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जुगाड़ के भवन में चल रही संत गहिरा गुरु यूनिवर्सिटी, 16 साल बाद आई एक अच्छी खबर - Sant Gahira Guru University - SANT GAHIRA GURU UNIVERSITY

Sant Gahira guru University running in rented building सरगुजा का संत गहिरा यूनिवर्सिटी इस साल अपने भवन में शिफ्ट हो सकता है. पिछले 16 साल से यूनिवर्सिटी किराए के बिल्डिंग में संचालित थी. 2018 में यूनिवर्सिटी के भवन को बनाने के लिए स्वीकृति मिली.लेकिन भवन पूरा ना हो सका.अब तक सिर्फ प्रशासनिक भवन ही पूरा हो सका है.फिर भी छात्रों और कर्मचारियों की उम्मीद नहीं टूटी है.

Sant Gahira University running in Jugaad Bhavan
जुगाड़ के भवन में चल रही यूनिवर्सिटी (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 13, 2024, 3:37 PM IST

सरगुजा : संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा संभाग की पहली यूनिवर्सिटी है. संभाग के सभी कॉलेज पहले बिलासपुर के गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी से संबंद्ध थे. लेकिन 2008 में सरगुजा को नया विश्वविद्यालय मिला. बीते वर्षों में राज्य सरकार ने यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर संत गहिरा विश्वविद्यालय कर दिया. लेकिन 16 वर्ष बाद भी यूनिवर्सिटी खुद के भवन में संचालित ना हो सकी.आज भी कछुआ चाल से यूनिवर्सिटी का काम चल रहा है.



नए भवन के लिए जारी हुआ टेंडर : 2008 में शासन ने संत गहिरा गुरु विश्व विद्यालय और इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन निर्माण की स्वीकृति दी थी. निर्माण का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को दिया गया था. शासन से मिली स्वीकृति के बाद विभाग ने भकुरा में 15 करोड़ 34 लाख और 9 करोड़ 56 लाख रुपए के टेंडर जारी हुए.वहीं 4 करोड़ की लागत से इंजीनियरिंग कॉलेज भवन के लिए टेंडर जारी हुआ.

टेंडर के बाद शुरु हुआ काम : टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यूनिवर्सिटी भवन के लिए 1340.97 लाख रुपए की लागत से 12.60 प्रतिशत बिलो की दर से प्रशासनिक भवन, विज्ञान एवं आर्ट डिपार्टमेंट और स्टाफ क्वॉटर के लिए दुर्ग की श्याम इंफ्रास्ट्रचर कंपनी को टेंडर मिला. इसके साथ ही भवन के लिए दूसरा टेंडर 14.40 प्रतिशत बिलो की दर पर 818.58 लाख की लागत से सूरजपुर के आकाश कंस्ट्रक्शन को दिया गया. आकाश कंस्ट्रक्शन को यूनिवर्सिटी का आडिटोरियम, लाइब्रेरी, वीसी बंगला, रजिस्ट्रार बंगला का बनाना था.


2018 को टेंडर हुआ था जारी : श्याम इंफ्रा को PWD द्वारा 10 जुलाई 2018 को वर्क ऑर्डर जारी किया गया था . इस काम को 20 माह में पूर्ण करना था. जबकि आकाश कंस्ट्रक्शन को 8 अगस्त 2018 को वर्क ऑर्डर जारी किया था .इस काम को 15 माह में पूरा करना था. लेकिन शुरु से ही दोनों कंस्ट्रक्शन कंपनियां निर्माण में कोताही बरत रही है.लेकिन 2020 में डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी ठेकेदार निर्माण का 20 प्रतिशत हिस्सा भी पूरा नहीं कर सके.कई बार विभाग ने कंपनियों को नोटिस दिया लेकिन इसके बाद भी काम ने रफ्तार नहीं पकड़ी.




4 साल बाद भी काम अधूरा : ईटीवी भारत ने अब 4 साल बाद यूनिवर्सिटी कैंपस का जायजा लिया. हमारी टीम दुर्गम रास्तों से होते हुए भकुरा गांव पहुंची.जहां प्रशासनिक भवन का काम होता दिखा.प्रशासनिक भवन का काम लगभग पूरा हो चुका है. इसके साथ ही कुछ और छोटे भवन बनकर तैयार हैं. यूनिवर्सिटी का विशाल द्वार भी बनकर तैयार हो चुका है.

