भीषण गर्मी में जलाशय का पानी सूख गया और वर्तमान में जलाशय में सिर्फ 1.23 एमसीएम पानी ही शेष बचा है, जो कुल क्षमता का 7.20 प्रतिशत है. हालांकि निगम अधिकारियों का कहना है कि इससे बारिश नहीं होने की स्थिति में निगम जून महीने तक आसानी से पानी सप्लाई कर सकता है. लेकिन अगर जल्द बारिश नहीं हुई, तो शहर में पेयजल संकट आ सकता है.

"पेयजल सप्लाई को लेकर पूर्व से ही तैयारियां की जा रही थी. पानी की अनावश्यक बर्बादी को रोका गया और ग्राउंड वाटर संपवेल की मदद से सप्लाई किया गया. फिलहाल पानी की समस्या पेश नहीं आई है और आने वाले समय में भी हमारा प्रयास होगा कि पानी की समस्या शहरवासियों को ना हो." - डॉ. अजय तिर्की, महापौर, अंबिकापुर नगर निगम

इस तरह अंबिकापुर में हो रहा पानी का इंतेजाम : अंबिकापुर नगर निगम ने गर्मी में पानी की किल्लत से बचने के लिए शहर के पटपरिया और पीजी कॉलेज में बनाए गए संपवेल को चालू किया है. इन दोनों संपवेल से हर दिन डेढ़ एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है. इसके लिए भूमिगत जल को दो-दो मोटर पंप की मदद से संपवेल तक लाया जा रहा है, जबकि कुछ ही दिनों में सुभाष नगर के संपवेल को भी चालू कर दिया जाएगा. नगर निगम ने घुनघुट्टा के कतकालो फिल्टर प्लांट की क्षमता भी डेढ़ एमएलडी बढ़ा दी है और नए मोटर पंप के लिए टेंडर लगा है. इस तरह वर्तमान में फिल्टर प्लांट की क्षमता में वृद्धि और दो संपवेल की मदद से 3 एमएलडी पानी की व्यवस्था हो रही है. जबकि बाकी पानी बांकी डैम व घुनघुट्टा जलाशय से पूर्व की भांति लिया जा रहा है.

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