ETV Bharat / state

बसंत पंचमी आज, जानिए कैसे करें मां सरस्वती की पूजा ?

Saraswati Puja 2024: बसंत पंचमी के दिन मां शारदा अवतरित हुई थी. मां शारदे विद्या की देवी हैं. यही कारण है कि बसंत पंचमी के दिन मां शारदे की पूजा की जाती है. आज बसंत पंचमी के मौके पर जानिए पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त.

Basant panchmi 2024
बसंत पंचमी 2024
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 14, 2024, 4:34 AM IST

मां शारदे का प्राकट्य

रायपुर: बसंत पंचमी का पर्व आज है. इस मौके पर मां शारदे की खास पूजा की जाती है.बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था. शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी कि आज के दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है. बसंत पंचमी के महत्व और पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानने के लिए ईटीवी भारत ने रायपुर के महामाया मंदिर के पुजारी मनोज शुक्ला से बातचीत की.

जानिए क्या कहते हैं पुजारी: पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि "हर साल बसंत पंचमी का पर्व माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. आज के ही दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का प्रागट्य हुआ था. इस दिन रति का महोत्सव भी मनाया जाता है. आज ही के दिन भगवान शंकर ने कामदेव को भस्म किया था. छत्तीसगढ़ की प्रथा परंपरा के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही अरंड के पेड़ को काटकर एक जगह पर गड़ाई जाती है फिर उस पेड़ की पूजा की जाती है. उसी जगह पर होलिका दहन वाले दिन होलिका का दहन किया जाता है."

कई बच्चों का कराया जाता है विद्या आरंभ संस्कार: मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन से ही, जो छोटे बच्चे होते हैं उनका विद्या आरंभ संस्कार करवाना होता है. उनके लिए भी आज का दिन शुभ माना जाता है. बच्चों के माता-पिता किसी मंदिर में जाकर भगवान के श्री विग्रह का दर्शन कर अपने बच्चों को विद्या आरंभ संस्कार भी करवाते हैं. राजधानी के महामाया मंदिर में माता-पिता अपने बच्चों को पिछले कई सालों से बसंत पंचमी के दिन विद्या आरंभ संस्कार के लिए आते हैं.

पूजा विधि और शुभ मुहूर्त: पंचमी तिथि का आरंभ 13 फरवरी को दोपहर 2:41 से शुरू होकर इसका समापन 14 फरवरी को दोपहर 12:09 पर होगा. उदया तिथि में पंचमी तिथि 14 फरवरी को होने के कारण बसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी को ही मनाया जाएगा. बसंत पंचमी की पूजा करने के लिए 14 फरवरी की सुबह 7:01 से दोपहर 12:35 तक पूजा के लिए शुभ मुहूर्त माना गया है. बसंत पंचमी की पूजा विधि में सबसे पहले मां सरस्वती की मूर्ति या पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें. मां सरस्वती को रोली, चंदन, पीले और सफेद रंग के फूल, हल्दी, मिठाई और अक्षत अर्पित करें. इसके बाद पूजा के स्थान पर किताबों को रखकर पूजा प्रारंभ करने से पहले मां सरस्वती की वंदना का पाठ करें. विद्यार्थी चाहे तो आज के दिन मां सरस्वती के लिए व्रत भी रख सकते हैं.

बैकुंठ चतुर्दशी के दिन करिए भगवान विष्णु की पूजा, धरती पर मिलेगा स्वर्ग जैसा सुख
साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि आज, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, मिट जाएंगे हर दोष
बुध ग्रह का धनु राशि में प्रवेश, जानिए आपकी राशि पर कैसा रहेगा प्रभाव ?

मां शारदे का प्राकट्य

रायपुर: बसंत पंचमी का पर्व आज है. इस मौके पर मां शारदे की खास पूजा की जाती है.बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था. शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी कि आज के दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है. बसंत पंचमी के महत्व और पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानने के लिए ईटीवी भारत ने रायपुर के महामाया मंदिर के पुजारी मनोज शुक्ला से बातचीत की.

जानिए क्या कहते हैं पुजारी: पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि "हर साल बसंत पंचमी का पर्व माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. आज के ही दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का प्रागट्य हुआ था. इस दिन रति का महोत्सव भी मनाया जाता है. आज ही के दिन भगवान शंकर ने कामदेव को भस्म किया था. छत्तीसगढ़ की प्रथा परंपरा के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही अरंड के पेड़ को काटकर एक जगह पर गड़ाई जाती है फिर उस पेड़ की पूजा की जाती है. उसी जगह पर होलिका दहन वाले दिन होलिका का दहन किया जाता है."

कई बच्चों का कराया जाता है विद्या आरंभ संस्कार: मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन से ही, जो छोटे बच्चे होते हैं उनका विद्या आरंभ संस्कार करवाना होता है. उनके लिए भी आज का दिन शुभ माना जाता है. बच्चों के माता-पिता किसी मंदिर में जाकर भगवान के श्री विग्रह का दर्शन कर अपने बच्चों को विद्या आरंभ संस्कार भी करवाते हैं. राजधानी के महामाया मंदिर में माता-पिता अपने बच्चों को पिछले कई सालों से बसंत पंचमी के दिन विद्या आरंभ संस्कार के लिए आते हैं.

पूजा विधि और शुभ मुहूर्त: पंचमी तिथि का आरंभ 13 फरवरी को दोपहर 2:41 से शुरू होकर इसका समापन 14 फरवरी को दोपहर 12:09 पर होगा. उदया तिथि में पंचमी तिथि 14 फरवरी को होने के कारण बसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी को ही मनाया जाएगा. बसंत पंचमी की पूजा करने के लिए 14 फरवरी की सुबह 7:01 से दोपहर 12:35 तक पूजा के लिए शुभ मुहूर्त माना गया है. बसंत पंचमी की पूजा विधि में सबसे पहले मां सरस्वती की मूर्ति या पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें. मां सरस्वती को रोली, चंदन, पीले और सफेद रंग के फूल, हल्दी, मिठाई और अक्षत अर्पित करें. इसके बाद पूजा के स्थान पर किताबों को रखकर पूजा प्रारंभ करने से पहले मां सरस्वती की वंदना का पाठ करें. विद्यार्थी चाहे तो आज के दिन मां सरस्वती के लिए व्रत भी रख सकते हैं.

बैकुंठ चतुर्दशी के दिन करिए भगवान विष्णु की पूजा, धरती पर मिलेगा स्वर्ग जैसा सुख
साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि आज, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, मिट जाएंगे हर दोष
बुध ग्रह का धनु राशि में प्रवेश, जानिए आपकी राशि पर कैसा रहेगा प्रभाव ?
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.