जुगाड़ के भवन में चल रही यूनिवर्सिटी (ETV Bharat Chhattisgarh)


क्या कहते हैं यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार ? : इस विषय पर हमने संत गहिरा गुरु विवि के कुलपति और कुलसचिव दोनों से बात की. हमारे सवाल पर कुलपति डॉ. अशोक सिंह ने बड़ी ही निर्भीकता से जवाब दिया और यह स्पष्ट कर दिया कि यूनिवर्सिटी की अंदरूनी पॉलिटिक्स के कारण निर्माण में देरी हुई.

" बहुत सारी ऐसी बातें हैं जो मैं ऑन द रिकॉर्ड नहीं कह सकता हूं. लेकिन एकेडमी भवन बन गया है. हम जून के बाद अपने कार्यालय वहां शिफ्ट कर रहे हैं, यूटीडी की कुछ क्लास भी उसी भवन में शुरू कर दी जाएंगी. मुझे यहां आए 3 साल से अधिक समय हो गया. आने के बाद मैं सतत प्रयास कर रहा हूं कि जल्द से जल्द कैम्पस का निर्माण हो.हम वहां रहकर काम को आगे बढ़ा सकें"- डॉ अशोक सिंह, कुलपति

वहीं कुलसचिव डॉ. एस के त्रिपाठी ने बताया एकेडमिक भवन का काम पूरा हो चुका है वो इतना बड़ा है कि जुलाई में हम नए कैम्पस में शिफ्ट कर रहे हैं. वहां हम यूडीटी की क्लासेस भी लगाएंगे, सबसे अधिक स्ट्रेंथ फार्मेसी की है तो प्रयास रहेगा की पूरा फार्मेसी डिपार्टमेंट वहां शुरू हो जाए.

''शिफ्टिंग के लिए पार्टिशन, इलेक्ट्रिक, इंटरनेट जैसी छोटी छोटी व्यवस्थाओं पर भी काम शुरू हो चुका है. ताकि जब हम वहां जाए तो कोई दिक्कत ना हो, कर्मचारियों और छात्रों के आने जाने के लिए बस खरीदी जा रही उसका टेंडर किया जा रहा है"- डॉ एस के त्रिपाठी, कुलसचिव

कुलपति और कुलसचिव के दावों के बाद अब लगने लगा है कि इस साल संत गहिरा यूनिवर्सिटी में कर्मचारियों का प्रवेश हो जाएगा.कर्मचारी अपने खुद के कैम्पस में काम कर सकेंगे. छात्र भी जुगाड़ के संकरे भवन से निकलकर आलीशान बिल्डिंग और खुले वातावरण में पढ़ाई करेंगे. फिलहाल पूरा कैंपस बनने में अभी और वक्त लगेगा.

सरगुजा : संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा संभाग की पहली यूनिवर्सिटी है. संभाग के सभी कॉलेज पहले बिलासपुर के गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी से संबंद्ध थे. लेकिन 2008 में सरगुजा को नया विश्वविद्यालय मिला. बीते वर्षों में राज्य सरकार ने यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर संत गहिरा विश्वविद्यालय कर दिया. लेकिन 16 वर्ष बाद भी यूनिवर्सिटी खुद के भवन में संचालित ना हो सकी.आज भी कछुआ चाल से यूनिवर्सिटी का काम चल रहा है.



नए भवन के लिए जारी हुआ टेंडर : 2008 में शासन ने संत गहिरा गुरु विश्व विद्यालय और इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन निर्माण की स्वीकृति दी थी. निर्माण का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को दिया गया था. शासन से मिली स्वीकृति के बाद विभाग ने भकुरा में 15 करोड़ 34 लाख और 9 करोड़ 56 लाख रुपए के टेंडर जारी हुए.वहीं 4 करोड़ की लागत से इंजीनियरिंग कॉलेज भवन के लिए टेंडर जारी हुआ.

टेंडर के बाद शुरु हुआ काम : टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यूनिवर्सिटी भवन के लिए 1340.97 लाख रुपए की लागत से 12.60 प्रतिशत बिलो की दर से प्रशासनिक भवन, विज्ञान एवं आर्ट डिपार्टमेंट और स्टाफ क्वॉटर के लिए दुर्ग की श्याम इंफ्रास्ट्रचर कंपनी को टेंडर मिला. इसके साथ ही भवन के लिए दूसरा टेंडर 14.40 प्रतिशत बिलो की दर पर 818.58 लाख की लागत से सूरजपुर के आकाश कंस्ट्रक्शन को दिया गया. आकाश कंस्ट्रक्शन को यूनिवर्सिटी का आडिटोरियम, लाइब्रेरी, वीसी बंगला, रजिस्ट्रार बंगला का बनाना था.


2018 को टेंडर हुआ था जारी : श्याम इंफ्रा को PWD द्वारा 10 जुलाई 2018 को वर्क ऑर्डर जारी किया गया था . इस काम को 20 माह में पूर्ण करना था. जबकि आकाश कंस्ट्रक्शन को 8 अगस्त 2018 को वर्क ऑर्डर जारी किया था .इस काम को 15 माह में पूरा करना था. लेकिन शुरु से ही दोनों कंस्ट्रक्शन कंपनियां निर्माण में कोताही बरत रही है.लेकिन 2020 में डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी ठेकेदार निर्माण का 20 प्रतिशत हिस्सा भी पूरा नहीं कर सके.कई बार विभाग ने कंपनियों को नोटिस दिया लेकिन इसके बाद भी काम ने रफ्तार नहीं पकड़ी.




4 साल बाद भी काम अधूरा : ईटीवी भारत ने अब 4 साल बाद यूनिवर्सिटी कैंपस का जायजा लिया. हमारी टीम दुर्गम रास्तों से होते हुए भकुरा गांव पहुंची.जहां प्रशासनिक भवन का काम होता दिखा.प्रशासनिक भवन का काम लगभग पूरा हो चुका है. इसके साथ ही कुछ और छोटे भवन बनकर तैयार हैं. यूनिवर्सिटी का विशाल द्वार भी बनकर तैयार हो चुका है.

जुगाड़ के भवन में चल रही यूनिवर्सिटी (ETV Bharat Chhattisgarh)


क्या कहते हैं यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार ? : इस विषय पर हमने संत गहिरा गुरु विवि के कुलपति और कुलसचिव दोनों से बात की. हमारे सवाल पर कुलपति डॉ. अशोक सिंह ने बड़ी ही निर्भीकता से जवाब दिया और यह स्पष्ट कर दिया कि यूनिवर्सिटी की अंदरूनी पॉलिटिक्स के कारण निर्माण में देरी हुई.

" बहुत सारी ऐसी बातें हैं जो मैं ऑन द रिकॉर्ड नहीं कह सकता हूं. लेकिन एकेडमी भवन बन गया है. हम जून के बाद अपने कार्यालय वहां शिफ्ट कर रहे हैं, यूटीडी की कुछ क्लास भी उसी भवन में शुरू कर दी जाएंगी. मुझे यहां आए 3 साल से अधिक समय हो गया. आने के बाद मैं सतत प्रयास कर रहा हूं कि जल्द से जल्द कैम्पस का निर्माण हो.हम वहां रहकर काम को आगे बढ़ा सकें"- डॉ अशोक सिंह, कुलपति

वहीं कुलसचिव डॉ. एस के त्रिपाठी ने बताया एकेडमिक भवन का काम पूरा हो चुका है वो इतना बड़ा है कि जुलाई में हम नए कैम्पस में शिफ्ट कर रहे हैं. वहां हम यूडीटी की क्लासेस भी लगाएंगे, सबसे अधिक स्ट्रेंथ फार्मेसी की है तो प्रयास रहेगा की पूरा फार्मेसी डिपार्टमेंट वहां शुरू हो जाए.

''शिफ्टिंग के लिए पार्टिशन, इलेक्ट्रिक, इंटरनेट जैसी छोटी छोटी व्यवस्थाओं पर भी काम शुरू हो चुका है. ताकि जब हम वहां जाए तो कोई दिक्कत ना हो, कर्मचारियों और छात्रों के आने जाने के लिए बस खरीदी जा रही उसका टेंडर किया जा रहा है"- डॉ एस के त्रिपाठी, कुलसचिव

कुलपति और कुलसचिव के दावों के बाद अब लगने लगा है कि इस साल संत गहिरा यूनिवर्सिटी में कर्मचारियों का प्रवेश हो जाएगा.कर्मचारी अपने खुद के कैम्पस में काम कर सकेंगे. छात्र भी जुगाड़ के संकरे भवन से निकलकर आलीशान बिल्डिंग और खुले वातावरण में पढ़ाई करेंगे. फिलहाल पूरा कैंपस बनने में अभी और वक्त लगेगा.

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